मिडिल ईस्ट में तनाव लगातार बढ़ रहा है. शनिवार को आधी रात ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इस बीच विदेशी ईरानी प्रवासी इजरायल पर हमले के लिए अपने देश को इस्लामी शासकों की निंदा करते नजर आ रहे हैं. ईरान के हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसने मिडिल ईस्ट को जंग की 'कगार' पर धकेल दिया है. अमेरिका, कनाडा और जर्मनी जैसे पश्चिमी देशों में रहने वाले ईरानी प्रवासियों ने सोमवार को #IraniansStandWithIsrael के साथ सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड की शुरुआत की है.
इजरायल पर ईरान का हमला
ईरान और इजरायल के बीच बीते 6 महीने से एक 'छाया युद्ध' चल रहा है. लेकिन 13 अप्रैल को इस विवाद ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया जब IRGC (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से अचानक हमला कर दिया. ईरान के इस्लामिक शासन के प्रति वफादार IRGC ने यह हमला 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास की एक इमारत पर हमले के जवाब में किया है, जिसमें IRGC के मुख्य अधिकारी मोहम्मदरेजा जाहेदी सहित कई कमांडर मारे गए थे.
खुमैनी शासन के खिलाफ कैंपेन
मुख्य रूप से 'एक्स' पर शुरू हुए सोशल मीडिया कैंपेन में हमले के लिए IRGC की निंदा की जा रही है. एक्स पर ईरानी प्रवासियों के बीच पोस्ट और ट्रेंडिंग हैशटैग सहित सोशल मीडिया इंटरैक्शन का एक व्यापक मूल्यांकन ईरानी शासन का विरोध और इजरायलियों के साथ एकजुटता प्रकट करने वाले कंटेंट की एक भारी मात्रा में दिखाता है.

कई लोगों ने IRGC के हमले की तुलना ईरानी लोगों पर युद्ध से की. एक यूजर ने #IraniansStandWithIsrael के साथ लिखा, 'यह ईरानी लोगों का युद्ध नहीं हैं बल्कि इस्लामिक रिपब्लिक पर हमला है.' सोशल मीडिया एनालिटिक्स साइटों का डेटा दिखाता है कि ईरान में रहने वाले भी कई लोग इस कैंपेन में शामिल हो रहे हैं और पोस्ट के साथ #IraniansStandWithIsrael और #FreeTheWorldFromIRGC जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे हैं. Talkwalker के अनुसार, #IraniansStandWithIsrael हैशटैग वाली 1000 पोस्ट में से लगभग 40 प्रतिशत ईरान से, 54.4 प्रतिशत अमेरिका से और 3.2 प्रतिशत यूके से की गई हैं.
पिछले सात दिनों में #FreeTheWorldFromIRGC हैशटैग से 3500 पोस्ट की गई हैं, जिसमें ईरान से 47.5 प्रतिशत, अमेरिका से 37.3 प्रतिशत और जर्मनी से 6.6 प्रतिशत यूजर हैं. ईरानी एक्टिविस्ट सलमान सिमा की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में लोगों को कनाडा में खुमैनी शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारियों के बैनर पर लिखा था, 'ईरानी इजरायल के साथ खड़े हैं.'
अमेरिका में रहने वाले एक अन्य ईरानी एक्टिविस्ट ने कहा, 'हम इजराइल के साथ युद्ध नहीं चाहते.'
जर्मनी में प्रदर्शनकारियों ने #IRGCterrorists हैशटैग के साथ बैनर लेकर रैलियां निकालीं. इसी तरह की रैलियां पेरिस में भी निकाले जाने की खबरें हैं.
1979 की इस्लामी क्रांति के बाद बिगड़ गए संबंध
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति तक दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण राजनयिक संबंध थे, जिसके बाद एक ऐसे शासन की शुरुआत हुई जो इजरायल का विरोध अपनी विचारधारा के प्रमुख हिस्से के रूप में करता है. ईरान इजरायल के अस्तित्व को मान्यता नहीं देता है. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को एक 'कैंसर ट्यूमर' बताया था जिसे 'निस्संदेह नष्ट कर दिया जाएगा'.