नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी के असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित होने पर करारा हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है कि आखिर अशोक चौधरी ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए परीक्षा और इंटरव्यू कब दिया जो वह असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए ?
तेजस्वी ने पूछा कि क्या किसी ने उन्हें परीक्षा देते हुए कभी देखा है और अगर ऐसा हुआ है तो यह बात सामने आनी चाहिए कि उन्होंने परीक्षा कब दी और इंटरव्यू कब हुआ ?
तेजस्वी यादव ने पूछा, "जिस मंत्री ( अशोक चौधरी) के दामाद का चयन बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में हुआ है वह अब लेक्चरर हो गए हैं. किसी ने उन्हें परीक्षा देते हुए देखा है क्या ? वह अब कॉलेज में पढ़ाएंगे और भगवान ही जाने क्या पढ़ाएंगे ? इस सरकार ने सबकुछ मजाक बना दिया है. मीडिया को दिखाना चाहिए कि आखिर मंत्री जी का परीक्षा कहां हुआ और इंटरव्यू कहां हुआ ?"
असिस्टेंट प्रोफेसर बने अशोक चौधरी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी यूं तो हमेशा ही खबरों में बने रहते हैं लेकिन पिछले दिनों एक बार फिर उनसे जुड़ी एक जानकारी सामने आई जिसको लेकर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन पर हमला बोला है. दरअसल, जानकारी यह आई कि 58 साल के अशोक चौधरी जो बिहार सरकार में मंत्री और एक कद्दावर राजनेता भी है वह असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं.
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वैसे तो अशोक चौधरी बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री हैं लेकिन अब वह नेतागिरी के साथ-साथ विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाते हुए भी नजर आ सकते हैं. जानकारी के मुताबिक बिहार में विभिन्न कॉलेजों में प्रोफेसर का पद काफी वक्त से खाली पड़ा था जिसको लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे.
इस पद के लिए उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 55 वर्ष थी और इसके लिए अशोक चौधरी ने भी आवेदन किया था और फिर 2020 में आयोग की तरफ से जो साक्षात्कार आयोजित किया गया था उसमें वह सफल हुए और पिछले दिनों जब फाइनल नतीजा निकला तो उनका चयन पॉलिटिकल साइंस विषय के लिए अनुसूचित जाति केटेगरी से हुआ.
तेजस्वी बोले- मजाक चल रहा है
अशोक चौधरी के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित होने को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर भी हमला बोला और कहा कि इस सरकार में सब कुछ मजाक बनकर रह गया है. गौरतलब है अशोक चौधरी पिछले दिनों एक बार फिर उसे वक्त सुर्खियों में आए थे जब उनके दामाद सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया था.
इसको लेकर भी तेजस्वी यादव ने सवाल खड़ा किया था और दामाद आयोग बनाने को लेकर तंज भी कहा था. उस वक्त अपने दामाद का परिषद में जगह पाने को लेकर अशोक चौधरी ने दलील दी थी कि वह आरएसएस कोटा से मनोनीत किए गए हैं. तेजस्वी यादव में इस पर भी सवाल खड़ा किया था कि आखिर बिहार में यह आरएसएस कोटा क्या होता है जिसके तहत अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल का धार्मिक नया परिषद में जगह मिली थी.
रोहित कुमार सिंह