Trump Tariff Effect: जापान, चीन, कोरिया से भारत के शेयर मार्केट तक तबाही

दुनियाभर के शेयर बाजारों की गिरावट पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बाइडेन के कार्यकाल के दौरान अन्य देशों ने अमेरिका के साथ बुरा सुलूक किया. हमारे खराब नेतृत्व की वजह से ऐसा हुआ. अमेरिकी शेयर बाजार से लेकर एशियाई शेयर बाजार लुढ़क गए. क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन में भी तेज गिरावट हुई. इससे निवेशकों में डर बना हुआ है.

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एशियाई शेयर बाजार में गिरावट एशियाई शेयर बाजार में गिरावट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का दुनियाभर के बाजारों पर बड़ा असर बड़ा है. सोमवार को एशियाई शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. जापान के निक्केई में बाजार खुलते ही 225 अंकों की गिरावट दर्ज हुई. एक घंटे के बाद यह 7.1 फीसदी की गिरावट के साथ 31,375.71 पर रहा.

वहीं, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.5 फीसदी की गिरावट के साथ 2,328.52 पर रहा जबकि ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 भी 6.3 फीसदी की गिरावट के साथ 7,184.70 पर रहा. 

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हॉन्ग कॉन्ग के शेयर बाजार में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. हॉन्ग कॉन्ग के हैंग सेंन्ग इंडेक्स में 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. सिंगापुर के शेयर बाजार में 7 फीसदी, जापान में 6 फीसदी, चीन में 5.5 फीसदी, मलेशिया में 4.2 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 4.1 फीसदी, फिलिपींस में 4 फीसदी और न्यूजीलैंड में 3.6 फीसदी की गिरावट देखी गई. 

शुक्रवार को अमेरिकी नैस्डैक 6 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था. ऐसा अनुमान है कि अगर यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार में होती तो सीधे-सीधे 1400 अंकों की गिरावट होती. 

बता दें कि शेयर बाजार की गिरावट पर ट्रंप ने कहा कि जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान अन्य देशों ने अमेरिका के साथ बुरा सुलूक किया. हमारे खराब नेतृत्व की वजह से ऐसा हुआ. बता दें कि ट्रंप के ऐलान के बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. अमेरिकी शेयर बाजार से लेकर एशियाई शेयर बाजार लुढ़क गए. क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन में भी तेज गिरावट हुई. इससे निवेशकों में डर बना हुआ है कि टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है. 

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इससे पहले एक्सपर्ट जिम क्रेमर (Jim Cramer) ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिकी बाजारों में 1987 जैसी तबाही मच सकती है, जबकि Dow Jones ने आज तक की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट देखी थी. एक टीवी शो में शामिल हुए क्रेमर ने कहा कि पहले कारोबारी दिन सोमवार को 1987 के 'ब्लैक मंडे' के बाद सबसे खराब एक-दिवसीय गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. जब दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट आई थी, जिसका नेतृत्व अमेरिका के डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने किया था. उन्होंने दावा किया कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति उन देशों से संपर्क नहीं करते हैं, जिन्होंने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं तो स्थिति और खराब हो सकती है.

आखिर क्या है ये 'Black Monday'?

अब बताते हैं कि 1987 के जिस दिन की एक्सपर्ट जिम क्रेमर याद दिला रहे हैं, वो आखिर है क्या? तो बता दें कि 19 अक्टूबर 1987 को सोमवार को दिन था और इस दिन अमेरिकी शेयर मार्केट में भारी तबाही मची थी. Dow Jones इंडस्ट्रियल एवरेज 22.6 फीसदी टूटा था. यही नहीं S&P-500 इंडेक्स में 20.4% की गिरावट आई थी और दुनियाभर में इसका असर देखने को मिला था. अब जिम क्रेमर ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ 1987 के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट ला सकते हैं.

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