फेफड़ा फटा, पसलियां टूटीं... कैसे हुई थी मोकामा में दुलारचंद यादव की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

बिहार के मोकामा में हुई जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर सियासत का पारा हाई है. अब इस हत्याकांड को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनके फेफड़े फट गए थे और सीने की कई पसलियां टूट चुकी थीं, जिससे उनकी जान गई.

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दुलारचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने. (File Photo; ITG) दुलारचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने. (File Photo; ITG)

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 01 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

बिहार के मोकामा में जन सुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले से पर्दा उठा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत फेफड़ा फटने (लंग रप्चर) और सीने की कई पसलियां टूटने (रिब फ्रैक्चर) के कारण हुई. ये चोटें इतनी गंभीर थीं कि इंटर्नल ब्लीडिंग हुई, जिससे मौत हो गई. दुलारचंद यादव के सीने पर जोरदार प्रहार या भारी दबाव पड़ा, जिससे उनकी पसलियां टूट गईं और फेफड़े में गंभीर चोट पहुंची.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर पर कई जगह गहरे घाव और खून जमने के निशान मिले हैं. फेफड़े (लंग्स) फटे हुए मिले, जिससे अधिक मात्रा में आंतरिक रक्तस्राव हुआ. छाती की कई पसलियां टूटी हुई पाई गईं, खासकर दाहिनी ओर. रीढ़ की हड्डी (वर्टिब्रा) के पास भी चोटों के निशान मिले. सिर, घुटने, टखने और पीठ पर गहरे जख्म और चोटें पाई गईं.

इसी के साथ दाहिने पैर के पास फायरआर्म (गनशॉट) इंजरी का जिक्र, यानी गोली लगने के निशान हैं. कई जगहों पर अब्रेशन (घर्षण के निशान) और लैसेरेटेड वूंड्स (फटे हुए घाव) मिले. डॉक्टरों ने लिखा है कि मौत का कारण कार्डियो-पल्मोनरी फेल्योर विद ब्लंट इंजरी टू चेस्ट एंड हेड, यानी छाती और सिर पर जोरदार चोटों व फेफड़े फटने से हृदय और सांस प्रणाली ने काम करना बंद कर दिया.

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मोकामा के घोसवरी थाना क्षेत्र के तारतार गांव में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने पहले उनके पैर में गोली मारी और फिर उन पर गाड़ी चढ़ा दी. घटना के पीछे चुनावी रंजिश की बात कही गई. दुलारचंद यादव पूर्व में मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके थे.

दुलारचंद इस बार जन सुराज से जुड़े हुए थे. घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. मृतक के पोते ने जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर हत्या की साजिश रचवाने का आरोप लगाया, जबकि अनंत सिंह ने घटना के लिए दूसरे प्रत्याशी सूरजभान सिंह के गुट को जिम्मेदार ठहराया.

यह भी पढ़ें: मोकामा में थम नहीं रही हिंसा, अब RJD उम्मीदवार वीणा देवी के काफिले पर हमले का दावा, कल हुई थी दुलारचंद की हत्या

दुलारचंद यादव की हत्या और उनकी शव यात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाद एफआईआर पंडारक थाने में दर्ज की गई. यह शिकायत आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थकों ने दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शव यात्रा के दौरान पंडारक इलाके में उनके काफिले पर हमला किया गया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. इस मामले में सुमित, सोनू और गोलू को आरोपी बनाया गया है.

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जब दुलारचंद यादव की शव यात्रा गांव से निकल रही थी, तभी पंडारक बाजार के पास माहौल अचानक बिगड़ गया. भीड़ में पत्थरबाज़ी, गाड़ियों में तोड़फोड़ और मारपीट की स्थिति बन गई. इसी दौरान वीणा देवी के समर्थकों का काफिला निशाना बना, जिसके चलते स्थिति पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद कंट्रोल से बाहर हो गई.

मोकामा हत्याकांड को लेकर तीन एफआईआर भदौर थाने में दर्ज हो चुकी हैं. पहली एफआईआर में मृतक दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार ने दर्ज कराते हुए अनंत सिंह, उनके भतीजे राजवीर और कर्मवीर, साथ ही छोटन सिंह और कंजय सिंह को नामजद किया.

वहीं दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार ने दर्ज कराई, जिसमें जन सुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पियूष, लखन महतो, बाजो महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो और अजय महतो को आरोपी बनाया गया. तीसरी एफआईआर पुलिस की ओर से दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की गई. अब चौथी एफआईआर पंडारक थाने में दर्ज है, जो वीणा देवी के काफिले पर हमले से जुड़ी है.

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