सूटकेस की जांच, सोनम के भाई से पूछताछ और फर्जी सिम का खुलासा... राजा मर्डर में क्या लिंक जोड़ रही शिलांग पुलिस

राजा रघुवंशी हत्याकांड में सोनम की भूमिका की जांच में शिलांग पुलिस को कई नए सुराग मिले हैं. सूटकेस, कॉल डिटेल्स, बस में देखे गए दो युवक और फर्जी सिम कार्ड से खुल रही है साजिश की परतें.

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राजा मर्डर केस में पुलिस को कई सवालों के जवाब तलाशने हैं राजा मर्डर केस में पुलिस को कई सवालों के जवाब तलाशने हैं

aajtak.in

  • शिलांग/इंदौर,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

Raja Raghuwanshi Murder Case Investigation: राजा रघुवंशी हत्याकांड की परतें एक के बाद एक खुलती जा रही हैं. आरोपी पत्नी सोनम रघुवंशी की भूमिका पर शिलांग पुलिस की जांच अब कई राज्यों तक जा पहुंची है. कॉल डिटेल, संदिग्ध सूटकेस, और बस में दो अंजान युवकों की मौजूदगी जैसी कई नई जानकारियों ने इस केस को और पेचीदा बना दिया है. इस कहानी में प्यार, धोखा, साजिश और कई राज्यों में फैली घटनाओं की चौंकाने वाली कड़ियां सामने आ रही हैं.

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संदिग्ध सूटकेस की जांच
राजा रघुवंशी मर्डर केस में आरोपी पत्नी सोनम से जुड़ी जांच में शिलांग पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया. पुलिस की टीम सोनम के मायके पहुंची. वहां एक संदिग्ध सूटकेस की जांच की गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम ने यह सूटकेस पहले अपने मायके से ससुराल ले जाया था और फिर वही सूटकेस मायके वापस ले आई थी. पुलिस को शक हुआ कि इसमें कुछ अहम सबूत हो सकते हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उस सूटकेस से कुछ मिला या नहीं. इस पर पुलिस ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

दोनों परिवारों से पूछताछ
पुलिस ने सोनम के माता-पिता और भाई से भी कई सवाल पूछे. उन्होंने जानने की कोशिश की कि सोनम का व्यवहार कैसा था, वह आमतौर पर घर कब लौटती थी, और पारिवारिक बिजनेस में उसकी क्या भूमिका थी. इसके बाद पुलिस सोनम के भाई गोविंद को अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई. यह जानकारी उसके चाल-चलन और मनोवृत्ति को समझने में पुलिस की मदद करेगी.

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संजय वर्मा बना राज कुशवाह
जांच में सामने आया कि 'संजय वर्मा' नाम से जो व्यक्ति मार्च में सोनम से बात कर रहा था, वो असल में राज कुशवाह ही था. शिलांग पुलिस को सोनम के मोबाइल की कॉल डिटेल से यह बात पता चली. मार्च के महीने में सोनम ने ‘संजय वर्मा’ को 112 बार कॉल किया. यानी लगभग हर दिन 4-5 बार बातचीत होती थी. पुलिस के मुताबिक, ये किसी सामान्य दोस्ती से कहीं ज्यादा था.

वाराणसी से गाजीपुर के सफर पर सवाल
सोनम की गाजीपुर यात्रा के दौरान कुछ अहम गवाह सामने आए. गाजीपुर की रहने वाली उजाला यादव ने बताया कि 8 जून की रात वाराणसी से गाजीपुर की बस में सोनम उसके साथ थी. उजाला ने बताया कि सोनम अकेली नहीं थी. उसके साथ दो युवक थे, जिनमें से एक ने सफेद शर्ट पहन रखी थी और दोनों ने चेहरा ढका हुआ था.

बस में उजाला जब राजा मर्डर केस का वीडियो देख रही थी, तब सोनम घबरा गई. उसने उजाला से वीडियो बंद करने को कहा. फिर उसका फोन मांगा, एक नंबर टाइप किया और कॉल किए बिना डिलीट कर दिया.

गाजीपुर के टी स्टॉल की कहानी
गाजीपुर में काशी टी स्टॉल के मालिक साहिल यादव ने पुलिस को बताया कि सोनम डरी हुई नहीं थी. वह एक गाड़ी से उतरी और दुकान तक आराम से आई. वहीं से उसने अपने भाई गोविंद को कॉल किया. इसका मतलब यह है कि सोनम की योजना पहले से तय थी और वह किसी के साथ गाड़ी से आई थी.

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पुलिस के सामने अब ये सवाल हैं:

  • सोनम की मदद कौन कर रहा था?
  • वाराणसी से गाजीपुर तक उसके साथ कौन था?
  • उजाला यादव ने जिन दो युवकों को देखा, वो कौन थे?
  • क्या फर्जी नाम से खरीदी गई सिम का इस्तेमाल हुआ?
  • शक है कि आरोपियों ने फर्जी पहचान से सिम कार्ड खरीदे थे ताकि वे पकड़े न जाएं.

शिलांग से इंदौर तक पुलिस की जांच
मंगलवार को शिलांग पुलिस इंदौर में राजा के घर पहुंची. पुलिस ने राजा की मां और दो भाइयों से एक घंटे तक बातचीत की. उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि सोनम का व्यवहार कैसा था, हनीमून पर जाते समय उसने क्या बताया था. इससे पहले पुलिस ने वह फ्लैट भी खंगाला, जहां कत्ल के बाद सोनम रुकी थी.

दूसरा हथियार भी बरामद
मंगलवार को क्राइम सीन रिक्रिएट किया गया. उसी जगह यानी वैसेडॉन्ग फॉल्स के पास से पुलिस को दूसरा हथियार मिला. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि राजा की हत्या में दो हथियारों का इस्तेमाल हुआ था. पहला पहले ही बरामद हो चुका था.

दोस्ती की खातिर कत्ल
शिलांग पुलिस ने कहा है कि ये सुपारी किलिंग नहीं थी. राज कुशवाह ने अपने दोस्तों आकाश, विशाल और आनंद को दोस्ती के नाम पर हत्या में शामिल किया. उन्हें किसी बड़ी रकम का लालच नहीं दिया गया. केवल ₹59,000 ट्रैवल और खाने-पीने के लिए दिए गए.

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कई बार नाकाम हुई थी हत्या की साजिश
पुलिस जांच में पता चला है कि राजा को मारने की कोशिश कई बार की गई थी. पहली बार गुवाहाटी में कोशिश हुई जो असफल रही. फिर नोंघरियाह और मावलखियात में भी प्लान फेल हो गया. एक बार पानी में डुबोने की कोशिश की गई. लेकिन आखिरकार 23 मई को वैसेडॉन्ग फॉल्स के पास हत्या की गई.

(इंदौर से रवीश पाल का इनपुट) 

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