Online Food: ऑनलाइन मंगाया खाना... तो पड़ेगा महंगा! प्लेटफॉर्म चार्ज में बढ़ोतरी और GST का दिखेगा असर

ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वालों को स्विगी-जोमैटो और मैजिकपिन जैसे प्लेटफॉर्म द्वारा त्योहारी सीजन से पहले ही अपनी प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी कर झटका दिया है और अब सरकार के डिलीवरी चार्ज पर 18% जीएसटी लागू होने के बाद ऑनलाइन खाना मंगाना और भी महंगा हो सकता है.

Advertisement
डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी के बाद और महंगा होगा स्विगी-जोमैटो से फूड ऑर्डर (Photo: @zomato/X) डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी के बाद और महंगा होगा स्विगी-जोमैटो से फूड ऑर्डर (Photo: @zomato/X)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

क्या आप भी ऑनलाइन ऑर्डर करके खाना मंगाते हैं और स्विगी, जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं? तो फिर अब आपकी जेब ज्यादा ढीली हो सकती है और वो भी आने वाले त्योहारी सीजन में, जबकि ऑनलाइन फूड की डिमांड में अक्सर तेज इजाफा देखने को मिलता है. दरअसल, बीते दिनों सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक में ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की डिलीवरी सर्विस पर 18% जीएसटी का ऐलान किया था. वहीं तमाम कंपनियों ने टैक्स लागू होने से पहले ही प्लेटफॉर्म चार्ज बढ़ाकर ग्राहकों को झटका दिया है. तो वहीं 22 सितंबर से डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी लागू होने के बाद ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने की लागत में और वृद्धि होने की संभावना है. 

Advertisement

डिलीवरी पर 18% का लगा है टैक्स
बीते 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में जीएसटी रिफॉर्म से जुड़े कई बड़े ऐलान किए गए. इसमें शुरुआत से लागू 4 टैक्स स्लैब की जगह अब 5%-18% के सिर्फ दो टैक्स स्लैब रह गए हैं. तो वहीं घरेलू इस्तेमाल से लेकर टीवी-एसी, कार-बाइक्स समेत तमाम चीजों के दाम घटाने की घोषणा भी की गई. वहीं कुछ ऐसे सामान भी हैं, जिनपर टैक्स का बोझ बढ़ाया गया या नया टैक्स लगाया गया है. इस बीच जीएसटी काउंसिल की ओर से ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को डिलीवरी सर्विस पर 18% टैक्स लगाया गया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा. ऐसे में ऑनलाइन फूड ऑर्डर और भी महंगा हो सकता है. बता दें कि इससे पहले ये सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर थी, जिसे अब CGST Act की धारा 9(5) के तहत शामिल किया गया है. 

Advertisement

GST लागू होने से और हो सकता है महंगा 
पीटीआई के मुताबिक, जोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्मों द्वारा त्योहारी सीजन से पहले प्लेटफॉर्म फीस में की गई बढ़ोतरी से देशभर के लाखों लोगों के लिए ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा हो जाएगा.

पीटीआई के मुताबिक, एक ओर जहां स्विगी ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस को कुछ बाजारों के लिए जीएसटी समेत 15 रुपये कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर जोमैटो ने भी अपना चार्ज बढ़ाकर 12.50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) कर दिया है. सिर्फ यही नहीं बल्कि फूड डिलीवरी सेक्टर की एक और बड़ी कंपनी मैजिकपिन ने भी जीएसटी के बिजनेस पर पड़ने वाले व्यापक असर को देखते हुए अपनी प्लेटफॉर्म फीस को संशोधित करके 10 रुपये प्रति ऑर्डर किया है. उस पर 22 सितंबर से 18 फीसदी जीएसटी की मार का असर फूड ऑर्डर कॉस्ट में और बढ़ोतरी के रूप में दिख सकता है. अनुमान है कि जोमैटो यूजर्स के लिए प्रति ऑर्डर करीब 2 रुपये और स्विगी यूजर्स के लिए 2.6 रुपये बढ़ सकता है. 

स्विगी-जोमैटो पर इतना बढ़ेगा बोझ
भारत के दो सबसे बड़े फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी पर विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक, सरकार की ओर से डिलीवरी चार्ज पर 18% जीएसटी के फैसले से बड़ा वित्तीय बोझ बढ़ेगा. उनका कहना है कि इससे दोनों कंपनियों पर संयुक्त रूप से लगभग 180-200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स भार पड़ सकता है. ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि यह कदम फूड-टेक प्लेटफॉर्म के राजस्व मॉडल को और जटिल बनाने वाला साबित होगा.

Advertisement

विश्लेषकों ने आंकड़ों के साथ बताया है कि अप्रैल-जून तिमाही में जोमैटो ने 451 करोड़ रुपये और स्विगी के फ़ूड डिलीवरी बिजनेस ने 192 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया है, लेकिन अतिरिक्त जीएसटी देनदारी से मार्जिन पर दबाव पड़ने की संभावना है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इससे इन फूड डिलीवरी प्लेफॉर्म्स के बिजनेस मॉडल में भी बदलाव दिखेगा, जैसे ये प्लेटफॉर्म अक्सर ऑर्डर की मात्रा बढ़ाने के लिए डिलीवरी शुल्क माफ भी कर देते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement