हर महीने 8.5 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन, फिर सेंटर पर क्यों लग रहे ताले? केंद्र ने दिया जवाब

हर महीने कोविशील्ड की 6.5 करोड़ और कोवैक्सीन की 2 करोड़ खुराक का उत्पादन हो रहा है, यानी हर महीने 8.5 करोड़ वैक्सीन की डोज. इसके बावजूद कई राज्यों में टीकों की कमी के कारण सेंटर बंद करने पड़ रहे हैं.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST
  • उत्पादन और वितरण में अंतर पर बवाल
  • इस अंतर पर केंद्र सरकार ने दी सफाई

देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के कारण कई जगह पर टीकाकरण अभियान रूक गया है. राज्य सरकारें टीके की डिमांड कर रही हैं. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को भारत में वैक्सीन उत्पादन और उपलब्धता के बीच अंतर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उत्पादित सभी टीके वितरण के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं हैं.

Advertisement

उत्पादन और आपूर्ति में अंतर को बताते हुए लव अग्रवाल ने कहा, 'हमें इसे दो तरह से समझने की जरूरत है. पहले उत्पादन के बारे में है और फिर ग्राउंड पर टीकों की उपलब्धता के बारे में. अगर 6.5 करोड़ कोविशील्ड और 1.5 करोड़ कोवैक्सिन का उत्पादन किया जा रहा है, तो एक महीने में अगर कुल 8 करोड़ टीकों को उत्पादन हो रहा है, तो यह तुरंत उपलब्ध नहीं है.'

लव अग्रवाल ने कहा, 'वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में प्रक्रियाएं शामिल हैं, कई तरह की बातों का ख्याल रखा जाता है, जिसमें लगभग एक सप्ताह का समय लगता है, फिर वैक्सीन को बैचों में जारी किया जाता है. इन बैचों को फिर बैच परीक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) में भेजा जाता है, फिर आपूर्ति की जाती है.'

Advertisement

लव अग्रवाल ने कहा, 'उत्पादित वैक्सीन को अपने राज्य तक पहुंचने में कम से कम 8-10 दिन लगते हैं, लास्ट माइल सेंटर में टीकों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्यों की भी है.' हालांकि, केंद्र सरकार की नई वैक्सीन नीति के आने के बाद राज्य सरकारों के बीच टीकों के लिए मारामारी मची हुई है. टीके मिल नहीं पा रहे हैं.

केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए एक हलफनामे में बताया गया था कि हर महीने कोविशील्ड की 6.5 करोड़ और कोवैक्सीन की 2 करोड़ खुराक का उत्पादन हो रहा है, यानी हर महीने 8.5 करोड़ वैक्सीन की डोज. हालांकि CoWIN पर टीकाकरण के आंकड़े बताते हैं कि मई के पहले तीन हफ्तों में करीब 3.4 करोड़ डोज लगाई गई और ये लगातार घट रही है.

उत्पादन और टीकाकरण के बीच अनुमानित अंतर लगभग 3 करोड़ प्रति माह या 9.7 लाख खुराक प्रति दिन है. इस बीच सीरम ने कहा कि हम हर महीने लगभग 6-6.5 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं, केंद्र को 50%, राज्यों और निजी अस्पतालों को 50% खुराक दी जा रही है. सूत्रों ने यह भी कहा कि फिलहाल कोई डोज विदेश नहीं भेजी जा रही है.

भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन की खुराक अभी भी रूस से आ रही है, 2 बैच आ चुके हैं, अनुमानित 3 लाख खुराक भारत आएंगे. भारत में स्पुतनिक वी का उत्पादन जुलाई 2021 तक शुरू होगा. इस बीच विपक्ष ने भारत में दो वैक्सीन उत्पादकों के उत्पादन और वितरण की खाई पर सवाल उठाए हैं.

Advertisement

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'हर दिन 1000000 टीके की खुराक लापता है, क्या ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मोदी ने निजी क्षेत्र के लिए 25% टीके आरक्षित किए हैं? या फिर बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन टीकाकरण न होने के कारण ऐसा हो रहा है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जान बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं करते, शून्य सहानुभूति.'

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement