बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का कहना है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस प्रशासन के नियंत्रण में नहीं हैं. साथ ही आतंकी गुटों से जुड़े इस्लामवादी गुटों को कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की खुली छूट दी जा रही है.
अगस्त 2024 से भारत में रह रहीं शेख हसीना ने यूनुस पर निशाना साधते हुए कहा कि बांग्लादेश में सच्चा लोकतंत्र तब तक संभव नहीं है, जब तक देश का शासन ऐसे राष्ट्रप्रमुख के हाथ में है जिसके पास जनता का कोई निर्वाचित जनादेश नहीं है.
द वीक मैगजीन के लिए लिखे अपने लेख में अवामी लीग नेता ने कहा कि बांग्लादेश कभी धार्मिक सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बच्चियों और उनकी पार्टी के समर्थकों को निशाना बनाते हुए घृणित हिंसा की दैनिक घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
उन्होंने कहा कि जब हमारे देश पर ऐसे राष्ट्रप्रमुख का शासन हो, जिसके पास कोई निर्वाचित जनादेश नहीं है, जिसने सबसे लोकप्रिय राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगा दिया है. अपने ही करोड़ों नागरिकों को मताधिकार से वंचित कर दिया है और हमारी संविधान व्यवस्था को एक असंवैधानिक चार्टर से खतरे में डाल दिया है , तब सच्चा लोकतंत्र संभव ही नहीं है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस सरकार के शुरुआती हफ्तों में ही बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई और आदिवासी समुदायों पर हजारों हमले हुए. उन्होंने लिखा कि मंदिरों, मठों और पूजा स्थलों को नष्ट किया जा रहा है, जबकि अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. हसीना ने कहा कि हत्याएं, बलात्कार, लूट और आगजनी अब आम बात हो गई हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि हिज्ब उत-तहरीर जैसे कट्टरपंथी संगठन अब सामाजिक ढांचे में गहराई तक जड़ जमा चुके हैं और वे उन्हीं ताकतों में से हैं जिन्होंने 2016 के हॉली आर्टिजन कैफे हमले को अंजाम दिया था.