
पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ. इसमें अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. 150 से ज्यादा जख्मी हैं. मरने वालों और जख्मियों में ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं. यह फिदायीन हमला पेशावर के बेहद सुरक्षित माने जाने वाले पुलिस परिसर में बनी एक मस्जिद में हुआ. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि हमलावर इतने सुरक्षित पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा घेरे को तोड़कर कैसे घुसा?
बताया जा रहा है कि फिदायीन मस्जिद में घुसा, उस वक्त मस्जिद में करीब 300-400 लोग थे. हमलावर पहली लाइन में जाकर खड़ा हो गया. थोड़ी देर बाद उसने अपने आप को बम से उड़ा लिया. इसके चलते इतनी तेज ब्लास्ट हुआ कि मस्जिद की इमारत की छत गिर गई. इसके नीचे तमाम लोग दब गए. अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. 150 से ज्यादा जख्मी हैं.

शुरुआत में पाकिस्तानी तालिबान (तेहरीक ए तालिबान-TTP) के कमांडर सर्बकफ मोहम्मद ने ट्वीट कर हमले की जिम्मेदारी ली. हालांकि. बाद में टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासनी से इससे दूरी बना ली. टीटीपी के प्रवक्ता ने कहा कि मस्जिद, धार्मिक स्थल और सेमीनार में हमला हमारी पॉलिसी नहीं है.
पिछले कुछ दशकों को देखें तो तमाम आतंकी संगठन पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल दुनियाभर में आतंक फैलाने के लिए करते रहे हैं. अमेरिका में हमले के बाद अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में ही छिपा था. इतना ही नहीं जैश का सरगना मसूद अजहर, मुंबई हमलों का मास्टर माइंड और लश्कर चीफ हाफिज सईद, 1993 बम ब्लास्ट का आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जैसे प्रतिबंधित आतंकियों को भी पाकिस्तान ने पनाह दे रखी है. ये आतंकी संगठन पाकिस्तान से बैठकर दुनियाभर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं.

लेकिन कुछ सालों से पाकिस्तान खुद आतंक की मार झेल रहा है. आए दिन हमले हो रहे हैं. इन हमलों में आम नागरिकों के साथ साथ पुलिस और सेना के जवान भी मर रहे हैं. कुल मिलाकर कहें तो 12 साल पहले इस्लामाबाद के दौरे पर आईं अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंट की बात सही साबित हो रही है. तब हिलेरी क्लिंटन ने कहा था, 'अगर आप अपने घर के पीछे सांप पालते हो तो वह सिर्फ पड़ोसी को ही नहीं काटेगा बल्कि आपके घर के लोगों को भी काटेगा'. दरअसल, अमेरिकी नेता का इशारा पाकिस्तान में आतंकियों को दी जा रही पनाह को लेकर था.
इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी तालिबान ने दावा किया था कि उसने पाकिस्तान के दो खुफिया अफसरों को मार गिराया. इनमें से एक काउंटर टेररिज्म विंग के डायरेक्टर भी थे. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने रविवार को बताया कि दोनों अफसरों की हत्या करने वाले पाकिस्तानी तालिबान के सदस्य को अफगान बॉर्डर पर मार गिराया गया.

टीटीपी अफगानिस्तान तालिबान का सहयोगी माना जाता है. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से TTP के हमले बढ़े हैं. टीटीपी पाकिस्तान में पिछले 15 साल से आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहा है. संगठन की मांग है कि पाकिस्तान में कड़े इस्लामिक नियम (शरिया कानून) लागू किए जाएं और सरकार उनके गिरफ्तार सहयोगियों को रिहा करे. इतना ही नहीं TTP की मांग है कि खैबर पख्तूनख्वा से पाकिस्तानी सेना की तैनाती भी कम की जाए.
पाकिस्तान में पिछले 22 साल में 16000 हमले
साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले 22 साल में 15997 आतंकी हमले हुए. इन हमलों में 28,918 लोगों (नागरिक और जवान) मारे गए हैं. अकेले 2022 की बात करें तो 365 हमले हुए. इनमें 229 नागरिकों की मौत हुई, जबकि 379 जवानों की जान गई. पाकिस्तान में 22 साल के आंकड़े देखें तो हर रोज करीब 4 नागरिक या जवान अपनी जान आतंकी हमलों में गंवा रहे हैं.

इससे पहले 2021 में पाकिस्तान में 267 आतंकी घटनाएं हुईं. इनमें 214 नागरिकों और 226 सुरक्षाबलों के जवानों की जान गई. इस साल 29 जनवरी तक पाकिस्तान में 30 आतंकी घटनाएं हुई हैं. इनमें 4 नागरिकों जबकि 36 सुरक्षाबलों के जवानों की मौत हुई है. पाकिस्तान के लिए ये आंकड़े एक आईने की तरह हैं, जो यह दर्शा रहे हैं कि कैसे आतंक की पाठशाला रहे पाकिस्तान में आतंक ने तबाही मचाई है.
पेशावर में दूसरा बड़ा आतंकी हमला
पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में हुआ हमला, अब तक का दूसरा बड़ा हमला है. इससे पहले 2014 में पेशावर के एक स्कूल पर आतंकी हमला हुआ था. इस दौरान 150 लोग मारे गए थे. इनमें करीब 130 बच्चे शामिल थे. पेशावर के आर्मी स्कूल में आतंकी सिक्योरिटी फोर्स की वर्दी पहन घुसे थे. इसके बाद आतंकियों ने स्कूल में अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दी. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने 6 आतंकियों को मार गिराया था. इस हमले की जिम्मेदारी TTP ने ली थी.