Defamation Case on Prashant Kishor: प्रशांत किशोर पर अशोक चौधरी ने ठोका मानहानि का केस, बेटी को टिकट दिलाने के लिए चिराग पासवान को रिश्वत देने के लगाए थे आरोप

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है. किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने अपनी बेटी शंभवी को लोकसभा टिकट दिलाने के लिए चिराग पासवान को रिश्वत दी थी. चौधरी ने इस आरोप को झूठा बताते हुए कहा कि प्रशांत किशोर या तो सबूत दें या माफी मांगें, वरना वे सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई ले जाएंगे. किशोर की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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अशोक चौधरी, प्रशांत किशोर अशोक चौधरी, प्रशांत किशोर

aajtak.in

  • पटना,
  • 03 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST

Defamation Case on Prashant Kishor By Ashok Choudhary: बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. यह कार्रवाई तब की गई जब किशोर ने यह आरोप लगाया कि अशोक चौधरी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को रिश्वत देकर अपनी बेटी को लोकसभा टिकट दिलवाया.

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अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी, समस्तीपुर (आरक्षित) सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद हैं. उन्होंने पटना सिविल कोर्ट में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'प्रशांत किशोर ने मेरी बेटी और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. मैंने उन्हें पहले कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं था.'

उन्होंने आगे कहा, 'प्रशांत किशोर ने जो कहा, उसके लिए उन्हें या तो सबूत पेश करने होंगे या माफी मांगनी होगी. अगर जरूरत पड़ी, तो मैं यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक ले जाऊंगा.'

प्रशांत किशोर को व्यापारी बताया
चौधरी ने प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वो राजनीति के व्यापारी हैं, जो पैसे लेकर सभी पार्टियों को अपनी सेवाएं देते हैं. जबकि हम लोग राजनीतिक मूल्यों के साथ काम करते हैं. मैं खुद दूसरी पीढ़ी का नेता हूं और मेरी बेटी देश की सबसे युवा सांसद है, जिसे प्रशांत किशोर पचा नहीं पा रहे.'

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बता दें कि अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शांभवी चौधरी को जनता ने चुना है, न कि किसी सौदे के जरिए.

वहीं दूसरी ओर, प्रशांत किशोर ने अब तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने पहले ही चेतावनी के बावजूद अपने बयान वापस नहीं लिए थे, जिससे यह मामला अब अदालत तक पहुंच गया है.

अक्टूबर-नवंबर में चुनाव
बता दें कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है. इससे पहले आरोपों का दौर शुरू हो गया है. राज्य विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया को उससे पहले पूरा करना आवश्यक है. 

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग इस बार मतदान को दो या तीन चरणों में आयोजित कर सकता है, ताकि दीपावली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान मतदान में कोई बाधा न आए.

इस चुनाव में कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. मुख्य राजनीतिक मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन (एमजीबी) के बीच होने की संभावना है.

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