दिल्ली में बड़े परिवारों के लिए आसानी से मिलता है बड़ा घर, इन शहरों में है सप्लाई कम

देश की राजधानी दिल्ली बड़े घरों की डिमांड पूरा करने में सबसे आगे है, खासतौर पर 3 bhk या उससे ज्यादा बड़े घर, वहीं मुंबई जैसे बड़े शहर लोगों की ये चाहत पूरी करने में पीछे रह गए हैं.

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दिल्ली में लोगों को आसानी से मिलते हैं बड़े घर (Photo-ITG) दिल्ली में लोगों को आसानी से मिलते हैं बड़े घर (Photo-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

भारत के रियल एस्टेट मार्केट में अब परिवारों की जरूरतों के हिसाब से एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. आज के मेट्रो शहरों में लाइफस्टाइल और परिवारों का आकार बदल रहा है, जिसके चलते लोग बड़े और खुले घर तलाश रहे हैं. eXp इंडिया की नई रिसर्च ने इस सेगमेंट में एक चौंकाने वाला सच सामने रखा है. बड़े परिवारों के रहने के लिए देश की राजधानी दिल्ली सबसे बढ़िया शहर बनकर उभरा है. 

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66.1% बड़े घरों की लिस्टिंग के साथ दिल्ली इस रेस में सबसे आगे है, वहीं मुंबई और नवी मुंबई जैसे घनी आबादी वाले शहर इस मामले में सबसे निचले पायदान पर हैं. यह रिपोर्ट बताती है कि किस तरह खरीदारों की आराम और प्राइवेसी की जरूरतें बढ़ रही हैं, और शहरों में बड़े घरों की उपलब्धता अब शहरी प्लानिंग के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

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इस लिस्ट में दिल्ली के बाद अहमदाबाद है, जहां 53.7% प्रॉपर्टी बड़े परिवारों के लायक हैं. वहीं, कोलकाता (44.9%) और सूरत (45.9%) में भी लगभग इतनी ही सप्लाई है. बेंगलुरु (43.1%), हैदराबाद (43.2%), कानपुर (42.3%), और जयपुर (40.7%) जैसे शहर भी परिवार के लिए पर्याप्त बड़े घर ऑफर करते हैं.

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कौन से शहर हैं पीछे?

लखनऊ (38.1%) और पुणे (33.7%) में भी बड़े घरों के ठीक-ठाक ऑप्शन हैं, लेकिन चेन्नई (27.8%), नागपुर (28.9%), और इंदौर (23.6%) इस मामले में सबसे निचले दर्जे पर हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि कुछ शहर बड़े परिवारों की जरूरतें आसानी से पूरी कर रहे हैं, जबकि बाकियों को इन बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए अभी और विकास और प्लानिंग की जरूरत है.

जो खरीदार आराम, प्राइवेसी और लंबे समय तक रहने लायक घर चाहते हैं, उनके लिए बड़े घरों की ज्यादा उपलब्धता बहुत मायने रखती है. नवी मुंबई (17.7%) और मुंबई (25.5%) में बड़े परिवारों के लायक घरों की उपलब्धता सबसे कम है. यह दिखाता है कि इन घनी आबादी वाले शहरी बाजारों में बड़े घरों की सप्लाई में कितनी बड़ी कमी है.

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इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि अलग-अलग शहरों में परिवारों के लिए घर के विकल्प कितने अलग हो सकते हैं, जहां ज्यादा भीड़भाड़ वाले बाजारों में बड़े साइज की प्रॉपर्टी की सप्लाई सबसे कम होती है.

भारत में शहरीकरण लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में बड़े घरों की उपलब्धता परिवारों के लिए एक अहम मुद्दा है जो अलग-अलग क्षेत्रों में रहने का फैसला लेते समय इस पर जरूर विचार करते हैं. यह रिपोर्ट बताती है कि डेवलपर्स को नए प्रोजेक्ट्स डिजाइन करते समय रणनीतिक शहरी प्लानिंग पर ध्यान देना होगा और आधुनिक भारतीय परिवारों की बदलती जरूरतों को समझना होगा. कुल मिलाकर, शहरों में घरों की उपलब्धता में यह अंतर भारत के गतिशील रियल एस्टेट बाजार की वर्तमान चुनौतियों और अवसरों को दर्शाता है.

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