पूर्वी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो एक बार फिर खूनी हमलों से दहल गया है. संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन MONUSCO के अनुसार, इस्लामिक स्टेट से जुड़े ADF विद्रोहियों ने लुबेरो इलाके में 13 नवंबर से 19 नवंबर के बीच 89 नागरिकों की हत्या कर दी. मरने वालों में कम से कम 20 महिलाएं और कई बच्चे भी शामिल थे.
हमलों का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्रोहियों ने ब्याम्ब्वे में कैथोलिक चर्च द्वारा संचालित एक स्वास्थ्य केंद्र पर धावा बोल दिया. यहां 17 लोगों की हत्या कर दी गई, जिनमें वे महिलाएं भी थीं जो प्रसव देखभाल के लिए आई थीं. विद्रोहियों ने अस्पताल के चार वार्डों को आग के हवाले भी कर दिया, जिससे वहां भर्ती मरीजों में भगदड़ मच गई.
MONUSCO ने बताया कि ADF लड़ाके न केवल हत्याएं कर रहे हैं बल्कि वे लोगों का अपहरण, मेडिकल सामान की लूट और गांवों पर हमले भी जारी रखे हुए हैं. मिशन ने कॉन्गो सरकार से मांग की है कि इन नरसंहारों की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए ताकि दोषियों को सज़ा मिल सके.
ADF पर पहले भी कई बड़े हमलों के आरोप लगे हैं. सितंबर 2025 में इसी समूह ने एक अंतिम संस्कार पर हमला कर 60 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हाल के महीनों में ADF की गतिविधियां और भी अधिक हिंसक हो गई हैं.
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ADF मूल रूप से युगांडा का एक विद्रोही संगठन था, लेकिन 1990 के दशक से यह कॉन्गो के घने जंगलों में सक्रिय है. इस्लामिक स्टेट ने इसे आधिकारिक तौर पर अपना सहयोगी घोषित किया हुआ है. कॉन्गो और युगांडा की सेनाएं लगातार अभियान चला रही हैं, लेकिन विद्रोही हमले अभी भी जारी हैं.
उधर, उत्तर किवु प्रांत के अन्य हिस्सों में M23 विद्रोही भी सक्रिय हैं, जिन्हें पड़ोसी रवांडा का समर्थन प्राप्त माना जाता है. अमेरिका और क़तर इस संघर्ष में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि यह पूरा क्षेत्र खनन और खनिज संपत्ति के कारण रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.