साली का रेप, पत्नी का मर्डर और कब्र से निकली लाश... छोटी बहन ने ऐसे खोला नाजिया के मर्डर का राज

यूपी के मऊ में सिर्फ 30 घंटे के लिए कब्र से लाशघर तक लाने और ले जाने के लिए जिस नाजिया को बाहर निकाला गया था उस नाजिया की मौत साढ़े चार महीने पहले ही हो चुकी थी. नाजिया की मौत 30 नवंबर 2024 को हुई थी.

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नाजिया के कत्ल का राज उसकी छोटी बहन ने खोला नाजिया के कत्ल का राज उसकी छोटी बहन ने खोला

aajtak.in

  • मऊ,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

Mau Nazia Murder Case: कब्रिस्तान की एक क्रब में पिछले साढ़े चार महीने से एक मुर्दा सो रहा था. साढ़े चार महीने बाद एक अदालत का हुक्म आता है. मुर्दे को कब्र से बाहर निकाला जाए. क्योंकि उससे उसकी मौत की वजह पूछनी है. हुक्म के मुताबिक, पूरे तीस घंटे के लिए उसे मुर्दे को कब्र से बाहर निकाला जाता है. अब वो मुर्दा कब्र से निकलकर लाशघर पहुंच जाता है. और इसके बाद जो होता है, वो बेहद हैरान करने वाला है.
  
मुस्लिम रीति रिवाज के हिसाब से मौत के बाद की आखिरी मंजिल कब्र है. यूपी के मऊ इलाके में एक कब्रिस्तान है. और वहां एक जगह पर एक निशान लगाया गया. जिसके नीचे एक कब्र है. कब्र 30 साल की एक महिला नाजिया खातून की. उस जगह की पैमाइश के साथ-साथ आसपास लोकल पुलिस और लोकल कोर्ट के नुमाइंदे मौजूद थे. साथ ही खड़ी थी एक जेसीबी मशीन.

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13 अप्रैल 2025, सुबह 11 बजे
मऊ के उस कब्रिस्तान में कोर्ट के नुमाइंदे की इजाजत मिलते ही जेसीबी मशीन हरकत में आती है और खुदाई शुरु हो जाती है. अगले 26 मिनट तक ये खुदाई जारी रहती है. 26 मिनट की खुदाई के बाद आखिरकार मशीन और इंसान उस गहराई तक पहुंच चुके थे, जहां नाजिया लेटी थी. नाजिया की लाश अब बाहर निकाली जाती है. लाश को समेट कर अब यहां से करीब 22 किलोमीटर दूर मऊ के इस सरकारी लाशघर में पहुंचा दिया जाता है. 

डॉक्टरों के पैनल ने किया लाश का पोस्टमार्टम 
लाशघर में जब नाजिया खातून की लाश पहुंचाई गई, तब भी तारीख थी 13 अप्रैल, लेकिन वक्त था दोपहर के 1 बजे. यानि कब्र से बाहर आए हुए नाजिया को दो घंटे हो चुके थे. 13 अप्रैल की पूरी रात नाजिया उसी लाशघर में रहती है. अब 14 अप्रैल की सुबह हो चुकी थी. अदालत के नुमाइंदों के हुक्म के बाद डॉक्टरों का एक पैनल नाजिया की लाश का पोस्टमार्टम करती है. पोस्टमार्टम और लिखा पढ़ी में करीब 6 घंटे गुजर जाते हैं. 

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30 घंटे कब्र से बाहर रही नाजिया की लाश
एक बार फिर नाजिया की लाश मुर्दाघर से विदा लेती है. अगले घंटे भर वो वापस एक बार फिर से अपने परमानेंट घर पहुंच चुकी थी. तब शाम के करीब 5 बजे थे. लगभग 29 घंटे पहले जिस कब्र को खोदकर नाजिया को बाहर निकाला गया था, अब नाजिया उसी कब्र में एक बार फिर से दफनाई जा रही थी. तब तारीख थी 14 अप्रैल और वक्त हुआ था शाम के 6 बजे. और इस तरह कब्र से शुरु हुआ लाश का सफर लाशघर से होते हुए 30 घंटे के अंदर इसी कब्र पर आकर खत्म हो जाता है. पर अभी सिर्फ सफर खत्म हुआ है कहानी तो अब शुरु हुई है.

30 नवंबर 2024 को हुई थी नाजिया की मौत
सिर्फ 30 घंटे के लिए कब्र से लाशघर तक लाने और ले जाने के लिए जिस नाजिया को बाहर निकाला गया था उस नाजिया की मौत साढ़े चार महीने पहले ही हो चुकी थी. नाजिया की मौत 30 नवंबर 2024 को हुई थी. शादीशुदा नाजिया की मौत के बाद उसके शौहर, तमाम ससुराल वाले और मायके वालों ने पूरी आखिरी रस्म के साथ नाजिया को इस कब्रिस्तान में दफनाया था. 

कोर्ट के आदेश पर कब्र की खुदाई
अब सवाल ये है कि फिर नाजिया को साढ़े चार महीने बाद बाहर क्यों निकाला गया. तो इसका जवाब है जब नाजिया को इस कब्रिस्तान में दफनाया गया था तब उसकी मौत हुई थी. लेकिन अब जब उसे बाहर निकाला गया है, तब उसका कत्ल हुआ है. और इसी कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए कोर्ट के इन नुमाइंदों के सामने कब्र की खुदाई की गई थी.

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होटल में साली के साथ रेप
अब चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं. मऊ के घोसी कोतवाली की रहने वाली नाजिया खातून की शादी करीब साढे चार साल पहले अयूब के साथ हुई थी. शादी के बाद पीडि़ता अक्सर अपने बहन के घर जाया करती थी. बीते साल नाजिया प्रेगनेंट थी. इसी दौरान एक रोज अयूब बहाने से नाजिया की बहन यानि अपने साली को एक होटल में ले गया और वहां उसके साथ जबरदस्ती की. इतना ही नहीं उसने उस पल की तस्वीरें भी मोबाइल में कैद कर ली. इसके बाद धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वो उसकी तस्वीरें वायरल कर उसके घर वालों को रुसवा कर देगा. घरवालों की रुसवाई के डर से नाजिया की बहन खामोश रही. 

नाजिया ने अपनी आंखों से देखी पति की करतूत
उधर, चूंकि नाजिया प्रेगनेंट थी. इसलिए ऐसे वक्त में उसकी मदद के लिए नाजिया की बहन कुछ वक्त के लिए उसी के साथ उसके घर में थी. इस दौरान कई बार उसे अकेला पाकर अयूब ने उसे ब्लैकमेल करते हुए उसके साथ फिर जबरदस्ती की. 30 नवंबर 2024 को एक बार फिर अपने ही घर में अयूब अपनी साली के साथ जबरदस्ती कर रहा था. तभी नाजिया ने ये सबकुछ अपनी आंखों से देख लिया. नाजिया ने अपने शौहर को धमकी दी. नाजिया की बहन ने उसे ब्लैकमेलिंग और जबरदस्ती वाली बात बता दी. इसी के बाद 30 नवंबर 2024 को ही बकौल पीड़िता अयूब और उसकी मां ने मिलकर पहले नाजिया को बुरी तरह पीटा और फिर उसे जमीन पर पटक दिया. नाजिया की मौत उसी दिन हो चुकी थी.

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नाजिया की मौत के बाद साली पर शादी का दबाव
रुसवाई और धमकी के डर से नाजिया की बहन घर तो लौट आई लेकिन उसने किसी को भी ये सच्चाई नहीं बताई. शायद वो खामोश भी रहती मगर तभी नाजिया की मौत के महीने भर बाद से ही अयूब अब उसपर निकाह करने के लिए दबाव डालने लगा. वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा. इसी धमकी के बाद नाजिया की बहन 1 फरवरी 2025 को घोसी कोतवाली पहुंची और वहां अयूब और उसके परिवार के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी. रिपोर्ट में बार बार उसके साथ जबरदस्ती किए जाने और नाजिया के कत्ल की बात थी.

कत्ल के मामले में पुलिस की लापरवाही
इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रेप के इल्जाम में अय्यूब को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया. पर कमाल ये है कि शिकायत की जांच के बाद जांच अधिकारी ने बाकी सारी धाराएं तो लगा दी लेकिन नाजिया के कत्ल की धारा अय्यूब के खिलाफ नहीं लगाई. पीडित और उसका परिवार अय्यूब के खिलाफ कत्ल का मुकदमा भी दर्ज करने की मांग को लेकर कई बार थाने पहुंचा. लेकिन कमाल ये कि बिना पोस्टमार्टम कराए घोसी पुलिस ने अपनी तरफ से ही कत्ल के मामले में अय्यूब को क्लीन चिट दे दी. पुलिस का कहना था कि मामला कत्ल का है ही नहीं. जबकि बिना लाश के पोस्टमार्टम कराए पुलिस इस नतीजे तक पहुंच ही नहीं सकती थी.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
पुलिस से मायूस होकर पीड़िता का परिवार फिर से अपने वकील के पास पहुंचा. परिवार इस बात के लिए तैयार था कि कत्ल का मुकदमा दर्ज करने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें नाजिया की लाश कब्र से बाहर निकालने पर कोई एतराज नहीं है. इसी के बाद पीड़िता के वकील ने मऊ की जिला कोर्ट में अर्जी लगा दी. मऊ कोर्ट के उसी आदेश के बाद 13 अप्रैल को नाजिया को कब्र से बाहर निकाला गया. कोर्ट के फैसले के मुताबिक, नाजिया को पोस्टमार्टम हो चुका है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसी मऊ कोर्ट में सौंपी जानी है, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.

बदल गई नाजिया की कब्र
वैसे चलते चलते एक आखिरी बात, साढ़े चार महीने बाद नाजिया को 30 घंटे के लिेए कब्र से बाहर निकाला तो गया. लेकिन 30 घंटे बाद जब उसे दोबारा दफनाया गया तब कब्र बदल चुकी थी. इस बार नाजिया को एक नई कब्र में दफनाया गया. ये कब्र नाजिया के अपने मोहल्ले के कब्रिस्तान में थी. और इस बार उसके आखिरी रस्म में सिर्फ और सिर्फ उसके अपने घरवाले ही शामिल हुए थे. अय्यूब या उसके परिवार के किसी भी शख्स को यहां आने की इजाजत नहीं थी.

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(मऊ से दुर्गा किंकर सिंह का इनपुट)

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