डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने टैरिफ अटैक से दुनिया को डराया और चीन के साथ टैरिफ वॉर (Tariff War) सबसे ज्यादा चर्चा में रही. हालांकि, अब काफी हद तो दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है और ट्रेड टेंशन थमी नजर आ रही है. लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Trump Urges Jinping) से गुहार लगाते नजर आ रहे हैं. हालांकि, ये ट्रेड या टैरिफ को लेकर नहीं है, बल्कि वे हांगकांग के एक रईस जिम्मी लाइ को जेल से रिहा करने की अपील कर रहे हैं, जो करीब 1800 दिनों से जेल में बंद हैं. आइए जानते हैं कौन हैं Jimmy Lai?
ट्रंप चाहते हैं मीडिया टाइकून की रिहाई
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक मीडिया टाइकून जिम्मी लाइ को रिहा करने की अपील की है. इसके लिए उन्होंने 78 वर्षीय लाई के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है. Donald Trump ने सोमवार को कहा कि मैंने इस बारे में राष्ट्रपति शी से बात की और उनसे लाई की रिहाई पर विचार करने का अनुरोध किया. ट्रंप के मुताबिक, 'वह एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और उनकी तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए मैंने उनसे यह अनुरोध किया है, देखते हैं क्या होता है.'
Trump ने अक्टूबर में साउथ कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात की थी और ऐसा माना जाता है कि उन्होंने तब भी चीनी राष्ट्रपति के सामने जिम्मी लाइ का मामला उठाया था. बता दें Jimmy Lai हांगकांग के मीडिया टाइकून हैं और करीब 1800 दिनों से जेल में बंद लाई को सोमवार को HongKong की उच्च अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुकदमे में तीन आरोपों में दोषी पाया. इस फैसले की मानवाधिकार समूहों ने निंदा करते हुए इसे चीनी वित्तीय केंद्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर एक निर्णायक प्रहार करार दिया है.
अरबपतियों की लिस्ट में शामिल थे लाई
साल 2020 में गिरफ्तारी से पहले जिम्मी लाइ हांगकांग के सबसे मशहूर बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल था. मैनलैंड चीन से आने के बाद उन्होंने 1990 के दशक में मीडिया सेक्टर में कदम रखने से पहले जियोर्डानो टेक्सटाइस कारोबार में एंट्री लेकर एक खुदरा साम्राज्य खड़ा किया और अमीरों की लिस्ट में शामिल हुए थे. ब्रिटेन के इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स के अनुसार अपने चरम पर जिम्मी लाइ की कुल संपत्ति (Jimmy Lai Networth) लगभग 1.2 अरब डॉलर आंकी गई थी और वे फोर्ब्स की हांगकांग के सबसे अमीर 40 लोगों की लिस्ट में शामिल थे.
1995 में उन्होंने एप्पल डेली (Apple Daily) की शुरुआत की और ये देखते ही देखते सबसे अधिक बिकने वाले टैब्लॉइड अखबारों में से एक बन गया. लाइ बीजिंग का मुखर आलोचक रहे हैं. 2014-2019 के दौरान उन्होंने हांगकांग के लोकतंत्र आंदोलन का खुला समर्थन किया, जिसके बाद उनकी कंपनी को मिलने वाले विज्ञापन घटे, शेयर की कीमतें गिरीं और इसके चलते उनकी संपत्ति में भी बड़ी गिरावट आई. लाइ की गिरफ्तारी के बाद उनका एप्पल डेली बंद हो गया, संपत्तियां और उनके अकाउंट फ्रीज किए गए, जिससे उनकी संपत्ति में और भी तेज गिरावट आई.
गिरफ्तारी के बाद बिखरा मीडिया साम्राज्य
लाइ की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अधिकारियों ने उनकी संपत्ति के बड़े हिस्से को फ्रीज कर दिया था. इसमें उनके मीडिया समूह से जुड़े शेयर और कई बैंक खाते शामिल थे. ये प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधानों के तहत लगाए गए थे और मुकदमे की पूरी अवधि के दौरान लागू रहे. 2021 में पुलिस की छापेमारी और वरिष्ठ कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद एप्पल डेली बंद हो गया, जिससे लाई का प्रमुख व्यवसाय लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था.
अमेरिका से ब्रिटेन तक उठी रिहाई की आवाज
डोनाल्ड ट्रंप ही नहीं, बल्कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि, 'रिपोर्टों से पता चलता है कि लाइ का स्वास्थ्य 1,800 से अधिक दिनों तक जेल में रहने के दौरान गंभीर रूप से बिगड़ गया है. हम अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे मानवीय आधार पर उन्हें रिहा करें. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन ने भी जिम्मी लाइ की सजा की आलोचना करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
आजतक बिजनेस डेस्क