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इन बड़े फैसलों ने दी महिलाओं के सपनों को उड़ान...

महिलाओं को आधी आबादी के नाम से जाना जाता है. लेकिन ये आधी आबादी संकीर्ण सोच की वजह से अभी भी पुरुषों से काफी पीछे हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि महिलाओं को अब पुरुषों की बराबरी में लाने के लिए न सिर्फ खुद महिलाएं बल्कि हुकूमत भी बड़े-बड़े कदम उठा रही है.

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जून में IAF की महिला सदस्य उड़ाएंगी लड़ाकू विमान
जून में IAF की महिला सदस्य उड़ाएंगी लड़ाकू विमान

महिलाओं को आधी आबादी के नाम से जाना जाता है. लेकिन ये आधी आबादी संकीर्ण सोच की वजह से अभी भी पुरुषों से काफी पीछे हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि महिलाओं को अब पुरुषों की बराबरी में लाने के लिए न सिर्फ खुद महिलाएं बल्कि हुकूमत भी बड़े-बड़े कदम उठा रही है. बीते साल में दुनिया के कई देशों ने महिला नागरिकों को बराबर दर्जा देने के लिए ऐतिहासिक फैसले किए. साथ ही भारत-पाकिस्तान में कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिले जिनसे महिलाओं के सशक्तिकरण की राह आसान होगी.

लड़ाकू विमान उड़ा सकेंगी महिलाएं
शुरुआत भारत से ही करते हैं. जहां पहली बार रक्षा मंत्रालय ने महिलाओं के लड़ाकू विमान उड़ाने को मंजूरी दे दी. भारतीय वायुसेना में करीब 1300 महिला अधिकारी हैं. इनमें महिला पायलटों की कुल संख्या 110 है. इसके लिए तीन महिला पायलटों को ट्रेनिंग भी दी जा रही हैं. आईएएफ चीफ मार्शल अरुप राहा ने महिला दिवस पर दिए भाषण में कहा कि 18 जून को पहली महिला पायलट लड़ाकू विमान उड़ाएगी. उन्हें एक साल की एडवांस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी और 2017 यानी अगले साल तक वह पूरी तरह से लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पायलट बन जाएंगी.

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पहली बार सऊदी में महिलाओं ने दिया मतदान
बीते साल दिसंबर में सऊदी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब महिलाओं ने मतदान किया हो. इस चुनाव में महिलाएं बतौर उम्मीदवार भी पहली बार मैदान में उतरी थीं. सऊदी में हुए नगरपालिका चुनाव में कुल 978 महिला उम्मीदवार खड़ी हुई थीं. हालांकि इन उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने का अधिकार नहीं दिया गया था. लेकिन फिर भी 17 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत हासिल की.

केरल में 'शी टैक्सी'
भारतीय राज्य केरल में बीते साल नवंबर में महिला यात्रियों के लिए एक खास तरह की टैक्सी सेवा शुरू की गई. इसका नाम 'शी टैक्सी' रखा गया. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इन टैक्सियों की मालकिन और इनको चलाने वाली भी महिलाएं ही होंगी. केरल में लिंग समानता लाने के उद्देश्य से सभी कामों में एक जैसे अवसर देने के लिए सामाजिक न्याय विभाग ने 'शी टैक्सी' सेवा की शुरुआत की है.

पाकिस्तान में खुला पहला महिला बॉक्सिंग क्लब
पाकिस्तान के कराची शहर में लड़कियों के लिए पहला बॉक्सिंग क्लब खोला गया. शाहीन बॉक्सिंग क्लब में 8 से 17 साल की लड़कियां ट्रेनिंग ले सकती हैं. यहां लड़कियां सलवार सूट और हिजाब में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेती हैं. इस क्लब को यूनुस कंब्रानी ने साल 1992 में शुरू किया था. लेकिन तब यह सिर्फ लड़कों को ट्रेनिंग देने के लिए था.

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