राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मदन शाह, जो पिछले महीने टिकट न मिलने पर अपने कपड़े फाड़कर और जमीन पर गिरकर रोते नजर आए थे, उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बुरे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी है. मदन शाह ने कहा, 'टिकट नहीं मिलने के दर्द ने उन्हें पागल बना दिया था. मैं पटना में लालू यादव से मिलने गया था, लेकिन कोई मिला नहीं. मैं इतना आहत था कि कपड़े फाड़ दिए. जमीन पर गिर पड़ा और श्राप दे दिया कि उनकी पार्टी 25 सीटों पर सिमट जाएगी, और वाकई ऐसा हो गया.'
मदन शाह ने कहा, 'मैं अब भी पार्टी के लिए दुखी हूं. पार्टी की हार से मुझे दर्द है, लेकिन जो भगवान करता है, अच्छा करता है. पार्टी में जो चाणक्य कहलाते हैं, वे पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हैं. जब तक उन्हें पार्टी से नहीं निकाला जाएगा, कुछ सुधार नहीं होगा. इस बार टिकट वितरण में लालू यादव से सलाह नहीं ली गई. इसलिए पार्टी को यह मुकाम मिला.' टिकट के लिए पैसे मांगे जाने के सवाल पर मदन शाह ने कहा कि उनसे सीधे किसी ने ऐसी कोई डिमांड नहीं की थी.
पार्टी के लिए काम करता हूं तो पैसे क्यों दूंगा?
उन्होंने कहा, 'मुझसे पैसे सीधे नहीं मांगे गए (टिकट के बदले); यह मीडिया के जरिए किया गया. तो मैं पैसे कहां देता? सड़क पर तो फेंक नहीं सकता था. मैं 1990 से पार्टी के साथ जुड़ा हूं, कार्यकर्ता हूं, पार्टी के लिए काम करता हूं. टिकट के लिए क्यों पैसे दूंगा और कहां से दूंगा? मधुबन से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य तक नहीं था. सरकारी डॉक्टर है, उसने इस्तीफा तक नहीं दिया था. अपनी पत्नी संध्या रानी के नाम पर फिर टिकट लिया.'
लालू के आश्वसन के बाद भी मेरा टिकट काटा
मदन शाह ने कहा कि मुझे लालू यादव ने आश्वासन दिया था कि मदन तैयारी करो तुमको टिकट देंगे. तेजस्वी यादव ने भी कहा था. मैं क्षेत्र में पूरे दमखम से लगा था, टिकट की जिस दिन घोषणा होनी थी 2 बजे तक मुझसे कहा गया कि टिकट आपको मिलेगा. लेकिन जब लिस्ट आई तो मेरा नाम नहीं था. मुझे इतना दुख हुआ, मैं पटना में लालू यादव के आवास के बाहर जमीन पर लोटता रहा, लेकिन मुझे किसी से मिलने नहीं दिया गया. उन्होंने संजय यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी वजह से ही राजद की चुनाव में ये दुर्गती हुई है. शाह ने कहा कि जब तक संजय यादव को पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाता, हालात नहीं सुधरेंगे.
बिहार चुनाव में 25 सीटों पर सिमट गई RJD
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को महज 25 सीटें मिलीं, जो मदन शाह के श्राप से मेल खाती हैं. पार्टी के अंदरूनी कलह और टिकट वितरण को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मदन शाह का यह बयान सुर्खियां बटोर रहा है. बीजेपी और जदयू के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार चुनाव में 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया, जबकि राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीतीं. बहुजन समाज पार्टी भी 1 सीट जीतकर खाता खोलने में कामयाब रही. अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल दलों की बात करें तो, बीजेपी ने 89, जदयू ने 85, एलजेपीआरवी ने 19, एचएएम ने 5 और आरएलएम ने 4 सीटें जीतीं. वहीं महागठबंधन में शामिल राजद ने 25, कांग्रेस ने 6, वाम दलों ने 3 और आईआईपी ने 1 सीटें जीतीं.
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