US Dollar Fall: दहाड़ मार रहा था डॉलर... अब अचानक हुआ धड़ाम, 4 साल के निचले स्तर पर आया

US Dollar Fall: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स बीते सप्ताह तक तेज रफ्तार से भाग रहा था, लेकिन इजरायल और ईरान के बीच जंग थमने के बाद से ये लगातार टूट रहा है और गिरकर चार साल के निचले स्तर पर आ गया है.

Advertisement
अमेरिका डॉलर में तेज गिरावट अमेरिका डॉलर में तेज गिरावट

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

बीते सप्ताह तक जब इजरायल और ईरान में जंग (Israel-Iran War) चल रही थी, तो अमेरिकी डॉलर (US Dollar) दहाड़ मारता नजर आ रहा था, लेकिन वॉर थमने के बाद ये अचानक धड़ाम हो गया और टूटते हुए अब चार साल के निचले स्तर पर आ गया है. अमेरिका में महंगाई बढ़ने के साथ ही मंदी की संभावनाओं ने डॉलर को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई है, जबकि इसके टूटने से दूसरी करेंसियों Yen और Euro को जबर्दस्त फायदा हुआ है. 

Advertisement

फिसलकर यहां पहुंचा डॉलर इंडेक्स
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ते तनाव के बीच पिछले सप्ताह तक डॉलर जोरदार तेजी के साथ चढ़ता जा रहा था, लेकिन जैसे ही जंग थमी तो इसमें गिरावट आती चली गई. बीते कारोबारी दिन बुधवार को तो Dollar करीब चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गया. US Dollar Index (DXY) गिरकर 97.48 पर आ गया है, जो इस साल 10.1% की गिरावट दर्शाता है. डॉलर में गिरावट का सबसे बड़ा लाभार्थी यूरो रहा है और ये 1.1700 डॉलर पर पहुंच गया है. बता दें कि इस साल के शुरुआती महीनों में डॉलर इंडेक्स 109 के पार तक पहुंच गया था.

आखिर क्यों आई डॉलर में गिरावट? 
बात करें, अमेरिकी डॉलर में अचानक आई इस बड़ी गिरावट के पीछे के कारणों के बारे में, तो इसकी कई वजह देखने को मिल रही है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक NY ब्रांच में ग्लोबल जी10 एफएक्स रिसर्च और नॉर्थ अमेरिका मैक्रो स्ट्रैटेजी के प्रमुख स्टीव इंग्लैंडर ने कहा है कि बाजार अगले थीम के इंतजार में है और इस साल पॉलिसी रेट में और कटौती की बढ़ती उम्मीदों से डॉलर में कमजोरी आई है.

Advertisement

इसके अलावा US Fed के चीफ जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी कांग्रेस में Donald Trump प्रशासन की टैरिफ नीति से देश में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई है. इसके अलावा जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट्स ने भी कहा है कि ट्रंप की टैरिफ नीतियां वैश्विक ग्रोथ में रुकावट पैदा कर सकती हैं और महंगाई में इजाफा देखने को मिल सकता है. एजेंसी ने इसके साथ ही मंदी की 40% संभावना का अनुमान जाहिर किया है. इन सबका सीधा असर डॉलर की वैल्यू पर देखने को मिला है. 

डॉलर फिसला, तो चमक उठीं ये करेंसी
एक ओर जहां डॉलर इंडेक्स फिसला है, तो वहीं इसके दबाव में आने से Euro 0.4% बढ़कर 1.1700 डॉलर पर पहुंच गया है, जो कि इसका सितंबर 2021 के बाद का हाई लेवल है. स्टर्लिंग में 0.3% का उछाल आया और ये जनवरी 2022 के बाद 1.3723 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया. बात अगर स्विस फ्रैंक की करें, तो इसने डॉलर और येन दोनों पर अच्छी बढ़त हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक, US Fed की स्वतंत्रता को लेकर उभरी चिंताओं के चलते अमेरिकी डॉलर, यूरो और स्विस फ्रैंक के मुकाबले कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गया.

US Fed की स्वतंत्रता की चिंता 
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) की जगह सितंबर या अक्टूबर तक किसी अन्य व्यक्ति को लाने पर विचार किया है. इस बीच इनटच कैपिटल मार्केट्स के एशिया एफएक्स प्रमुख किरन विलियम्स का कहना है कि पॉवेल के उत्तराधिकारी को लेकर होने वाले ऐळान के किसी भी शुरुआती कदम से बाजारों में हलचल मच सकती है, खासकर अगर इसे लेकर होने वाला फैसला राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement