करोड़ों रुपये का नुकसान
रिटायरमेंट फंड के लिए अक्सर देखा जाता है कि बहुत से लोग EPF पर निर्भर रहते हैं, बीमा नहीं लेना या रियल एस्टेट में जरूरत से ज्यादा निवेश कर देते हैं, जिस कारण उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हो जाता है. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो अक्सर लोग रिटायरमेंट फंड जमा करने को लेकर करते हैं.
कोई विड्रॉल योजना नहीं
रिटायरमेंट का मतलब सिर्फ सेविंग करन नहीं है, उसे समझदारी से खर्च करना भी चाहिए. विड्रॉल योजना के बिना, कई लोग शुरुआत में ही यात्रा या मौज-मस्ती पर जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं, जिससे बाद में इलाज या लंबी उम्र के लिए कुछ नहीं बचता. पहले साल अपनी कुल राशि का 3 से 4 फीसदी हिस्सा सेफ रखें, फिर बढ़ती कॉस्ट के हिसाब से हर साल इसे बढ़ाना चाहिए. ताकि आप अपने लाइफस्टाइल पर खर्च कर सकें और आपका निवेश सेफ रहे.
सालभर में ही सबकुछ बंद कर देना
अक्सर देखा जाता है कि लोग रिटायरमेंट के लिए योजना तो बना लेते हैं और निवेश भी शुरू कर देते हैं, लेकिन किसी इमरजेंसी या जरूरत पड़ने पर एक साल के अंदर ही इन योजनाओं को बंद कर देते हैं, जिस कारण उनका फंड जमा नहीं हो पाता. ऐसे में निवेश शुरू करने के साथ ही इमरजेंसी फंड पहले से निकालकर रख लेना चाहिए.
शेयर बाजार में निवेश से बचना
कई रिटायर लोग मार्केट में उतार-चढ़ाव की डर से शेयर बाजार से किनारा कर लेते हैं, लेकिन शेयरों में निवेश नहीं करने से महंगाई 20 से 30 सलों में चुपचाप उनकी सेविंग खा जाती है. 70 साल से ज्यादा उम्र में भी एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बढ़ती लागत से निपटने के लिए लॉन्गटर्म में 10 से 15 फीसदी रिटर्न के लिए निवेश कर सकते हैं. वहीं कुछ हिस्सा एफडी में इमरजेंसी फंड या लाइफस्टाइल खर्च के लिए सेफ रखें.
मेडिकल के लिए सिर्फ कैश पर फोकस
भारत में 13 से 14 फीसदी की मेडिकल महंगाई दर है. जिस कारण आम लोगों के हॉस्पिटल में भर्ती होने के कारण लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं और रिटायरमेंट के लिए सेव किया गया पैसा खत्म हो जाता है. ऐसे में मेडिकल इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है.
जरूरत से ज्यादा पैसा मकान में खर्च करना
मकान एक बार खरीदने के बाद लोग जल्दी बेचना नहीं चाहते हैं. ऐसे में रिटायरमेंट फंड जमा कर पाना मुश्किल होता है. अगर आपके खर्चें कम हो रहे हैं, तो आपको एक से ज्यादा घर नहीं रखना चाहिए, इसके बजाय 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिक रिवर्स मॉर्गेज पर विचार कर सकते हैं. आपको एफडी या इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, ताकि जरूरत पर आप निकाल सकें.
ज्यादा टैक्स योजना में निवेश करने की गलती
अक्सर देखा जाता है कि लोग फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं, जहां ठीकठाक रिटर्न मिलता है, लेकिन आपकी आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगता है. जिससे घर ले जाने वाली राशि कम हो जाती है.