Political Crisis In Pakistan: इमरान खान की सरकार आखिरकार गिर गई. संसद में विपक्ष ने इमरान के विरोध में 174 वोट डाले. लेकिन इस पूरी कवायद से पहले इमरान खान ने सत्ता बचाने के लिए तमाम कोशिशें कीं. हाल ही में जब डिप्टी स्पीकर ने पाकिस्तान की संसद को भंग कर दिया था तो इमरान खान ने विपक्ष पर तंज कसा था कि उन्हें पता ही नहीं चला कि आखिर उनके साथ क्या हुआ है, इतना ही नहीं, इमरान ने इस पूरे मामले में बाहरी देशों की साजिश होने की बात भी कही थी. साथ ही कहा था कि उनके पास विदेशी साजिश की लेटर भी है. मसलन, इमरान ने सत्ता बचाने के लिए इसे अपना 'हथियार' बनाया. लेकिन अब यही लेटर उनके गले की फांस बन सकता है. क्योंकि इस पूरे प्रकरण के लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिस पर अब सुनवाई होगी.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट अब इमरान खान को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में शामिल करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करेगा. बता दें कि एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, फवाद चौधरी और अन्य को शामिल करने की मांग के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेगा.
जांच का आदेश देने की मांग
याचिकाकर्ता ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के खिलाफ अमेरिकी साजिश के संबंध में इमरान खान के आरोपों की जांच का आदेश देने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाई. उन्होंने याचिका में कहा कि पाकिस्तान की एकता, संप्रभुता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचा है. साथ ही अदालत से संयुक्त राज्य (USA) के साथ संबंध समाप्त करके पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों की जांच का आदेश देने का भी अनुरोध किया गया. याचिकाकर्ता ने राजद्रोह अधिनियम के तहत मुकदमे की मांग की.
विपक्ष के नेता फैजल सब्ज़वारी ने किया हमला
वहीं विपक्ष के नेता फैजल सब्ज़वारी ने इमरान की ओऱ से जिस लेटर की बात कही जा रहा थी, उस पर कहा कि लेटर गेट की पूछताछ के लिए एक स्वतंत्र और उच्चतम आयोग का गठन करना चाहिए. आयोग को जांच कर साजिश का पता लगाना चाहिए. साथ ही देश को धोखा देने वाले या साजिश के दोषियों को कड़ी सजा मिले, इसकी सिफारिश करनी चाहिए.
😊👍 PM @CMShehbaz must form an Independent & Highest Possible Commission to inquire #LetterGate. Commission must investigate, ascertain Conspiracy (IF ANY)& recommend strongest Punishments for culprits of Conspiracy/Defrauding the Nation. Let’s all work for a better #Pakistan pic.twitter.com/1OsdNXocVz
— Faisal Subzwari (@faisalsubzwari) April 9, 2022
27 मार्च को इमरान ने किया दावा
इमरान खान ने 27 मार्च को दावा किया था कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी सरकार के खिलाफ 'विदेशी वित्त पोषित साजिश' का हिस्सा है. उन्होंने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में अपनी पार्टी के पावर शो अमर बिल मरूफ इवेंट में ये बात कही थी.
क्या कहा था इमरान खान ने?
इमरान खान ने दावा किया था कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार गिराने के लिए चल रहे प्रयासों में विदेशी धन का उपयोग किया जा रहा है. उनकी सरकार को एक पत्र के माध्यम से धमकी दी गई थी जिसे उन्होंने अपने पास सबूत के तौर पर रखा है. साथ ही कहा था कि अगर किसी को संदेह है तो मैं पत्र को ऑफ द रिकॉर्ड दिखाने के लिए तैयार हूं. बाद में, इमरान खान ने अपनी सरकार को उखाड़ फेंकने की विदेशी साजिश के लिए खुले तौर पर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था.
ये होती है एग्जिट कंट्रोल लिस्ट
एग्जिट कंट्रोल लिस्ट का बिल पाकिस्तान में 1981 में पास कराया गया था. इसमें हुकूमत को ये अधिकार है कि वह उस व्यक्ति को देश से बाहर न जाने दे, जो किसी संगीन अपराध में शामिल हो. लिहाजा जिन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं होती, उन्हें एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया जाता है.
बता दें कि इस लिस्ट में ऐसे लोग शामिल किए जाते हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हो या फिर सत्ता का दुरुपयोग किया हो या सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया हो. नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो भी किसी व्यक्ति को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल करवा सकती है. इस लिस्ट में किसी व्यक्ति का नाम शामिल करने का अधिकार फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के डायरेक्टर जनरल के पास होता है.