संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण किया गया है. इस मूर्ति को भारत द्वारा ही तोहफे के रूप में यूएन को दिया गया जिसे अब UN हेडक्वार्टर्स में स्थापित कर दिया गया है. इस खास मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस मौजूद रहे. इस मूर्ति के शिल्पकार पद्म श्री से सम्मानित राम सुतार हैं जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी डिजाइन किया था.
यूएन में महात्मा गांधी की मूर्ति
जानकारी के लिए बता दें कि अभी दिसंबर महीने के लिए भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की जा रही है. ऐसे में भारत ने अपनी तरफ से यूएन को तोहफे के रूप में महात्मा गांधी की ये प्रतिमा दी है. इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि महात्मा गांधी की अहिंसा और शांति वाली विचारधारा आज भी मायने रखती है. प्रधानमंत्री मोदी का भी बयान है कि ये जंग का युग नहीं है. ऐसे में इस विचारधारा की स्वीकृति पूरी दुनिया द्वारा की गई है. वैसे ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत द्वारा ही यूएन को तोहफे रूप में इस प्रकार की मूर्तियां दी गई हों. समय-समय पर कई देशों द्वारा अपनी संस्कृति और विचारधारा के लिहाज से वस्तुएं तोहफे के रूप में दी गई हैं. उदाहरण के लिए दक्षिण अफ्रीका ने भी नेलसन मंडेला की एक मूर्ति यूएन में स्थापित करवाई थी.
भारत का आतंकवाद पर प्रहार
मूर्ति अनावरण के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से आतंकवाद को लेकर बड़ा बयान दिया गया. उन्होंने कहा कि इस समय जब दुनिया हिंसा, युद्ध से जूझ रही है, ऐसे समय में महात्मा गांधी के सिद्धांत ही मार्गदर्शन कर सकते हैं. उनके सिद्धांतों के जरिए शांति की तरफ बढ़ा जा सकता है. संबोधन के दौरान बिना पाकिस्तान और चीन का नाम लिए विदेश मंत्री की तरफ से जोर देकर कहा गया कि कुछ देश आतंकवादियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बोला कि बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग कुछ देशों द्वारा अपराधियों को बचाने के लिए किया जा रहा है.