टैरिफ से मिले पैसों को जनता में बांटेंगे ट्रंप? ये कैसी स्‍कीम पर विचार कर रहे US प्रेसिडेंट

ट्रंप टैरिफ ज्‍यादातर यूरोपीय संघ के सदस्‍य देशों और ब्रिटेन पर 15 पर्सेंट, जापान पर 10 पर्सेंट और साउथ कोरिया पर सिर्फ 5 पर्सेंट लगाया गया है. वहीं भारत पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

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US President Donald Trump. (Photo: Reuters) US President Donald Trump. (Photo: Reuters)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 02 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक ऐसी योजना पर विचार कर रहे हैं, जो अमेरिकी नागरिकों के लिए खुश कर सकती है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने शनिवार को जानकारी दी है कि जिस दिन भारतीय इम्‍पोर्ट्स पर 25% अमेरिकी Tariff लगाने का ऐलान किया, उसी दिन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि वह टैरिफ का कुछ हिस्‍सा डिविडेंड के तौर पर नागरिकों तक पहुंचाने पर विचार कर सकते हैं. 

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डिविडेंड का मतलब- किसी भी कमाई का कुछ हिस्‍सा शेयरहोल्‍डर्स या अन्‍य लोगों में बांटना. यहां डिविडेंड का मतलब अमेरिका द्वारा हुए टैरिफ से कमाई में से कुछ पैसा लोगों में बांटना. हालांकि अभी तक ट्रंप ने इसे लेकर ज्‍यादा कुछ शेयर नहीं किया है. 

किस देश पर सबसे ज्‍यादा टैरिफ? 
ट्रंप टैरिफ ज्‍यादातर यूरोपीय संघ के सदस्‍य देशों और ब्रिटेन पर 15 पर्सेंट, जापान पर 10 पर्सेंट और साउथ कोरिया पर सिर्फ 5 पर्सेंट लगाया गया है. वहीं भारत पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसे 7 अगस्‍त को लागू क‍िया जा सकता है. इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा पर 35 प्रतिशत, ब्राजील पर 50 प्रतिशत, स्विट्जरलैंड पर 39 प्रतिशत और ताइवान पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि इन देशों को लेकर ट्रंप ने एक एग्‍जिटिव ऑर्डर पर साइन भी किया है, जिसके तहत 69 देशों और यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर नए इम्‍पोर्ट टैक्‍स लगाए गए हैं, जो 7 अगस्‍त से लागू होंगे.

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ऑर्डर के मुताबिक, सीरिया पर 41 प्रतिशत के साथ सबसे ज्‍यादा टैरिफ लगाने वालों में सबसे ऊपर है, उसके बाद लाओस और म्‍यांमार पर 40% और इराक और सर्बिया पर 35 फीसदी टैरिफ लगाया है. 

चीन के साथ चल रही बातचीत 
चीन पर ट्रंप ने 145 फीसदी तक टैरिफ को बढ़ा दिया था, लेकिन फिर बातचीत आगे बढ़ी और दोनों देश एक दूसरे पर टैरिफ को कम करने पर राजी हो गए, लेकिन अभी तक इन दोनों के बीच में समझौता नहीं हो पाया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे एक अच्‍छे व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में सीएनबीसी को इसकी जानकारी दी है.

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