Shraddha Walker Murder Case: खरीदा बड़ा बैग, कैब वालों से की बात... हिमाचल में श्रद्धा की लाश को ठिकाने लगाने की फिराक में था आफताब

18 मई 2022 को श्रद्धा का मर्डर करने के बाद आफताब के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि अब श्रद्धा की लाश को कैसे और कहां ठिकाने लगाया जाए? इसी उधेड़-बुन में जुटे आफताब ने लाश को हिमाचल प्रदेश ले जाकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था.

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पहले श्रद्धा की लाश को हिमाचल में ठिकाने लगाना चाहता था आफताब पहले श्रद्धा की लाश को हिमाचल में ठिकाने लगाना चाहता था आफताब

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

Shraddha Walker Murder Case: पूरे देश को दहला देने वाले श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. जिसके हर पन्ने पर जुर्म की एक ऐसी इबारत लिखी गई है, जिसे लोग कभी भूलेंगे नहीं. इस मर्डर केस की जांच में पुलिस और फॉरोंसिक टीम ने दिन रात एक कर दिया और अब इस मामले का हर सच बेनकाब हो गया है. तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि श्रद्धा का कत्ल करने के बाद आरोपी आफताब अमीन पूनावाला उसकी लाश को हिमाचल प्रदेश में ठिकाने लगाना चाहता था.

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बेनकाब हो गई पूरी साजिश
असल में पुलिस की लंबी छानबीन और जांच के बाद श्रद्धा मर्डर केस की पूरी कहानी सामने आ चुकी है. पुलिस ने चार्जशीट में इस बात का खुलासा भी कर दिया है कि वारदात के दिन यानी 18 मई 2022 को आखिर हुआ क्या था? क्यों उस दिन आफताबने अपनी महबूबा का कत्ल कर दिया था? और कत्ल करने के बाद उसने लाश को बेरहमी के साथ टुकड़े-टुकड़े क्यों कर दिया था. चलिए आपको उस दिन की पूरी कहानी बताते हैं. 

पहली बार नए दोस्त से मिलने गई थी श्रद्धा
इससे पहले कि हम आपको 18 मई 2022 का सच बताएं, पहले ये जान लीजिए कि वारदात से ठीक एक दिन पहले आखिर क्या हुआ था. श्रद्धा वॉल्कर के मोबाइल में एक डेटिंग एप था. वही एप जिसके जरिए उसकी मुलाकात आफताब से हुई थी. उसी एप्लीकेशन के ज़रिए श्रद्धा की जान-पहचान हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाले एक लड़के से हो गई थी. यही वो शख्स था, जिससे मिलने के लिए 17 मई 2022 को श्रद्धा छतरपुर से निकलकर गुरुग्राम जा रही थी. वो उस दिन सुबह ही घर से निकल गई थी. जानकारी के मुताबिक श्रद्धा पहली बार उस नए दोस्त से मिलने के लिए गुरुग्राम गई थी.

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रात में भी वापस नहीं लौटी थी श्रद्धा
श्रद्धा गुरुग्राम जाने के बाद उस शाम घर नहीं लौटी थी. आफताब परेशान हो रहा था कि आखिर श्रद्धा कहां चली गई. वो मोबाइल फोन पर भी जवाब नहीं दे रही थी. लिहाजा आफताब रातभर परेशान था. मगर दूसरे दिन यानी 18 मई 2022 की सुबह तकरीबन 11 बजे श्रद्धा वापस छतरपुर के फ्लैट पर लौट आई. 

पुलिस को 18 मई का सीसीटीवी फुटेज भी मिल चुका है, जिसमें श्रद्धा फ्लैट में दाखिल होते दिख रही है. फ्लैट में दाखिल होते ही उसका सामना आफताब से हुआ. वो पहले ही गुस्से में था. श्रद्धा को देखते ही आफताब भड़क गया और उसने सवाल पूछा कि तुम रातभर कहां थी? और रात को वापस क्यों नहीं आई? 

गला दबाकर किया था श्रद्धा का मर्डर
आफताब के सवाल का श्रद्धा वॉल्कर ने पलट कर जवाब दिया, तुमसे मतलब? मेरा जो मन करेगा वो मैं करूंगी. श्रद्धा का ये जवाब सुनकर आफताब आग बबूला हो गया और उसने श्रद्धा की पिटाई कर दी. हालांकि थोड़ी देर बाद दोनों नॉर्मल हो गए थे. इसके बाद दोनों ने ऑनलाइन खाना मंगवाया. मगर खाना खाने से पहले ही आफताब एक बार फिर श्रद्धा से सवाल करने लगा. जिस पर दोनों के बीच फिर से झगड़ा होने लगा. तभी आफताब ने श्रद्धा को नीचे गिराया और उसकी छाती पर बैठ गया. इसी दौरान उसने दोनों हाथों से श्रद्धा का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.

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लाश को हिमाचल में ठिकाने लगाने का प्लान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 18 मई 2022 को श्रद्धा का मर्डर करने के बाद आफताब के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि अब श्रद्धा की लाश को कैसे और कहां ठिकाने लगाया जाए? इसी उधेड़-बुन में जुटे आफताब ने लाश को हिमाचल प्रदेश ले जाकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. उसने सोचा कि वो श्रद्धा की लाश को बैग में डालकर हिमाचल ले जाएगा और वहीं लाश को ठिकाने लगा देगा.

कैब के लिए कई ट्रैवल एजेंट से की थी बात 
इसके बाद आरोपी आफताब अमीन पूनावाला बाजार गया और वहां से 1200 रुपये का काले रंग एक बड़ा बैग खरीदकर ले आया. इसके बाद आफताब ने कुछ ट्रैवल एजेंट को कॉल किए और कैब बुक करने के लिए उनसे बातचीत करने लगा. 

पुलिस चेकिंग की वजह से कैंसिल किया प्लान
मगर उसी दौरान आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने सोचा कि अगर वो बैग में लाश डालकर कैब से ले भी जाता है, तो दिल्ली से हिमाचल प्रदेश जाते वक्त हाई-वे पर जगह-जगह पुलिस चेकिंग होती रहती है. ऐसे में उसका यह प्लान फैल हो सकता है. यही सोचकर आफताब ने इस प्लान को कैंसिल कर दिया.

ऐसे मिला जंगल में लाश फेंकने का आइडिया
आफताब के उसी फ्लैट में जहां एक तरफ श्रद्धा की लाश पड़ी थी, वहीं बैठकर वो लाश को ठिकाने लगाने के बारे में सोचता रहा. तभी उसी खयाल आया कि वो अपने दोस्त बदरी की छत पर जाकर सिगरेट पीता था और वहां छत से जंगल दिखाई देता था. बस उसी वक्त आफताब ने तय किया की वो अब लाश के टुकड़े करेगा और टुकड़ों को जंगल में फेंकेगा.

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बाथरूम में किए थे लाश के टुकड़े
इसके बाद उसने तेजधार हथियारों का इंतजाम किया. फिर अफताब ने उसी रात फ्लैट के बाथरूम में लाश के टुकड़े किए. उसने लाश के टुकड़े बेहद छोटे-छोटे किए थे, ताकि अगर वो किसी को मिल जाए तो वो टुकड़े इंसान के ही हैं, इस बात की शिनाख्त करना आसान न हो. इतना ही नहीं उंगलियों और नाखून को उसने अलग-अलग करके जला दिया था. ये सब आफताब ने पुलिस के सामने खुद कबूल किया है. 

मरने के बाद भी ऐसे 'जिंदा' थी श्रद्धा
एक तरफ श्रद्धा की हत्या करने के बाद आफताब किश्तों में उसकी लाश के टुकड़े फेंकता रहा तो दूसरी तरह उसने श्रद्धा के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर श्रद्धा को लोगों के बीच जिंदा रखा था. जांच में पता चला की श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब श्रद्धा का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहा था. श्रद्धा के मोबाइल पर कोई कॉल आती तो अफताब उस कॉल को रिसीव करके छोड़ देता था, अफताब की ये सोच थी अगर आने वाले दिनों में हत्याकांड का खुलासा भी होता है और जांच टीम श्रद्धा का मोबाइल खंगालती है तो सबको यही पता चले की श्रद्धा जिंदा थी. 

श्रद्धा के मोबाइल से किए चैटिंग
इतना ही नहीं अफताब श्रद्धा के मोबाइल से श्रद्धा के दोस्तों को भी कॉल करता था और कोई कॉल रिसीव करता था वो मोबाइल फोन अलग रख देता था. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में मुंबई के केस का जिक्र भी किया है. पुलिस ने बताया है कि कैसे अफताब श्रद्धा को बेरहमी से पीटता था और एक बार जान से मारने की धमकी भी दे चुका था. 

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जांच के लिए पुलिस की 9 टीमें
हाल ही में दिल्ली पुलिस की संयुक्त पुलिस आयुक्त (साउथ रेंज) मीनू चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया था कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस की 9 टीमें बनाई गई थीं. साथ ही एक एसआईटी का गठन किया गया था. इस केस की जांच का दायरा दिल्ली ही नहीं बल्कि चार राज्यों तक फैला था. जिसमें दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश भी शामिल था.

फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद
ज्वाइंट कमिश्नर मीनू चौधरी ने बताया था कि आफताब ने हत्या के बाद श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे. इसलिए लाश के टुकड़े बरामद करने के लिए अलग टीम बनाई गई थी. उस टीम ने अफताब की निशानदेही पर टुकड़े बरामद किए थे. उन्होंने बताया कि आरोपी अफताब अमीन पूनावाला से एक नहीं बल्कि कई अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की. इस केस में पूछताछ के लिए एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया था. मौका-ए-वारदात यानी क्राइम सीन पर एफएसएल (FSL) और सीएफएसएल (CFSL) से भी जांच करवाई गई.

अहम साबित हुए डिजिटल एविडेंस 
संयुक्त पुलिस आयुक्त (साउथ रेंज) मीनू चौधरी के अनुसार, इस मामले के आरोपी आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया. साथ ही गुरुग्राम और दिल्ली से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को सबूत के तौर पर लिया गया. यही नहीं आफताब का लैपटॉप, सोशल मीडिया जैसे डिजिटल एविडेंस भी बरामद किए गए. श्रद्धा की लाश को काटने के लिए कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था, जिनमें से कुछ हथियार पुलिस ने बरामद किए हैं.

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150 से ज्यादा लोगों की गवाही
ज्वाइंट कमिश्नर मीनू चौधरी के मुताबिक सभी सबूतों के साथ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इस मामले में पुलिस ने 150 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. जिनका जिक्र चार्जशीट में किया गया है. 

हत्या का मकसद 
जार्जशीट के मुताबिक, 17 मई 2022 को श्रद्धा अपने दूसरे दोस्त से मिलने गुरुग्राम गई थी. इसके बाद वो 18 मई 2022 की दोपहर वापस लौटी थी. इस बात को लेकर अफताब नाराज हो गया था. इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ और आफताब ने उसकी हत्या कर दी थी. 

वकील बदलना चाहता है आफताब
आरोपी आफताब अपने वकील से नाराज लग रहा है. वो इस मामले की चार्जशीट अपने वकील को नहीं दिखाना चाहता है. उसने अपना वकील बदलने की बात कर दी है. आफताब की न्यायिक हिरासत 7 फरवरी 2023 तक बढ़ा दी गई है. 

आफताब को भी मिलेगी चार्जशीट
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पुलिस ने आफताब का नार्को टेस्ट कराया था. उससे पहले पॉलीग्राफी टेस्ट भी हुआ था. उससे कई तरह के सवाल-जवाब पूछे गए थे, उसी के बाद चार्जशीट तैयार हुई. अब आफताब ने चार्जशीट की एक कॉपी उससे मांगी है. इस पर मजिस्ट्रेट ने साफ कहा है कि 7 फरवरी को इस मांग पर संज्ञान लिया जाएगा. इसके बाद ही आफताब को केस की चार्जशीट मिल पाएगी.
 

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