रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म वेस्टियन (Vestian) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि जुलाई से सितंबर के बीच की तिमाही में भारत के 6 बड़े शहरों में नए ऑफिस स्पेस के कंस्ट्रक्शन में जबरदस्त तेज़ी आई है. इस दौरान, मार्केट में कुल 16.1 मिलियन वर्ग फुट नया ऑफिस स्पेस आ गया है. यह आंकड़ा पिछले साल की इसी तिमाही से 26% ज़्यादा है. ये बढ़ोतरी बताती है कि भारत की कंपनियां और दुनिया भर की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां अब पुराने वर्कस्पेस को छोड़कर ज़्यादा मॉडर्न, बेहतर क्वालिटी वाले, और टेक्नोलॉजी से लैस दफ्तरों की तरफ तेज़ी से रुख कर रही हैं.
दिल्ली और एनसीआर सबसे आगे रहा है, जहां जुलाई से सितंबर के बीच सप्लाई 35 फीसदी तक बढ़ी है. खासतौर पर गुरुग्राम और नोएडा में नए स्टार्टअप और IT कंपनियों का बड़ा योगदान रहा है. वहीं दूसरे बड़े शहरों में मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में में भी सप्लाई बढ़ी है.
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वेस्टियन के सीईओ श्री श्रवण तल्पड़े ने कहते हैं-, “कॉरपोरेट सेक्टर में हाइब्रिड वर्क मॉडल्स की वजह से प्रीमियम ऑफिस स्पेस की डिमांड बढ़ी है. डेवलपर्स अब लोकेशन ही नहीं, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल इमारत का प्रमाण-पत्र और तकनीकी सुविधाओं को भी प्राथमिकता दे रहे हैं."
एसएस ग्रुप के एमडी और सीईओ अशोक सिंह जौनापुरिया का कहना है- “ दिल्ली-एनसीआर में बिजनेस के लिए वक्त काफी अच्छा है और डेवलपर्स को भी पूरा भरोसा है. गुरुग्राम, इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहा है. जहां दुनिया भर के नई कंपनियों के ऑफिस खुल रहे हैं. इसका मतलब है कि मॉडर्न ऑफिस की डिमांड लगातार बढ़ रही है. '
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी ने कहते हैं- 'NCR में, नोएडा अब महज एक शहर नहीं रहा. यह नयी पीढ़ी के ग्लोबल-स्टैंडर्ड कमर्शियल इकोसिस्टम के लिए एक मुख्य केंद्र के रूप में तेज़ी से उभर रहा है."
सिक्का ग्रुप के चेयरमैन हरविंदर सिंह का कहना है- 'रियल एस्टेट डेवलपर्स डिज़ाइन और टिकाऊपन को लेकर गंभीर हो गए हैं. अब ऑफिस में ग्रीन बिल्डिंग्स, कम ऊर्जा खपत वाले सिस्टम्स और बेहतरीन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेट जगत की बुनियादी ज़रूरत बन चुके हैं.'
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है- “ऑफिस स्पेस की सप्लाई में हुई 26 तेजी से यह साबित होता है कि बाजार में मांग केवल तात्कालिक नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक और मजबूत हो चुकी है. यह रुझान संकेत देता है कि अगले दो से तीन सालों में, टियर-2 शहरों (जैसे पुणे, अहमदाबाद) में भी प्रीमियम ऑफिस स्पेस की मांग में कई गुना बढ़ोतरी होने की संभावना है. "
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