जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें एनडीए और राज्यसभा दोनों से इस्तीफा दे देना चाहिए.
'अगर वाकई भरोसा नहीं है तो गठबंधन क्यों नहीं छोड़ते'
प्रशांत किशोर ने कहा, एक तरफ आप नीतीश कुमार की आलोचना करते हैं, दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी और गठबंधन का हिस्सा बने रहते हैं. अगर वाकई भरोसा नहीं है तो गठबंधन क्यों नहीं छोड़ते? उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें कुशवाहा ने जेडीयू में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के बेटे निशांत कुमार को 'नई उम्मीद' बताया था.
पीके ने नीतीश कुमार का 'आखिरी सत्र' बताया
प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, यह सत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल का अंतिम सत्र है. अब चुनाव के बाद वे फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और नीतीश कुमार के पास देने के लिए कुछ नया नहीं बचा है.
राजनीति में बढ़ते तनाव का संकेत
प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार की सियासत में हलचल तेज है. उपेंद्र कुशवाहा और राबड़ी देवी पहले ही नीतीश कुमार से नेतृत्व छोड़ने की मांग कर चुके हैं और अब पीके के इस बयान ने राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया है.
जन सुराज अभियान के तहत राज्यभर में सक्रिय प्रशांत किशोर आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार सरकार और विपक्ष दोनों पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं.
बता दें कि एक दिन पहले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से जदयू की कमान छोड़ने और पार्टी में नए नेतृत्व को मौका देने की सलाह दी थी. उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को 'नई उम्मीद' बताते हुए नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की थी, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनका सुझाव सरकार नहीं, बल्कि केवल पार्टी नेतृत्व को लेकर है.
रोहित कुमार सिंह