2026 में लग्जरी और प्रीमियम घरों की मांग बढ़ेगी, क्या मिडिल क्लास लोगों को मिलेगा सपनों का आशियाना?

रियल एस्टेट डेवलपर्स इस साल और अगले साल स्थिर वृद्धि देखेंगे, क्योंकि कोविड के बाद तीन सालों की रिकवरी होने के बाद अब मांग स्थिर है. Crisil रेटिंग के मुताबिक टॉप 7 शहरों में प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में जबरदस्त उछाल देखा गया है.

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2026 में कैसा रहेगा रियल एस्टेट का मार्केट 2026 में कैसा रहेगा रियल एस्टेट का मार्केट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

वित्त वर्ष 2026 में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री में 10-12% की थोड़ी कम वृद्धि दर देखने को मिलेगी. Crisil रेटिंग ने मंगलवार को कहा कि 2025 में ये 12-14% थी. पिछले दो वित्तीय सालों में दोहरे अंकों की वृद्धि के बाद, आने वाले वक्त में औसत कीमतों में 4-6 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है. रियल एस्टेट डेवलपर्स इस साल और अगले साल स्थिर वृद्धि देखेंगे, क्योंकि कोविड के बाद तीन सालों की रिकवरी होने के बाद अब मांग स्थिर है.  

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2025 में कई राज्यों में चुनाव और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन नियमों में बदलाव के कारण कुछ शहरों में प्रोजेक्ट लॉन्च में देरी हुई, जिससे मांग स्थिर रही. इस वित्तीय वर्ष और अगले साल कम ब्याज दरों और कीमतों में स्थिर वृद्धि के कारण मांग में तेजी की उम्मीद है. 

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प्रीमियम और लग्जरी घरों की डिमांड बढ़ेगी 

Crisil रेटिंग के मुताबिक आपूर्ति की मांग से अधिक रहने की उम्मीद है. इसलिए इस साल और अगले वित्त वर्ष में इन्वेंट्री का स्तर धीरे- धीरे बढ़ेगा. डेवलपर्स की कर्जमुक्त बैलेंस शीट उनके क्रेडिट प्रोफाइल सही रहेंगे. Crisil रेटिंग के मुताबिक टॉप 7 शहरों में प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में जबरदस्त उछाल देखा गया है. जो 2020 में 9 फीसदी से बढ़कर 2024 में 37 फीसदी हो गया है. इसकी वजह लोगों की बढ़ती आय और शहरीकरण है, जिसे आलीशान घरों की चाहत को लोगों में बढ़ाया है. 2025-26 में इस सेगमेंट में कुल लॉन्च में 38-40 फीसदी हिस्सेदारी होने की उम्मीद है.   

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मिड सेगमेंट के घर क्यों हो रहे कम लॉन्च?

 
इसके विपरित किफायती और मिड सेगमेंट में लॉन्च की कम हिस्सेदारी होने की संभावना है. क्रमश: 10-12 फीसदी और 19-20 फीसदी. क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक 2020 में 30 फीसदी और 40 फीसदी के हिस्से से ये काफी कम है. जमीन और कच्चे माल की बढ़ती लागत ने इन सेगमेंट को डेवलपर्स के लिए कम व्यवहार्य बनाया है.ज्यादा मांग की उम्मीद में डेवलपर्स ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लॉन्च बढ़ाए, जिससे आपूर्ति मांग से आगे निकल गई. इस वित्तीय वर्ष और अगले वित्तीय वर्ष में भी आर्पूति मांग से अधिक रहने की संभावना है.  

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क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, इस रुझान को इक्विटी निवेश में भारी वृद्धि से और बल मिला है. पिछले वित्तीय साल में QIP से मिली राशि बकाया कर्ज के 24 फीसदी तक पहुंच गई है. जो पिछले तीन वित्तीय सालों में 13-16 फीसदी थी. QIP से मिली राशि में वृद्धि और ऑपरेटिंग कैश फ्लो (CFO) में लगातार सुधार ने डेवलपर्स के क्रेडिट मेट्रिक्स को मजबूत किया है .  इसके साथ उनके कर्जमुक्त बैलेंस शीट ने debt to CFO अनुपात को पिछले दो वित्तीय वर्षों में 1.2-1.5 गुना से सुधारकर इस और अगले वित्तीय वर्ष में 1.1-1.3 गुना करने में मदद की है. 

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