बिहार में अगले महीने होगा नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार! जेडीयू के 6 और बीजेपी के 3 विधायक बनेंगे मंत्री

बिहार में नीतीश कुमार सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर में संभावित है. वर्तमान में कैबिनेट में 9 पद रिक्त हैं. जेडीयू अपने कोटे के 6 और भाजपा 3 मंत्री पद भरने की तैयारी में हैं. जेडीयू कुशवाहा एवं अति-पिछड़ा वर्ग के विधायकों को प्राथमिकता दे सकती है.

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बिहार में दिसंबर में हो सकता है नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार. (File Photo: PTI) बिहार में दिसंबर में हो सकता है नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार. (File Photo: PTI)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अगले महीने होने की संभावना है. सूत्रों की मानें तो जेडीयू मंत्रिमंडल में अपने कोटे के 6 खाली पदों को भरने की तैयारी में है, जिसके जरिए पार्टी राज्य में सामाजिक और जातीय समीकरण साधेगी. सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में अभी 9 मंत्री पद खाली हैं, इनमें जेडीयू कोटे के 6 और बीजेपी कोटे के 3 पद शामिल हैं.

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बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री को लेकर अधिकतम 36 मंत्री बन सकते हैं. एनडीए के सहयोगी दलों के बीच मंत्रिमंडल में मंत्री पद के बंटवारे के फार्मूले के अनुसार बीजेपी के हिस्से में 17, जेडीयू के हिस्से में 15 (सीएम मिलाकर), एलजेपी के हिस्से में 2, एचएएम और आरएलपी के हिस्से में एक-एक मंत्री पद आए थे. इस हिसाब से बीजेपी के खाते से 3 और जेडीयू के खाते से 6 और मंत्री नीतीश कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं.

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सूत्रों के अनुसार जेडीयू कुशवाह और अति पिछड़े वर्ग के विधायकों को मंत्री बनाएगी. अभी जेडीयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास पांच, विजय चौधरी के पास चार और श्रवण कुमार एवं सुनील कुमार के पास दो-दो विभाग हैं. वहीं भाजपा कोटे के मंत्री विजय सिंह, मंगल पांडेय, नितिन नवीन और अरुण शंकर प्रसाद के पास भी दो-दो विभाग हैं. ऐसे में नए मंत्रियों के पास इनमें से कुछ विभाग जा सकते हैं. 

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जेडीयू के पास नए चेहरों को मौका देने की गुंजाइश है. हालांकि जेडीयू सूत्रों ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी की नजरें दूसरे दलों के विधायकों पर हैं और उन्हें तोड़ कर जेडीयू में मिलाने की कोशिश हो रही है और उन्हें मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है. जेडीयू सूत्रों के अनुसार इसकी कोई आवश्यकता भी नहीं है और पार्टी ऐसा करना भी नहीं चाहती. बिहार में राज्य सभा चुनाव में अभी 6 महीने का समय है और मौजूदा संख्या बल के हिसाब से एनडीए सभी पांच सीटें जीतने की स्थिति में है, लिहाजा दूसरे दलों के समर्थन की फिलहाल आवश्यकता नहीं है.


 

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