रेत के टीले, कंटीली झाड़ियां और दुश्मन की साजिश... राजस्थान के सरहदी इलाके में ऐसे फैला जासूसी का जाल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजस्थान में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ है. सुरक्षा एजेंसियों ने सरहदी इलाकों से कई जासूस पकड़े हैं, जिनमें राज्य के एक पूर्व मंत्री का पीए और एक रेलवे कर्मचारी भी शामिल हैं.

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शरत कुमार

  • जैसलमेर,
  • 30 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

Pakistani Spy Network Exposed in Rajasthan: ऑपरेशन सिंदूर में एक जंग सेना लड़ रही थी जो पाकिस्तानी फौज पर हमले की शक्ल में दिख रहा था, लेकिन इस दौरान एक जंग सरहद पर और लड़ी जा रही थी और वो थी पाकिस्तानी जासूसी के खिलाफ. राजस्थान में पाकिस्तानी जासूसों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. सरहदी इलाकों में ऐसे जासूस पकड़े गए हैं जो राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री के पीए तक रह चुके हैं.

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मोबाइल के स्क्रीन पर मुस्कुराती हसीना. तरह-तरह की अदाएं दिखाती हसीना. मोबाइल के दूसरी तरफ से आती मर्दाना आवाज. ये है राजस्थान में भारतीय सरहद के इस पार पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क का एक नमूना. भारत के खिलाफ जासूसी के लिए पाकिस्तान ने जो तमाम साजिशें रची हैं, उनमें से एक है हनी ट्रैप वाली साजिश.

भारत की जमीन पर बैठकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के लिए जासूसी की ऐसी न जाने कितनी आवाजें सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने पकड़ी हैं. इस पूरी कहानी को समझने के लिए बात करते हैं भारत-पाकिस्तान के सरहदी इलाकों की. जहां दूर दूर तक रेगिस्तानी इलाका है. हरियाली का नामोनिशान नहीं है. बीच में इक्का दुक्का मकान हैं. राजस्थान में जैसलमेर से सटी पाकिस्तानी सरहद पर इन इलाकों में कोई बड़ी बस्ती नहीं है. कोई घनी आबादी भी नहीं दिखती. लेकिन यहां मजारें दिखने लगी हैं. रेगिस्तान में मस्जिदें नजर आने लगी हैं. 

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सरहदी इलाकों में इन मजारों-मस्जिदों की मौजूदगी से भी बड़ा खतरा ये पता चला है कि इन इलाकों में पाकिस्तान ने जासूसी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है. और जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ, सेना, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों ने इन सरहदी इलाकों में सख्त चौकसी की तो जासूसी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ. 

आरोपी शकूर खान, भवानी, पठान खान. ऐसे न जाने कितने नाम हैं जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा है. इसमें से शकूर खान नाम का शख्स तो कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सालेह मुहम्मद का पीए रह चुका है और इस दौरान वो 8 बार पाकिस्तान जा चुका है.

पूर्व मंत्री सालेह मुहम्मद का पीए शकूर खान और रेलवे कर्मचारी रह चुका भवानी बस इक्के दुक्के शख्स नहीं हैं. सरहदी इलाकों में पाकिस्तान ने तरह-तरह के हथकंडे अपना कर जासूसी के नाम पर ऐसे न जाने कितने नेटवर्क बना रखे हैं, जो भारतीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान को भेजते थे. 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारती सुरक्षाबलों और खुफिया तंत्र की सजगता से पाकिस्तान के इस नेटवर्क का खुलासा तो हुआ है लेकिन अभी तक ये अंदाजा नहीं लगा है कि पाकिस्तान की इन साजिशों के तार कहां तक पहुंचे हुए हैं. खासकर सरहद पर मौजूद सुरक्षा बलों और सामरिक ठिकानों को लेकर कितनी सूचनाएं अब तक पाकिस्तान को पहुंचाई जा सकी हैं, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. 

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अब सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान भारत के सरहदी इलाकों में जासूसी नेटवर्क बनाने में कामयाब कैसे हो गया? पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने वो क्या हथकंडे अपनाये कि सीमावर्ती इलाकों के लोग भारत की खुफिया जानकारियां उन तक पहुंचाने लगे. आज तक की टीम सरहद के उन गांवों तक पहुंची, जहां से सुरक्षा बलों ने कुछ आरोपियों को पकड़ा था. 

एक तरफ हिंदुस्तान की सेना पाकिस्तानी दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर रही थी. दूसरी तरफ भारत की धरती पर पाकिस्तानी साजिश की परतें उघड़ रही थीं. अब पाकिस्तान से आए मिठाई के एक पैकेट की बात ही कर लें, जिसे बड़ी सावधानी के साथ खोला गया. पहले ऊपर का प्लास्टिक का थैला था. उसके अंदर से एक पैकेट निकला जो पीले प्लास्टिक में काली टेप से बंद किया गया था. उस प्लास्टिक के अंदर एक मिठाई का डिब्बा था. जिसे खोलते ही उसमें रंग बिरंगी मिठाइयां दिखने लगीं. जांच एजेंसियों ने थोड़ी देर तक मिठाई के डिब्बे पर गौर किया और एक मिठाई ऊपर उठाई. उस मिठाई के अंदर पाकिस्तान का एक मोबाइल सिम कार्ड था. ये सिम कार्ड पाकिस्तान ने भारत में अपने जासूस को भेजा था ताकि उससे जासूसी वाली जानकारियां ली जा सकें.

अब ये खुलासा कैसे हुआ था. उसका सबूत एक बातचीत से पता चला, जिसे एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया था. खुफिया एजेंसियों ने जब ऐसी बातचीत सुनी तो एक्शन शुरू हुआ. पता चला इस साजिश के तार बड़े गहरे हैं. पाकिस्तान में बैठे हैंडलर और भारत में बैठे जासूस के बीच ऐसी बातचीत में पैसे के लेनदेन की बातचीत हो रही है और हैंडलर उसे निर्देश भी देता है कि नेटवर्क को और कैसे बढ़ाना है.

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और इन्हीं सुरागों पर जब एक्शन शुरू हुआ तो राजस्थान के सरहदी इलाकों से जासूस पर जासूस पक़ड़े जाने लगे. भारत पाकिस्तान की सरहद पर मौजूद ये इलाके ऐसे दुर्गम क्षेत्र में हैं कि यहां आना जाना भी मुश्किल है. रेत के टीलों और कंटीली झाड़ियों वाले इलाके में कुछ मकानों वाले छोटे छोटे गांव या बस्तियां यहां मौजूद हैं. उन गांवों में लोगों के बीच के ही कुछ लोग पाकिस्तान को खुफिया जानकारियां देने के आरोप में पकड़े जा चुके थे.

दरअसल, पाकिस्तानी आईएसआई सिर्फ हनी ट्रैप करके ही इस इलाके में जासूसी नेटवर्क खड़ा नहीं कर रहा बल्कि पैसों का लालच देकर भी खुफिया जानकारियां ले रहा है. इन सरहदी इलाकों में कई बार तो पढ़े लिखे लोग जान बूझकर किसी न किसी लालच में भारत के खिलाफ जासूसी करते रहते हैं. लेकिन कई बार पाकिस्तानी आईएसआई की साजिशों के जाल में फंसकर भी जाने अनजाने में खुफिया सूचनाएं देते हैं.

फिलहाल भारत के लिए चिंता की बात ये है कि जिस तरह जासूसों और हैंडलर्स के बीच बातचीत की ट्रेसिंग हुई है. उसमें जासूसी के तार सुरक्षा और सेना के अंदर तक जाने की आशंका खड़ी हो गई है. जिसे जल्द से जल्द ध्वस्त करना बहुत जरूरी है.

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