शादी से पहले अनंत अंबानी का नया अवतार, 'वनतारा' को लेकर बताई एक-एक खास बात!

Anant Ambani ने 'वनतारा' के बारे में जानकारी शेयर करते हुए बताया कि वन्य जीवों के रेस्क्यू सेंटर की शुरुआत उन्होंने कोविड काल के दौरान की थी. जब कोरोना अपने चरम पर था. इसके लिए उन्होंने 600 एकड़ में जंगल खड़ा किया है. बता दें कि अनंत अंबानी जुलाई में शादी के बंधन में बंधने वाले हैं.

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जुलाई महीने में राधिका मर्चेंट के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं अनंत अंबानी जुलाई महीने में राधिका मर्चेंट के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं अनंत अंबानी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) की प्री-वेडिंग सेरेमनी की तैयारियां गुजरात के जामनगर में चल रही हैं. अनंत अंबानी की राधिका मर्चेंट के साथ शादी होने जा रही है. इनका पूरा परिवार इन दिनों प्री-वेडिंग सेरेमनी को लेकर उत्साहित है. 

इस प्री-वेडिंग सेरेमनी से पहले अनंत अंबानी ने एक अलग रूप में सामने आए हैं, उन्होंने खुद वन्य जीवों के प्रति अपने प्रेम और उनके संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी है. 

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'वनतारा' रेस्क्यू सेंटर के बारे में बताया
अनंत अंबानी ने वन्य जीवों के लिए स्थापित 'वनतारा' के बारे बताया, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर है. वन्य जीवों के संरक्षण पर बात करते हुए अनंत अंबानी ने कहा कि 'ये मेरा पैशन है. बेज़ुबानों की सेवा सबसे बड़ी सेवा है. जानवरों की सेवा की यह सीख मुझे अपनी मां से मिली.

वहीं मुंबई छोड़कर जामनगर आने के सवाल पर अनंत अंबानी कहते हैं कि मैं जितना मुंबई का, उतना ही जामनगर का हूं. दादाजी (धीरूभाई अंबानी) ने जामनगर में रिफाइनरी का सपना देखा था. पिताजी (मुकेश अंबानी) ने दादाजी का सपना पूरा किया. आज जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है.'

इसके साथ ही उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि कि ‘मेरी मां (नीता अंबानी) ने जामनगर में 1000 एकड़ का जंगल खड़ा किया. मां ने 1995 से ही बहुत मेहनत की है. मां ने जामनगर में टाउनशिप बनवाई. यहां उन्होंने साढ़े 8 करोड़ पेड़ लगाए गए. जामनगर में आज दुनिया का सबसे बड़ा आम का बागीचा है.’

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कोविड काल में हुई थी सेंटर की शुरुआत
Anant Ambani ने बताया कि वन्य जीवों के रेस्क्यू सेंटर की शुरुआत उन्होंने कोविड काल के दौरान की थी. जब कोरोना अपने चरम पर था. इसके लिए उन्होंने 600 एकड़ में जंगल खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि हमने हाथियों के लिए एक संपूर्ण रेस्क्यू सेंटर बनाया है, जहां हमने साल 2008 में पहला हाथी बचाया. अनंत अंबानी ने कहा कि ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर साल 2020 में शुरू हुआ और हमारे साथ ग्रीन्स जूलॉजिकल रिसर्च एंड रेस्क्यू सेंटर के लिए कुल  3,000 लोग काम कर रहे हैं. जिसमें लगभग 20-30 प्रवासी हैं, ये सभी लोग इस सेंटर पर शिक्षक या प्रोफेसर की भूमिका में हैं.

इस रेस्क्यू सेंटर में रोजगार के बारे में बताते हुए अनंत अंबानी ने आगे कहा कि हम यहां पर ऐसे लोगों को हायर करते हैं जो वेटरिनरी में ग्रेजुएशन डिग्री होल्डर हैं. इसके अलावा हमारे पास अच्छे डॉक्टर भी हैं, जो जानवरों के प्रति बेहद भावुक हैं.

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