Delhi Pollution: दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है. हर साल की तरह इस बार भी दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत एनसीआर के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया है. मंगलवार को भी कई इलाकों का AQI 450 पार था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली के नरेला का AQI 635 और दिल्ली का औसत AQI 422 दर्ज किया गया है. जो बहुत खराब है. प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. वहीं, राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने मिली.
दिल्ली का औसत AQI 428
सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 422 रहा. पिछले 48 घंटों से AQI लगातार गंभीर और गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. अभी भी हवा की गति धीमी है और तापमान कम है और आर्द्रता भी अधिक है और इसी कारण चारों ओर स्मॉग की चादर दिखाई दे रही है. लंबे समय तक ऐसी आबोहवा के संपर्क में रहने से लोगों को सांस संबंधी बीमारी हो सकती है. फेफड़े और हृदय रोग से संबंधित लोग अधिक प्रभावित होते हैं.
एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में सुबह 7 बजे AQI
नोएडा- 315
गाजियाबाद- 355
ग्रेटर नोएडा- 344
गुरुग्राम- 382
कैसी है आपके शहर की एयर क्वालिटी, यहां कीजिए चेक
| दिल्ली के इलाके | AQI |
| अलीपुर | 463 |
| आनंद विहार | 454 |
| अशोक विहार | 457 |
| आया नगर | 411 |
| बवाना | 457 |
| बुराड़ी | - |
| चांदनी चौक | 383 |
| DTU | 417 |
| डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज | 424 |
| द्वारका सेक्टर-8 | 440 |
| आईजीआई एयरपोर्ट | 421 |
| दिलशाद गार्डन | 428 |
| आईटीओ | 417 |
| जहांगीरपुरी | 460 |
| जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम | 388 |
| मेजर ध्यान चंद स्टेडियम | 358 |
| मंदिर मार्ग | 428 |
| मुंडका | 463 |
| द्वारका एनएसआईटी | 494 |
| नजफगढ़ | 425 |
| नरेला | 379 |
| नेहरू नगर | 398 |
| नॉर्थ कैंपस | 438 |
| ओखला फेस-2 | 407 |
| पटपड़गंज | 435 |
| पंजाबी बाग | 440 |
| पूसा DPCC | 418 |
| पूसा IMD | 412 |
| आरके पुरम | 421 |
| रोहिणी | 457 |
| शादीपुर | 423 |
| सिरीफोर्ट | 415 |
| सोनिया विहार | 450 |
| अरबिंदो मार्ग | 403 |
| विवेक विहार | 457 |
| वजीरपुर | 460 |
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के 4 चरण होते हैं
ग्रैप के चरण-III के अनुसार 11 सूत्रीय कार्य योजना 15 नवंबर, 2024 सुबह 08:00 बजे से पूरे एनसीआर में लागू हो चुका है. इसके तहत...
1) सड़कों की मशीनीकृत सफाई की फ्रीक्वेंसी को और अधिक बढ़ाया जाएगा.
2) भीड़भाड़ वाले इलाकों में धूल को दबाने के लिए जल छिड़काव किया जाएगा और लैंडफिल साइटों पर अधिक ध्यान रखा जाएगा.
3) सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जाएगा. दिल्ली मेट्रो की भी फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जाएगा. ऑफिस ऑवर्स और वीकडेज भी फेरियों की संख्या बढ़ेगी.
4) निर्माण और तोड़फोड़ वाली जगहों पर सख्ती बरती जाएगी. ऐसे कामों पर प्रतिबंध रहेगा, जिनसे धूल निकलती होगी.
5) पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशर का संचालन बंद रहेगा.
6.दिल्ली-एनसीआर में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगी.
8) मालवाहक वाहनों पर भी सख्ती की जाएगी. जरूरी सामानों के परिचालन की अनुमति होगी.
9-दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-III और उससे नीचे के डीजल चालित एलसीवी (माल वाहक) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
10) अंतरराज्यीय बसों (कुछ को छोड़कर) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
11) कक्षा -5 तक के बच्चों के लिए स्कूलों को ऑनलाइन मोड में करने का आदेश.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढंक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
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