देश में जीएसटी (Goods and Services Tax) 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था. कांग्रेस इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' कहती है, जबकि सरकार यानी बीजेपी इसे आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम मानती है. अब एक बार फिर आम आदमी की जेब पर असर डालने वाले GST में बड़े बदलाव की तैयारी है. सरकार का लक्ष्य टैक्स ढांचे को आसान बनाना और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा देना है.
अगर नया प्रस्ताव लागू होता है तो रोजाना इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजें नमकीन, साबुन, तेल, कपड़े और जूते सस्ते हो जाएंगे. यही नहीं, TV, AC, मोबाइल और गाड़ियां भी कम दाम पर मिल सकती हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार ने चार स्लैब को घटाकर दो करने का प्रस्ताव रखा है, फिलहाल GST के 4 स्लैब 5%, 12%, 18%, और 28% हैं. इसमें से 12% और 28% को खत्म करने की योजना है, यानी सिर्फ 5% और 18% जीएसटी स्लैब बचेंगे. हालांकि खबर ये है कि लक्जरी और सिन उत्पादों के लिए 40% का विशेष स्लैब भी तय किया जा सकता है. जीएसटी दरों में बदलाव होती हैं तो फिर इससे राज्यों को राजस्व का नुकसान हो सकता है.
बता दें, मंत्रियों की समूह (GoM) ने 12% और 28% स्लैब को समाप्त करने का प्रस्ताव पहले ही मंजूर कर दिया है. सरकार का तर्क है कि GST स्लैब में कटौती से टैक्स सिस्टम को पारदर्शी, आसान और उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक बनाना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी का जीएसटी और 'दिवाली गिफ्ट' बताया है.
इस बदलाव से केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व में कमी (Revenue Loss) की चिंता है, हालांकि इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलने वाली है. कई दिनचर्या वाली चीजें सस्ती हो सकती हैं?
आइए जानते हैं कौन-कौन से चीजें सस्ती होने वाली हैं...
पैकेज्ड फूड्स जैसे:
नमकीन (भुजिया), चिप्स, पास्ता, नूडल्स, जैम, Ketchup, पैकेज्ड जूस, कंडेंस्ड मिल्क, घी, मक्खन, चीज और दूधबेस्ड बिवरेजेस सस्ती हो सकती हैं. इसके अलावा टूथ पाउडर, हेयर ऑयल, साबुन, हस्तशिल्प जैसे जूट बैग, छाता, फर्नीचर, पेंसिल, खिलौने, ऊनी कपड़े सस्ते हो सकते हैं. साथ ही ₹1,000 से कम के जूते और सस्ते हो सकते हैं. सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, निर्माण सामग्री भी सस्ते हो सकते हैं.
28% से 18% स्लैब पर जाने वाली बड़ी वस्तुएं-
इलेक्ट्रॉनिक्स व घरेलू उपकरण: एसी (AC), टेलीविजन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मोबाइल फोन सस्ते हो सकते हैं.
वाहन: छोटी कारें, दोपहिया वाहन के शुल्क में लगभग 10% की कटौती (28% से 18%)
बीमा प्रीमियम (स्वास्थ्य और जीवन बीमा): 18% से 5% या फिर पूर्ण रूप जीएसटी मुक्त करने की तैयारी है. बीमा प्रीमियम घटने से परिवारों पर बोझ कम होगा.
आजतक बिजनेस डेस्क