सूरत, नोएडा, तिरुपुर में काम पर संकट, US टैरिफ लागू होते ही होने लगा नुकसान

अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ का असर भारत के अलग-अलग शहरों में दिखने लगा है. टेक्‍सटाइल का प्रोडक्‍शन तो कई शहरों में कंपनियों ने रोक या कम कर दिया है. अनुमान है कि तिरुपुर के टेक्‍सटाइल एक्‍सपोर्ट 3000 करोड़ रुपये तक प्रभातिव हो सकता है.

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अमेरिकी टैरिफ से टेक्‍सटाइल मार्केट प्रभावित (Photo: Pexels) अमेरिकी टैरिफ से टेक्‍सटाइल मार्केट प्रभावित (Photo: Pexels)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 29 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ का असर अब भारत में दिखने लगा है. तिरुपुर के टेक्‍सटाइल मार्केट से लेकर नोएडा और सूरत का भी कारोबार प्रभावित हुआ है. इन शहरों में उत्‍पादन रोक दिया गया है. यह सेक्‍टर वियतनाम और बांग्‍लादेश के कम लागत वाले प्रतद्वंदियों के सामने पिछड़ रहा है. 

FIEO के चेयरमैन एससी राल्‍हान ने कहा कि सीफूड की बात करें तो झींगा सबसे ज्‍यादा अमेरिका भेजा जाता है और अमेरिका भारतीय सीफूड एक्‍सपोर्ट का करीब 40 फीसदी हिस्‍सा खरीदता है. ऐसे में टैरिफ लगने से यह सबसे ज्‍यादा प्रभावित होगा.

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भारतीय सामानों पर गंभीर असर
इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राल्‍हान ने कहा कि 50 फीसदी टैरिफ से अपने सबसे बड़े एक्‍सपोर्ट मार्केट में भारतीय सामान पर गंभीर असर होगा. अमेरिका जाने वाले भारतीय सामन को भी झटका लगेगा. भारतीय सामान अन्‍य देशों की तुलना में कम्‍पटीशन से बाहर हो जाएंगे. CITI यानी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने कहा है कि कपड़ा उत्पादक सरकार की तरफ से राहत मिलने की उम्‍मीद लगा रहे हैं. 

3000 करोड़ का मार्केट प्रभावित
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का तिरुपुर स्थित टेक्‍सटाइल हब पर गहरा असर पड़ा है. इससे करीब 3000 करोड़ रुपये का मार्केट प्रभावित हुआ है. स्‍टालिन ने राज्य के उद्योगों और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल राहत और स्‍ट्रक्‍चरल रिफॉर्म की मांग की. उनका यह बयान अमेरिकी राष्‍ट्रपति Donald Trump द्वारा भारतीय एक्‍सपोर्ट पर 50 फीसदी का व्‍यापक टैरिफ लगाने के करीब 24 घंटे बाद आया है.

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नए ऑर्डर मिलने हुए बंद 
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ लागू होते ही तिरुप्पुर के निर्यातकों को नए ऑर्डर मिलना बंद हो गए हैं और कस्‍टमर्स पुराने ऑर्डर पर फिर से बातचीत कर रहे हैं. एनसी जॉन गारमेंट्स के डायरेक्‍टर अलेक्जेंडर नेरोथ ने कहा कि टेक्सटाइल हब की कई निटवियर कंपनियों का अमेरिका में कारोबार है. 

उन्‍होंने कहा कि एक्‍सपोर्टर के लिए इस प्रभाव को सहन करना ज्‍यादा टफ है, क्योंकि कस्‍टमर्स पहले दिए गए ऑर्डर्स पर फिर से विचार कर रहे हैं या फिर इस कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. जिनमें से ज्‍यादातर छोटे और मिडियम स्‍तर के कारोबार हैं, जो 18 से 15 फीसदी मार्जिन पर काम कर रहे हैं. 

एक एक्‍सपोर्टर ने कहा कि कंपनियों के लिए लागत वहन करना आसान नहीं है. उन्‍होंने आगे कहा कि ज्‍यादा से ज्‍यादा कंपनियां कीमतों पर 5 फीसदी की छूट दे सकती हैं, जिसमें लैंडिंग कास्‍ट में 7 फीसदी की कमी आएगी. एक्‍सपोर्टर ने आगे कहा कि कुछ कंपनियां कारोबार में सुधार की उम्‍मीद में बिना किसी मार्जिन के छूट दे रही हैं. 

तिरुपुर ने अमेरिका को भेजा 15000 करोड़ का सामान
व्‍यापारिक संस्‍थाओं के अनुसार, तिरुपुर भारत के अमेरिका को रेडीमेड कपड़े निर्यात का एक बड़ा हिस्‍सेदार है और वित्त वर्ष 2025 में इसने अमेर‍िका को 15000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का माल निर्यात किया है. SBI रिसर्ज ने बुने हुए कपड़ों पर करीब 64 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और उद्योग पर इसका भारी असर पड़ने की आशंका जताई है. 

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