सिर्फ 3 दिन में GST रजिस्ट्रेशन, रिफंड में भी अब देरी नहीं... ऑटोमैटिक सिस्टम होगा लागू!

GST रजिस्ट्रेशन अब महज तीन दिन में मिल सकता है और करीब 95 फीसदी आवेदनों को इस डेडलाइन के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है. Finance Ministry ने सूत्रों ने जल्द इन बदलावों के बारे में संकेत दिए हैं.

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जीएसटी रिफंड मैन्युअल हस्तक्षेप कम करने की पहल (Photo: Reuters) जीएसटी रिफंड मैन्युअल हस्तक्षेप कम करने की पहल (Photo: Reuters)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जीएसटी (GST) में महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव रखा, जिसमें तीन स्तंभों पर फोकस किया गया, इनमें स्‍ट्रक्‍चरल रिफॉर्म, टैक्‍स रेट को कम करना और जीएसटी को और आसान बनाना शामिल हैं. उन्‍होंने कहा कि दिवाली पर जीएसटी में हम बड़ा बदलाव लेकर आ रहे हैं, जिससे टैक्‍स कम होंगे. इस बीच रविवार को वित्त मंत्रालय के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बिजनेस जल्द ही सिर्फ तीन दिनों के भीतर GST Ragistration प्राप्त कर सकेंगे. 

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95% प्रस्तावों को 3 दिन में मंजूरी!
आजतक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे को रविवार को Finance Ministry के सूत्रों ने बताया कि व्यवसाय जल्द ही तीन दिनों में वस्तु एवं सेवा कर (GST) रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर पाएंगे और 95 फीसदी तक आवेदनों को इस डेडलाइन के भीतर ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. सरकार का ये कदम करदाताओं (Taxpayers) की सुविधा में सुधार और जीएसटी सिस्टम के तहत अनुपालन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा. 

रिफंड प्रोसेस को आसान बनाएगी सरकार
इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर से संबंधित रिफंड (Refund) को बड़े पैमाने पर ऑटोमेटड किया जाएगा. इस कदम से रिफंड प्रोसेस में मैन्युअल हस्तक्षेप में काफी हद तक कमी आएगी और इसके वितरण में लगने वाले समय में भी कमी आएगी. एक्‍सपोर्टर्स के लिए ऑटोमैटिक रिफंड की व्‍यवस्‍था का भी प्रस्ताव है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, ये दोनों बदलाव अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के व्यापक पुनर्गठन का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और करदाताओं का विश्वास बढ़ाना है.

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MSME को मिलेगी बड़ी राहत
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि GST में इन बदलावों का उद्देश्य व्यवसायों (खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों यानी MSME) की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करना है, जिन्हें अक्सर रिफंड में देरी के कारण पूंजी की कमी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि रिफंड ऑटोमेटेड करने और लगभग तत्काल पंजीकरण सुनिश्चित करने से उद्यमों को समय की बचत के साथ ही कैश फ्लो में सुधार और अनुपालन लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी में ये सुधार रोजमर्रा के अनुपालन में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए तैयार किए गए हैं, फिर चाहे वह रजिस्ट्रेशन के लिए लगा छोटा व्यापारी हो, रिफंड का इंतजार कर रहा मैन्युफैक्चरर हो या फिर निष्पक्ष और पारदर्शी सिस्टम पर भरोसा करने वाला उपभोक्ता हो.

GoM की बैठक में अंतिम रूप
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, GST Rates को युक्तिसंगत बनाने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए गठित मंत्री समूह (GoM) इससे जुड़ी अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए 20-21 अगस्त को बैठक करेगा. इसके बाद तमाम प्रस्तावों को जीएसटी परिषद (GST Council) के सामने रखा जाएगा, जिसकी बैठक सितंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में होने की उम्मीद है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सुधारों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

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