भारत ने सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा को 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया है. इस खबर के बाद से टूरिज्म सेक्टर बड़ी टेंशन में है तो होटल इंडस्ट्री में इससे हाहाकार मचा है. इस बैन की वजह से कारोबार के ठप होने और नौकरियों के जाने की आशंका तेज हो गई है.
दरअसल, पहले से ही मंदी और फिर कोरोना के असर से पर्यटकों की आवाजाही कम होने से कारोबार को नुकसान हो रहा था. अब इस बैन से आशंका है कि 10-12 लाख बुकिंग कैंसिल हो सकती हैं. मार्च और अप्रैल में कारोबार 100 फीसदी ठप हो सकता है.
पूरी वैल्यू चेन में करीब 3 अरब डॉलर के फॉरेन एक्सचेंज के नुकसान की आशंका है. होटल, एविएशन और पर्यटन क्षेत्र में नौकरियां जाने की आशंका बढ़ गई है. इन सेक्टर्स को सीधे तौर पर साढ़े 8000 करोड़ के नुकसान की आशंका है.
कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा शेयर बाजार कांप रहा है, या कहें कि उसमें असर सीधे-सीधे नजर आ रहा है. लेकिन जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार के बाद इस तरह की किसी भी महामारी से टूरिज्म इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान होता है.
बेरोजगारी की शुरुआत सर्विस प्रोवाइडर्स के स्तर पर शुरू भी हो गई है. बुकिंग कैंसलेशन का सिलसिला तेजी पकड़ रहा है. लेकिन होटल, एयरलाइंस और लग्जरी ट्रेनों ने कैंसलेशन पर पैसा लौटाने से साफ इनकार कर दिया है.
ऐसे में ग्राहकों की पूरी रकम डूबने का डर है क्योंकि कई होटल रिटेंशन क्लॉज के तहत पहले ही पूरी रकम ले लेते हैं. इससे ग्राहकों की मुश्किल बढ़ेगी और संकट का दायरा भी फैल सकता है. उधर, कंपनियों ने भी 31 मार्च तक सभी इवेंट्स, मीटिंग, कॉन्फ्रेंस और सेमिनार टाल दिए हैं.
इससे होटल इंडस्ट्री को 40 परसेंट कारोबार आता है. अब अगर एक महीने कारोबार ठप रहा तो फिर हालात सामान्य होने में कई महीने लग सकते हैं. कोरोना के चलते पहले ही होटलों के कमरे 80 फीसदी तक खाली पड़े हैं. अब नई रोक ने आने वाले दिनों में होटलों के एकदम खाली होने की आशंका बढ़ा दी है.
होटल इंडस्ट्री
कोरोना के कोहराम से टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री को
जनवरी-मार्च तिमाही में आमदनी में 60 परसेंट से ज्यादा की गिरावट आने की
आशंका है. भारत को विदेशी पर्यटकों के आने से हर साल करीब 2 लाख करोड़
रुपये से ज्यादा की आमदनी होती है.
हर महीने भारत में करीब 10 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं. लेकिन कुल विदेशी पर्यटकों का 60 से 65 फीसदी अक्टूबर से मार्च के दरम्यान आते हैं जो इस बार कोरोना के चलते फ्लॉप सीजन साबित हो रहा है.
दुनिया में सबसे ज्यादा सैलानी चीन के होते हैं. लेकिन कोरोना के बाद इनकी संख्या तेजी से घट गई है. शुरू में कोरोना के चलते लगे चुनिंदा ट्रैवल बैन से ही हाल के महीनों में विदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या 25 से 30 फीसदी तक कम हो गई थी.
होटल उद्योग की कुल आमदनी में 60 फीसदी का योगदान करने वाले NRIs भी यात्रा टालने में लगे थे. अभी तक घरेलू पर्यटकों में 35 परसेंट विदेश यात्रा के पैकेज रद्द कर चुके हैं. कोरोना वायरस से प्रभावित विदेशी पर्यटन स्पॉट्स के हवाई किराये 40 फीसदी और होटल किराये 18 परसेंट तक कम हो चुके थे.
हालांकि अभी तक घरेलू पर्यटक कोरोना से बचे इलाकों में जा रहे हैं. लेकिन आगे चलकर ये सिलसिला भी रुक सकता है. अब टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री टैक्स में कटौती के जरिए सरकार से गुहार लगा रही है कि उसे बेल आउट पैकेज दिया जाए. इसके साथ ही सरकार विदेशी टूरिज्म को एकदम बैन करने के बजाय हालात के हिसाब से फैसला करके ढिलाई देने का काम भी करे.