7 साल, 30 बच्चियां, कत्ल और लाश से रेप... सीरियल किलर रविंदर कुमार की दरिंदगी की खौफनाक कहानी

Serial Killer Ravinder Kumar: सात साल, 30 मासूम बच्चियां, और एक दरिंदा, जिसने न सिर्फ उनकी जिंदगियां छीनीं, बल्कि लाशों के साथ भी अपनी हवस मिटाई. यह कहानी है सीरियल किलर रविंद्र कुमार की, जिसने दिल्ली की गलियों को खून से रंग दिया और इंसानियत को शर्मसार कर दिया.

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सीरियल किलर रविंदर कुमार को साल 2014 के एक मामले में दोषी ठहराया गया. (Photo: ITG) सीरियल किलर रविंदर कुमार को साल 2014 के एक मामले में दोषी ठहराया गया. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

दिल्ली की अदालत ने शनिवार को एक हैवान दरिंदे को एक बार फिर गुनहगार करार दिया. 35 साल के रविंद्र कुमार के जुर्म की दास्तान इतनी खौफनाक है कि सुनकर किसी का भी रूह कांप जाए. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत पेश किए हैं और आरोपी की सफाई में कोई दम नहीं है. अब उसे 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी.

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यह सनसनीखेज मामला 2014 का है. ढाई साल की मासूम अचानक घर से गायब हो गई थी. कुछ घंटों बाद उसकी लाश बरामद हुई. पुलिस की तफ्तीश ने रविंद्र कुमार तक पहुंचाया. उसकी गिरफ्तारी हुई. पूछताछ के दौरान जो खुलासा हुआ, उसने पुलिस के भी होश उड़ा दिए. दरिंदे ने खुद कुबूल किया कि वो अब तक 30 बच्चियों को शिकार बना चुका है.

पुलिस के मुताबिक उसके निशाने पर ज्यादातर 6 से 12 साल की बच्चियां थीं. जब पहली बार उसे पकड़ा गया, तो सिर्फ एक हत्या की जांच चल रही थी. लेकिन रविंद्र ने खुद मुंह खोलकर खौफनाक सच उगल दिया. उसने कहा था, "मैंने बच्चों का अपहरण किया, रेप किया और फिर उन्हें मार डाला. यहां तक कि शव के साथ भी रेप किया. मुझे उसमें मजा आता था."

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पुलिस जांच से सामने आया कि रविंद्र हर शाम शराब या ड्रग्स के नशे में धुत होकर अपने घर से निकलता. अपने टारगेट की तलाश में वो एक दिन में 40 किलोमीटर तक पैदल चल लेता. बच्चियों को पैसे या टॉफी का लालच देता. सुनसान जगह पर ले जाकर दरिंदगी करता. इसके बाद उनकी हत्या कर देता. कई बार शव के साथ भी रेप करता. उसने 2 साल के बच्चे तक को नहीं छोड़ा.

नशे और पोर्न फिल्मों की लत ने रविंद्र को हैवान बना दिया

उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला रविंद्र कुमार मजदूर परिवार से ताल्लुक रखता है. पिता प्लंबर और मां घरेलू काम करती थीं. साल 2008 में रोजगार की तलाश में दिल्ली आया, लेकिन यहां नशे और पोर्न फिल्मों की लत ने उसे हैवान बना दिया. उसी साल उसने पहली बच्ची का रेप और हत्या की थी. पकड़ा नहीं गया और उसका हौसला बढ़ता चला गया.

पहली बार पकड़े जाने के बाद सबूतों के अभाव हुआ रिहा

साल 2014 में पहली बार पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, लेकिन सबूतों की कमी से अदालत ने छोड़ दिया. साल 2015 में 6 साल की बच्ची के अपहरण केस में दिल्ली के रोहिणी से फिर पकड़ा गया. इस बार पुलिस के पास पुख्ता सबूत थे. मजबूत चार्जशीट के बाद मई 2023 में अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तबसे वो सलाखों के पीछे हैं.

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पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासे

साल 2014 वाले केस में अदालत ने 23 अगस्त को कहा, ''बच्ची को आखिरी बार रविंद्र के साथ देखा गया था. यही कड़ी उसे सीधे अपराध से जोड़ती है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट, होंठों पर दांतों के निशान और दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई. छोटी बच्ची का शरीर बेहद नाजुक होता है. मामूली चोट भी जानलेवा साबित होती है. यहां हत्या की नीयत बिल्कुल साफ थी."

अदालत ने कहा- ये अमानवीय और निर्मम अपराध है

अदालत ने रविंद्र कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 (हत्या) और 363 (अपहरण) के तहत दोषी करार दिया. अदालत ने साफ कहा, "उसका अपराध अमानवीय और निर्मम है. न समाज को, न अदालत को और न ही कानून को उसके लिए किसी नरमी की गुंजाइश है." यह सिर्फ एक कातिल की कहानी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है.

 

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