अरबी समुद्र में बने डिप्रेशन की वजह से अहमदाबाद समेत गुजरात के कई जिले बेमौसम बारिश से बेहाल हैं. बीते 24 घंटों में गुजरात में हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य के 33 जिलों के 214 तालुकाओं में बेमौसम बरसात दर्ज की गई है. इनमें सबसे अधिक बेमौसम बारिश भावनगर, भरूच, गांधीनगर, छोटा उदेपुर, सूरत और डांग में हुई है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अभी भी अगले 2 दिन गुजरात में बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.
बारिश से किसान परेशान
गुजरात में बीते 24 घंटों में सबसे अधिक 3.75 इंच बेमौसम बारिश भावनगर के महुवा और तलाजा में दर्ज की गई है. इसके अलावा राज्य के हांसोट, दहेगाम, क्वांट, सुबीर, महुवा गांधीनगर, जांबुघोड़ा तालुकाओ में 2 इंच से अधिक बारिश दर्ज हुई है. बेमौसम बारिश की वजह से किसान परेशान हैं. साथ ही नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजा देने की मांग की जा रही है.
अगले 2 दिन भी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग (IMD) की चेतावनी पर नजर डालें तो अगले दो दिनों के लिए गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है, जिसमें आज 31 अक्टूबर को राज्य के वडोदरा, छोटाउदेपुर, नर्मदा, भरूच, सूरत, वलसाड, नवसारी, डांग, दमन, दादरा और नगर हवेली, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ जिले शामिल है. 1 नवंबर को अमरेली, भावनगर, भरूच, सूरत जिले में बेमौसम भारी बारिश की चेतावनी जारी है.
किसानों को दी जाएगी सहायता
बेमौसम बारिश से किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इसके बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और कृषिमंत्री जीतू वाघानी ने बताया कि प्रभावित जिलों में तुरंत सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं. सरकार जल्द से जल्द किसानों को मदद देने के लिए प्रयासरत है.
किसानों के लिए एग्रो एडवाइजरी जारी
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के अनुसार, 23 से 28 अक्टूबर के बीच अनुमानित 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र बेमौसम बारिश से प्रभावित हुआ है. कृषि विभाग की ओर से किसानों को फसल बचाने के वैज्ञानिक तरीके बताने वाली एग्रो एडवाइजरी जारी की गई है.
इस साल गुजरात में बारिश के सीजन के दौरान हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में औसतन बारिश से अधिक यानी 126.78 प्रतिशत बारिश दर्ज हुई है, लेकिन इतनी बारिश के बाद अभी हो रही बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. मूंगफली, कपास, डांगर और बाजरा जैसी किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.
अतुल तिवारी