Cyber Attack और AI अब चुनौती, 4702 CEOs ने बताया कैसे निपटेंगे? भारत के लिए गुड न्यूज

PWC ने इस सर्वे में अलग से तेज ग्रोथ को लेकर भी CEOs की राय पूछी थी जिसके जवाब में 62 फीसदी भारतीय सीईओ ने कहा कि वो अगले 12 महीनों के दौरान अपनी कंपनी की जबरदस्त ग्रोथ का भरोसा है.

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आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

भारत की इकॉनमी की तेज रफ्तार पर कंपनियों के CEOs का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है. यही नहीं यहां पर पॉजिटव सेंटीमेंट्स वाले CEOs की संख्या ग्लोबल औसत से करीब दोगुनी ज्यादा है. पीडब्ल्यूसी के एक सर्वे में ज्यादातर भारतीय CEOs ने उम्मीद जताई है कि अगले 12 महीनों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेजी बनी रहेगी. कंपनी ने अपने 27वें सालाना ग्लोबल सर्वे के तहत 105 देशों के कुल 4702 CEOs की राय ली जिनमें भारत से 79 सीईओ शामिल थे. 

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86% CEOs भारत की ग्रोथ को लेकर भरोसेमंद!

भारत के करीब 86 फीसदी सीईओ ने भरोसा जताया है कि इकॉनमी में अगले 1 साल में सुधार होगा. ये आंकड़ा एक साल पहले के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है जबकि सर्वे में शामिल महज 44 फीसदी ग्लोबल सीईओ का मानना था कि उनके यहां अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. वैश्विक सीईओ के लिए भारत निवेश के लिहाज से 5वां टॉप डेस्टिनेशन बन गया है जबकि 2023 में ये 9वें पायदान पर था. वहीं PWC ने इस सर्वे में अलग से तेज ग्रोथ को लेकर भी CEOs की राय पूछी थी जिसके जवाब में 62 फीसदी भारतीय सीईओ ने कहा कि वो अगले 12 महीनों के दौरान अपनी कंपनी की जबरदस्त ग्रोथ का भरोसा है जबकि महज 37 फीसदी वैश्विक सीईओ ही अपनी कंपनियों की जोरदार ग्रोथ के प्रति भरोसेमंद थे.

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साइबर अटैक बढ़ा रहे हैं कारोबार जगत का सिरदर्द

भारतीय सीईओ ने अगले 12 महीनों के दौरान अपनी कंपनियों के लिए महंगाई, स्वास्थ्य संबंधी खतरों और साइबर हमले को सबसे बड़ा जोखिम बताया. 2023 के 18 फीसदी के मुकाबले करीब 28 फीसदी भारतीय सीईओ ने साइबर हमले को सबसे बड़ा खतरा बताया, करीब 27 फीसदी भारतीय सीईओ ने कहा कि उन्हें आशंका है कि अगले 12 महीनों में उनकी कंपनी स्वास्थ्य संबंधी खतरों से काफी प्रभावित हो सकती है. 

AI से कितना चिंतित होने की जरुरत?

कारोबार पर जेनेरेटिव एआई के प्रभाव के बारे में बात करते हुए करीब 71 फीसदी भारतीय सीईओ ने कहा कि अगले 12 महीनों के दौरान जेनएआई से कर्मचारियों की स्किल्स बेहतर होंगी जबकि 70 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना था कि इससे उनके खुद के प्रदर्शन में सुधार होगा. 48 फीसदी सीईओ ने इससे रेवेन्यू में इजाफा होने और 46 फीसदी ने प्रॉफिट बढ़ने का अनुमान जताया, वहीं 30 फीसदी सीईओ ने माना कि इससे रोजगार में कमी आने के साथ ही नई नौकरियां भी पैदा होंगी. 48 फीसदी सीईओ ने कहा कि जेनएआई का रोजगार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और महज 13 फीसदी का मानना था कि इससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी.

भारतीय कंपनियों के सीईओ भी अब ग्रोथ के लिए नए एक्सपेरीमेंट करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. यही वजह है कि बीते 5 साल के दौरान इन्होंने ग्राहकों की पसंद और तकनीकी बदलाव के हिसाब से कारोबार में सुधार किए हैं.

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