9 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर झांसी की रहने वाली 22 साल की कृतिका ने अपने फेसबुक पर एक रील अपलोड किया. इसमें वो अपने ब्वॉयफ्रेंड मनीष के साथ दिखाई दे रही थी. दोनों मुस्कुरा रहे थे, तस्वीरें खुशगवार थीं, लेकिन गाने के बोल उदासी भरे थे. सोशल मीडिया पर रील को लाइक और कमेंट मिलने शुरू हो गए, लेकिन दो घंटे बाद जो कुछ हुआ, उसे देखकर लोगों का दिल दहल उठा.
उसी दिन दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर झांसी के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के पास मनीष नामक एक लड़के ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से कृतिका के सीने में गोली मार दी. इसके बाद खुद के सिर में गोली दाग दी. कुछ सेकंड में सात साल पुरानी लव स्टोरी का दर्दनाक अंत हो गया. मनीष की मौके पर मौत हो गई, जबकि कृतिका गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाई गई. गोली उसके दाहिने सीने को चीरते हुए रीढ़ की हड्डी में फंस गई थी.
डॉक्टरों ने उसकी स्थिति नाजुक बताई. मनीष और कृतिका दोनों एक ही इलाके के रहने वाले थे. ललितपुर जिले के गांव में पले-बढ़े इन दोनों की जान-पहचान कॉलेज के दिनों से थी. प्यार धीरे-धीरे रिश्ते में बदला और फिर सात साल तक दोनों साथ रहे. लेकिन चार महीने पहले कहानी में मोड़ आ गया. घरवालों के दबाव में मनीष ने किसी और लड़की से शादी कर ली. लेकिन शादी उसके दिल के खिलाफ थी.
दो महीने भी बहुत मुश्किल से निकले. पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ने लगा. आए दिन झगड़े होने लगे. दोनों के बीच दूरी बढ़ गई. मनीष ने अपनी पत्नी से तलाक ले लिया. उसने न सिर्फ ढाई लाख रुपए लौटाए, बल्कि दहेज में मिला सारा सामान भी वापस कर दिया. लेकिन अब तक बहुत देर हो चुकी थी. मनीष की इस शादी से कृतिका का भरोसा टूट गया था. उसने मनीष से दूरी बना ली, उसका नंबर ब्लॉक कर दिया.
मनीष बार-बार बात करने की कोशिश करता रहा. वो चाहता था कि दोनों फिर से साथ आ जाएं. जब कोई रास्ता नहीं बचा, तो उसने कृतिका को मिलने के लिए बुलाया. उसने इसे अपनी आखिरी मुलाकात बताया. शायद पुरानी यादों की वजह से कृतिका तैयार हो गई. दोनों ने झांसी के हवाना रेस्टोरेंट में मिले. साथ में खाना खाया. खूब बातें हुईं. इसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर निकल पड़े. लेकिन रास्ते में रिश्ते की डोर टूट गई.
हवाना रेस्टोरेंट से कुछ ही कदम आगे बढ़ने के बाद मनीष ने अपने बैग से पिस्तौल निकाली. उसने कृतिका को आखिरी बार मनाने की कोशिश की, लेकिन जब मनीष ने देखा कि कृतिका उसकी बात को मानने को तैयार नहीं है, तो उसने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उस पर गोली दाग दी. कृतिका सड़क पर गिर पड़ी. भीड़ कुछ समझ पाती, उससे पहले मनीष ने खुद के सिर में गोली मार ली. उनको अस्पताल ले जाया गया.
झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचने तक मनीष की सांसें थम चुकी थीं. डॉक्टरों ने कृतिका को ICU में भर्ती किया, हालत बेहद गंभीर बताई. पुलिस मौके पर पहुंची तो मंजर दिल दहलाने वाला था. सड़क पर दो युवाओं का खून और मोबाइल गिरा हुआ था, जिसमें कृतिका की रील चल रही थी. पुलिस ने छानबीन शुरू की तो एक 'कॉम्प्लिकेटेड लव स्टोरी' सामने आई. मनीष के पिता उससे बात नहीं करते थे.
परिवार पहले ही उसके अफेयर से परेशान था. बड़े भाई की कोरोना के दौरान मौत हो चुकी थी. मनीष के अंदर लगातार गुस्सा, हताशा और अपराधबोध बढ़ता गया. कृतिका से आखिरी बार मिलने के पीछे शायद मनीष की इच्छा थी कि वो उसे एक बार फिर अपनी जिंदगी में ला सके. लेकिन जब बात नहीं बनी, तो उसने पहले से तय योजना के अनुसार पर प्रेमिका को गोली मार खुदकुशी कर ली.
इस वारदात ने दो महीने पहले हुई ग्वालियर की एक सनसनीखेज घटना की याद ताजा कर दी. 14 सितंबर 2025 को अरविंद परिवार नामक एक युवक ने अपनी पत्नी नंदिनी को सरेआम गोली मार दी थी और फिर उसकी लाश के पास बैठकर फेसबुक लाइव किया था. उसने पूरी कहानी लाइव में सुनाई और बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. नंदिनी की जिंदगी भी रिश्तों की उलझनों से भरी थी.
उसके पहले पति के अलावा तीन और प्रेमी थे. अरविंद की दूसरी शादी थी. रिश्ता लगातार विवादों में था. सोशल मीडिया पर लगातार चर्चाओं के बीच भोपाल से भी एक दर्दनाक कहानी सामने आई. शहर की चर्चित मॉडल खुशबू अहिरवार उर्फ खुशी वर्मा की रहस्यमयी मौत ने पूरे मध्य प्रदेश को झकझोर दिया. 9 और 10 नवंबर की दरम्यानी रात उज्जैन से भोपाल लौटते वक्त चलती बस में उसकी तबीयत बिगड़ी.
बॉयफ्रेंड कासिम और बस कंडक्टर ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी. खुशबू सोशल मीडिया पर ‘डायमंड गर्ल’ के नाम से मशहूर थी. इंस्टाग्राम पर 12 हजार से ज्यादा फॉलोअर, कई ब्रांड एंडोर्समेंट और मॉडलिंग में पहचान, लेकिन अचानक मौत ने सब कुछ खत्म कर दिया. कासिम को पुलिस ने हिरासत में लिया है. उसने कहा कि वो खुशबू को घरवालों से मिलवाने उज्जैन ले गया था.
वापसी में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कॉल डिटेल्स के आधार पर जांच कर रही है. खुशबू के परिजन उसकी मौत पर सवाल कर रहे हैं. झांसी की कृतिका, ग्वालियर की नंदिनी और भोपाल की खुशबू तीनों की कहानियां अलग हैं, लेकिन अंत एक जैसा है. सोशल मीडिया की चमक के पीछे छिपा अकेलापन, रिश्तों का दबाव, और प्यार में असफलता की हिंसक परिणति.
आजतक ब्यूरो