US-China Tariff War: ट्रंप ने फोड़ा 125% का टैरिफ बम, चाइनीज करेंसी का निकला दम... 18 साल का टूटा रिकॉर्ड

US-China Trade War लगातार बढ़ रही है. अमेरिका ने अब चीनी आयात पर 125 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है और इस बीच चीन के करेंसी मार्केट को बड़ा झटका लगा है, देश की करेंसी Yuan 18 साल की निचले स्तर पर पहुंच गई है.

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ट्रंप टैरिफ से चीनी करेंसी को लगा तगड़ा झटका ट्रंप टैरिफ से चीनी करेंसी को लगा तगड़ा झटका

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

अमेरिका और चीन में टैरिफ वॉर (US-China Tariff War) लगातार बढ़ती जा रही है और इसका असर भी साफ दिखने लगा है. बीते मंगलवार को अमेरिका ने चीन पर 104% का टैरिफ लगाया था, तो इसपर पलटवार करते हुए अगले दिन China ने भी US पर 84% का टैरिफ लगा दिया, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी और बुधवार को एक बार फिर ट्रंप ने बड़ा ऐलान करते हुए ड्रैगन पर टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया.

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हालांकि, इस ट्रेड वॉर का असर चीनी शेयर बाजारों पर पड़ता नहीं दिखा और न ही अमेरिकी बाजारों में गिरावट आई, बल्कि दोनों ही शेयर मार्केट (US-China Stock Markets) में जोरदार तेजी देखने को मिली. लेकिन चीनी करेंसी Yuan को तगड़ा झटका लगा है और ये 18 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.  

2007 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
ट्रंप की टैरिफ (Trump Tariff) पॉलिसी से दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है और सबसे बड़ी जंग अमेरिका और चीन के बीच देखने को मिल रही है. ट्रंप ने चीन के 84 फीसदी टैरिफ के जबाव में उसपर 125 फीसदी का हाई टैरिफ लगाया है. हालांकि, चीन की ओर से US को कड़ी टक्कर दी जा रही है, इसके बावजूद चाइनीज करेंसी पर इस ट्रेड वॉर का बुरा असर देखने को मिला है. Yuan साल 2007 के बाद से 18 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

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घरेलू कारोबार के अंत में युआन 7.3498 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. रॉयटर्स की रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया कि चीन के टॉप नेता बैठक कर चीन की अर्थव्यवस्था (China Economy) को बढ़ावा देने और पूंजी बाजार को स्थिर करने के उपायों पर विचार करने की योजना बना रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि टैरिफ दबाव के बावजूद, चीन के सेंट्रंल बैंक ने प्रमुख सरकारी बैंकों से अमेरिकी डॉलर की खरीद कम करने को भी कहा है. 

चीन की GDP में आ सकती है इतनी गिरावट!
कैपिटल इकोनॉमिक्स ने एक नोट में कहा है कि नए अमेरिकी टैरिफ वृद्धि (US Tariff Hike) का मतलब है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका को चीन के निर्यात में आधे से भी अधिक की कमी आएगी. इसमें कहा गया कि इससे चीन के सकल घरेलू उत्पाद (China GDP) में 1.0-1.5% की कमी आ सकती है, लेकिन ये गिरावट अन्य देशों के माध्यम से होने वाले निर्यात की सीमा पर निर्भर करेगी. ये अपेक्षा से बड़ा झटका है, लेकिन राजकोषीय मदद से इसकी भरपाई की जाएगी.

करेंसी धड़ाम, लेकिन शेयर बाजार में तेजी
चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर बढ़ने से करेंसी मार्केट में भले ही उथल पुथल मची है, लेकिन दूसरी ओर देश के शेयर बाजारों में (China Share Markets) में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) 1.50 फीसदी की तेजी में कारोबार कर रहा है, तो वहीं China A50 भी करीब 1 फीसदी की तेजी लेकर ग्रीन जोन में कारोबार करता हुआ नजर आया. DJ Shanghai में 1.47 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, तो वहीं Hang Seng ने 3 फीसदी की छलांग लगा दी. 

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ट्रंप मानने को तैयार नहीं, चीन भी अड़ा
चीन और अमेरिका में से कोई भी इस ट्रेड वॉर में झुकने को तैयार नहीं हो रहा है. न तो अमेरिका का ट्रंप प्रशासन मान रहा है और न ही शी जिंगपिंग का प्रशासन हार मानने को तैयार है. इसके चलते दोनों ही एक दूसरे पर एक के बाद एक टैरिफ बन (Tariff Bomb) फोड़ते जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की आय का बड़ा हिस्सा निर्यात से जुड़ा हुआ है और 125 फीसदी का टैरिफ लगने से चीनी सामान की विदेशी डिमांड बुरी तरह प्रभावित हो सकती है और ट्रेड सरपल्स में भारी कमी आ सकती है.

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