SIT जांच के दायरे में आला अफसर, सुसाइड नोट ने खोले बड़े राज... कब सुलझेगी IPS पूरन कुमार की मौत की गुत्थी?

पुलिस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत ने सिस्टम की बुनियाद हिला दी है. सरकारी आवास में खुद को गोली मारने वाले दलित अफसर ने 9 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें 12 IAS-IPS अफसरों के नाम दर्ज हैं. DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारणिया पर सबसे गंभीर आरोप हैं.

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हरियाणा की अफसरशाही का काला सच, कई IPS-IAS अफसरों के खिलाफ केस दर्ज. (Photo- ITG) हरियाणा की अफसरशाही का काला सच, कई IPS-IAS अफसरों के खिलाफ केस दर्ज. (Photo- ITG)

आजतक ब्यूरो

  • चंडीगढ़,
  • 10 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

हरियाणा में IGP रैंक के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने नौकरशाही और सियासत को झकझोर दिया है. 7 अक्टूबर की दोपहर चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में पूरन कुमार ने अपने प्राइवेट थिएटर के रिक्लाइनर चेयर पर बैठकर खुद को गोली मार ली. इसी कमरे से पुलिस को एक 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला. इसके पहले 8 पन्नों में उन्होंने 12 IAS और IPS अफसरों के नाम लिखे हैं, जबकि नौवें पन्ने पर उन्होंने अपनी वसीयत दर्ज की है. 

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टाइप किए हुए सुसाइड नोट के नीचे पूरन कुमार ने हरे रंग की स्याही से अपने दस्तखत करते हुए मौत की तारीख लिखी है, 7/10/2025. इस फाइनल नोट ने हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी के भीतर जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना की परतें उघाड़ दी हैं. नोट के आखिर में IPS पूरन कुमार ने हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारणिया को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है. इसके बाद दोनों पुलिस अधिकारियों को छुट्टी  पर भेज दिया गया है.

पूरन कुमार ने ने सुसाइड नोट में लिखा है, ''मुझे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है, ताकि मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाई जा सके. मैंने एसपी नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मैं जातिवाद, सामाजिक बहिष्कार और मानसिक अत्याचार से तंग आ चुका हूं. अब यह सब खत्म करने का फैसला ले रहा हूं.'' उनकी मौत से ठीक 24 घंटे पहले 6 अक्टूबर को रोहतक के अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज हुई थी. 

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इसमें एक शराब कारोबारी से ढाई लाख रुपए मांगने के आरोप में पूरन कुमार के पूर्व स्टाफ हेड कॉन्स्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया था. इसी एफआईआर में पूरन कुमार का नाम भी जोड़ा गया था. सुसाइड नोट में उन्होंने इसे साजिश का हिस्सा बताया. पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा कैडर की IAS अफसर अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस में जो शिकायत दी, उसमें 7 गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने डीजीपी और एसपी आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. 

उन्होंने जो शिकायत दर्ज कराई है, उसके मुताबिक...

- अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से उनके पति को अपमानित और प्रताड़ित किया.

- जाति के आधार पर भेदभाव और गालियां दी गईं.

- रोहतक में उनके स्टाफ पर झूठा केस दर्ज कराया गया.

- डीजीपी से शिकायत की तो मामला दबा दिया गया, एसपी फोन तक नहीं उठाते थे.

- उनके पति को मंदिर में प्रवेश से रोका गया, कहा गया कि ये जगह उनके लिए नहीं है.

अमनीत कुमार का कहना है कि यदि इन अफसरों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे सबूत मिटा देंगे और गवाहों को प्रभावित करेंगे. पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद जो राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल हुई, वो हरियाणा के इतिहास में पहली बार है. मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने खुद पीड़ित परिवार से मुलाकात की है और कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इसके बाद ही केस दर्ज हुआ है.

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FIR में इन अधिकारियों के नाम दर्ज हैं...

1. शत्रुजीत कपूर (DGP, हरियाणा)

2. नरेंद्र बिजारणिया (SP, रोहतक)

3. अनुराग रस्तोगी (मुख्य सचिव, हरियाणा)

4. डी सुरेश (सीनियर IAS)

5. टीवीएसएन प्रसाद (पूर्व मुख्य सचिव)

6. राजीव अरोड़ा (पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी)

7. मनोज यादव, पीके अग्रवाल, संदीप खिरवार (पूर्व DGPs)

8. अमिताभ ढिल्लो 

9. संजय कुमार

10. माटा रवि किरण

11. कला रामचंद्रन

12. सिबास कविराज

13. पंकज नैन

14. कुलविंदर सिंह (उपरोक्त सभी वरिष्ठ IPS अफसर हैं)

चंडीगढ़ पुलिस ने IG पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय SIT बनाई है. इसमें SSP कंवरदीप कौर, SP केएम प्रियंका, DSP चरणजीत सिंह विर्क, SDPO गुरजीत कौर और SHO जयवीर सिंह राणा शामिल हैं. पूरन कुमार की पत्नी की शिकायत के बाद हरियाणा सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया को छुट्टी पर भेज दिया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ओपी सिंह को हरियाणा का  कार्यवाहक DGP बनाया गया है.

पूरन कुमार की मौत के बाद हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी दो हिस्सों में बंट चुकी है. दलित और पिछड़े समाज के अफसर खुलकर सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं. सीनियर IAS डी सुरेश ने खुलकर बयान दिया है, ''जब FIR हो चुकी है तो गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? कानून कहता है कि जिम्मेदारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.'' पूरन कुमार के घर के बाहर नेताओं, अफसरों और दलित संगठनों की भीड़ लगी है. परिजन ने 72 घंटे बाद भी अंतिम संस्कार से इनकार किया है. 

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