पंजाब: फसल के मुआवजे से ज्यादा पराली जलाने पर जुर्माना, किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

पंजाब में नाराज किसानों ने 19 जिलों की 112 जगहों पर पुतला दहन किया. प्रदर्शनकारियों ने पराली जलाने पर भारी जुर्माना और बाढ़ राहत में कम मुआवजे को लेकर विरोध जताया.

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मांगों को लेकर पंजाब में किसानों ने प्रदर्शन किया (फाइल फोटो ITG) मांगों को लेकर पंजाब में किसानों ने प्रदर्शन किया (फाइल फोटो ITG)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 07 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

सरवन सिंह पंढेर के नेतृत्व में फार्म लेबर यूनियन ने पंजाब में पराली जलाने और बाढ़ राहत को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया. किसान मजदूर मोर्चा (भारत) द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत पंजाब के 19 जिलों में 112 जगहों पर पुतले फूंके गए. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व विभिन्न किसान और मज़दूर संगठनों ने किया.

मांगों को लेकर प्रदर्शन
अमृतसर के गोल्डन गेट पर पुतला दहन के बाद एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि मोर्चा की मांग है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत मुआवजा दिया जाए. खराब हुई धान की फसल के लिए ₹70,000 प्रति एकड़ और उसका 10% खेत मजदूरों को दिया जाए. उन्होंने पशु और मुर्गीपालन में हुए नुकसान की 100% भरपाई, सभी श्रेणियों के टूटे घरों की पूरी मरम्मत और गेहूं की बुवाई के लिए डीजल, खाद और बीज मुफ्त देने की मांग की.

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पंढेर ने यह भी कहा कि मुआवज़ा सिर्फ पांच एकड़ तक सीमित रखने की शर्त हटाई जाए और सभी प्रभावित किसानों को पूरा राहत मिले. उन्होंने मांग की कि पंजाब के बांधों से पानी छोड़ने में हुई गड़बड़ी की न्यायिक जांच होनी चाहिए, और भविष्य में बाढ़ से बचाव के लिए नदियों को नहर जैसी संरचना में बदलकर स्थायी तटबंध बनाए जाएं.

मुआवजे को बताया कम और जुर्माना ज्यादा

पंढेर ने कहा कि यह दुखद है कि किसानों को पराली जलाने पर ₹30,000 का जुर्माना भरना पड़ रहा है, जबकि उसी फसल के नुकसान पर सिर्फ ₹20,000 का मुआवजा मिला. उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाना मजबूरी में करते हैं, सरकार या तो पराली प्रबंधन की व्यवस्था करे या फिर ₹200 प्रति क्विंटल या ₹6,000 प्रति एकड़ की दर से भुगतान करे ताकि किसान खुद इसका समाधान कर सकें. मोर्चा ने पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज हो रहे FIR, जुर्माने और रेड एंट्री को भी बंद करने की मांग की.

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खराब मौसम के बावजूद हुए प्रदर्शन
खराब मौसम के बावजूद सभी 112 तय जगहों पर प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व जसविंदर सिंह लोंगोवाल (BKU एकता आज़ाद), बलदेव सिंह जीरा (BKU क्रांतिकारी), सुखविंदर सिंह सभरा (किसान मजदूर संघर्ष कमेटी), मनजीत सिंह राय (BKU दोआबा), ओंकार सिंह भंगाला (किसान मजदूर हितकारी सभा), दिलबाग सिंह गिल (भारतीय किसान मजदूर यूनियन), और जंग सिंह भटेरी (BKU भटेरी) ने किया. हजारों किसान, मज़दूर और महिलाएं किसान मजदूर मोर्चा पंजाब के बैनर तले प्रदर्शन में शामिल हुईं.

हाल ही में पंजाब में आई बाढ़ ने 3 लाख लोगों को प्रभावित किया और 4 लाख एकड़ फसल भूमि को नुकसान पहुंचा है, जिसमें 59 लोगों की जान गई. इस पर केंद्र सरकार ने ₹1600 करोड़ की अंतरिम राहत दी और प्रधानमंत्री ने पंजाब का दौरा भी किया.
 

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