बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए के अंदर प्रेशर पॉलिटिक्स की खूब गरमाहट है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान नई सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं. सोमवार को मांझी ने सार्वजनिक मंच से अब मंत्रालय बंटवारे पर असंतुष्टि जाहिर कर दी है और दुख भी जताया है. मांझी का कहना था कि हमें (HAM) कोई बड़ा विभाग/मंत्रालय क्यों नहीं दिया जाता है. जब मैं मंत्री था, तब भी एससी-एसटी मंत्रालय दिया गया था. अब बेटे संतोष को भी यही विभाग दिया है.
बता दें कि 28 जनवरी को बिहार में तख्तापलट हुआ और एनडीए सरकार बनी थी. नीतीश कुमार 9वीं बार सीएम बने. बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बनाए गए थे. 5 अन्य मंत्रियों ने शपथ ली थी. HAM कोटे से संतोष सुमन भी मंत्री बनाए गए थे. मंत्रालय का बंटवारा हुआ तो गृह विभाग नीतीश कुमार ने अपने पास रखा. इसके अलावा, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हैं. सम्राट को वित्त, वाणिज्य कर, नगर विकास एवं आवास, स्वास्थ्य, खेल, पंचायती राज, उद्योग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, विधि विभाग, विजय सिन्हा को कृषि, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गन्ना उद्योग, खनन एवं भूतत्व, श्रम संसाधन, कला संस्कृति एवं युवा, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग दिया गया है.
'मांझी परिवार के खाते में आ रहा है यह मंत्रालय'
वहीं, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को सूचना प्रविधिकी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग दिया गया है. इससे पहले जब संतोष महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे, तब भी उन्हें एससी-एसटी कल्याण दिया गया था. इसके अलावा, जब जीतन राम मंझी बिहार सरकार में मंत्री थे, तब भी उनके पास इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी थी.
'क्या हम पथ निर्माण विभाग नहीं संभाल सकते?'
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे मुद्दा बनाकर असंतोष जाहिर कर दिया है. मांझी ने HAM कोटे से मंत्री संतोष सुमन को एससी-एसटी कल्याण विभाग मिलने पर खुलेमंच से कहा, मैं मंत्री था तब भी यही विभाग मिला और मेरे बेटे संतोष को भी एससी-एसटी कल्याण विभाग ही मिलता है. उन्होंने सवाल किया- क्या पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग का काम हम लोग नहीं कर सकते हैं? मुझे इस बात का दुख है. मांझी रविवार को गया के वजीरगंज में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
'महत्वपूर्ण विभाग चाहता है HAM'
दरअसल, बिहार की सियासत में दांव-पेच से माहौल गरमाया हुआ है. HAM की कोशिश है कि नई सरकार में एक महत्वपूर्ण विभाग लिया जाए या एक और मंत्री की मांग को आगे बढ़ाया जाए. चूंकि जीतनराम मांझी के बारे में चर्चा होती रही है कि वो महागठबंधन खेमे के संपर्क में है. ऐसी खबरें बार-बार आईं और मंत्री संतोष सुमन ने इन खबरों को खारिज किया.
'जब इस्तीफे की चर्चाओं पर संतोष को देनी पड़ी सफाई'
रविवार देर शाम भी एक चर्चा सामने आई कि मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नई सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. चर्चा इतनी ज्यादा हुई कि बाद में खुद संतोष सुमन ने ट्वीट करके कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है और मैं एनडीए के साथ हूं. चर्चाएं कई तरह की हो रही हैं. जीतनराम मांझी की तरफ से लगातार यह कहा जाता रहा है कि दूसरे खेमे से डिप्टी सीएम और सीएम पद का ऑफर मिल रहा है. उसके बावजूद वो एनडीए के साथ खड़े हैं. अब एनडीए की सरकार में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन को जो विभाग (एससी-एसटी कल्याण विभाग) दिया गया है, वो वही पुराना मंत्रालय है जिसकी जिम्मेदारी पहले भी महागठबंधन की सरकार में संतोष के पास रही है.
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इसके अलावा, विजय कुमार चौधरी को जल संसाधन विभाग, संसदीय कार्य, भवन निर्माण, परिवहन, शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग दिया है. विजेंद्र प्रसाद यादव को ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं प्रबंधन, निबंधन, ग्रामीण कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया है. डॉ. प्रेम कुमार के पास सहकारिता, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, पर्यटन विभाग रहेगा. श्रवण कुमार के पास ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रहेगा. सुमित कुमार सिंह के पास विज्ञान प्राविधिकी की एवं तकनीकी शिक्षा विभाग रहेगा.
शशि भूषण कुमार