भारत की सरकारी रिफाइनरी कंपनियां इंडियन ऑयल (IOCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने फिर से रूसी तेल की खरीदारी शुरू कर दी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इन कंपनियों ने सितंबर और अक्टूबर डिलीवरी के लिए रूसी तेल खरीदा है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रिफाइनरी कंपनियों ने जुलाई में कम छूट और रूसी तेल खरीदने के लिए अमेरिका द्वारा भारत की आलोचना के बाद खरीदारी रोक दी थी. ट्रंप ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी शुल्क लगाने की भी धमकी दी है, ताकि तेल की लगातार खरीदारी के लिए भारत पर जुर्माना लगाया जा सके. हालांकि सरकार ने इसका खंडन किया था कि टैरिफ के दबाव में रूसी तेल की खरीदारी नहीं रोकी गई थी.
चीन ने डबल की रूसी तेल की खरीदारी
अधिकारियों ने बताया कि Russia के यूराल क्रूड पर छूट बढ़कर करीब 3 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जिससे यह तेल भारतीय रिफाइनरियों के लिए आकर्षक हो गया है, जबकि चीन ने खरीद बढ़ा दी है और शिपमेंट दोगुना कर दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि यूराल्स के अलावा, IOC ने वरंडे और साइबेरियन लाइट समेत अन्य रूसी कच्चे तेल ग्रेड भी खरीदे हैं. सोमवार को IOC ने विश्लेषकों को बोला था कि हम आर्थिक आधार पर रूसी तेल खरीदना जारी रखेंगे.
भारत को ज्यादा तेल भेजेगा रूस
भारत में रूसी दूतावास ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि मॉस्को का लक्ष्य भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करना और एनर्जी आपूर्ति जारी रखना है. साथ ही व्यापार बाधाओं को दूर करने का भी प्रयास है. उन्होंने बताया कि राजनीतिक स्थिति के बावजूद भारत को तेल की निरंतर आपूर्ति तय करने के लिए पहले से ही व्यवस्थाएं हैं.
हर साल 10 फीसदी बढ़ेगी खरीदारी
दूतावास ने कहा कि भारत रूस के लिए बहुत मायने रखता है. हम भारत के लिए परेशानियों को समझते हैं और उन्हें दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. रूसी दूतावास के अधिकारी ने कहा कि भारत को तेल की आपूर्ति जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार करीब 10 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है.
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है और 27 अगस्त से एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. साथ ही जुर्माना भी लगाने के लिए कहा है. इस बीच, रूस का कहना है कि वह भारत को और ज्यादा तेल सप्लाई करेगा.
आजतक बिजनेस डेस्क