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क्या सरकार बचा पाएंगे प्रचंड? तत्काल इस्तीफे की मांग पर अड़ा नेपाल का विपक्ष

नेपाल की पूर्व गठबंधन सहयोगी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPN-UML) का कहना है कि नेपाल के पीएम दहल 'प्रचंड' को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रचंड को राष्ट्रीय आम सहमति वाली सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए.

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Pushpa Kamal Dahal (File Photo)
Pushpa Kamal Dahal (File Photo)

नेपाल में सियासी उठा-पटक का दौर जारी है. एक तरफ नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड किसी भी तरह सरकार बचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ नेपाल का विपक्ष प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है.

नेपाल की पूर्व गठबंधन सहयोगी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPN-UML) का कहना है कि नेपाल के पीएम दहल 'प्रचंड' को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रचंड को राष्ट्रीय आम सहमति वाली सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए.

पद छोड़ने से प्रचंड का इनकार

सीपीएन-यूएमएल की यह मांग ऐसे समय आई है, जब प्रधानमंत्री प्रचंड कुछ सहयोगियों के समर्थन वापस लेने के मद्देनजर 12 जुलाई को संसद में विश्वास मत का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं. प्रचंड (69) ने घोषणा की है कि सीपीएन-यूएमएल के 8 कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी वह पद नहीं छोड़ेंगे. इसके बजाय प्रचंड संसद में विश्वास मत का सामना करेंगे.

केपी शर्मा ओली ने की बैठक

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक संघीय संसद भवन में पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में सीपीएन-यूएमएल की संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री प्रचंड से तत्काल इस्तीफा देने और नई सरकार के गठन में सहयोग करने को कहा. पार्टी के मुख्य सचेतक महेश बार्टौला ने कहा कि यूएमएल सहित कई दलों के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार स्पष्ट रूप से अल्पमत में आ गई है.

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तुरंत मांगा जा रहा है इस्तीफा

पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अब तक पद नहीं छोड़ा है, जिसे अनुचित माना जा रहा है. इसलिए विपक्षी पार्टियों ने बैठक में अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री तुरंत इस्तीफा दें और राष्ट्रीय सर्वसम्मति वाली सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करें.

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