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चीन ने स्पेस कंप्यूटिंग सैटेलाइट्स का पहला बैच लॉन्च किया, अंतरिक्ष में डेटा प्रोसेसिंग और AI को मिलेगा बढ़ावा

चीन ने बुधवार को लॉन्ग मार्च-2D रॉकेट से 12 स्पेस कंप्यूटिंग सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं. यह थ्री-बॉडी कंप्यूटिंग कंस्टेलेशन नाम की परियोजना का पहला बैच है. इन सैटेलाइट्स की मदद से अंतरिक्ष में ही रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग संभव होगी, जिससे एआई तकनीक को बढ़ावा मिलेगा. भविष्य में इसमें हजारों सैटेलाइट शामिल होंगे.

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चीन ने स्पेस कंप्यूटिंग सैटेलाइट्स का पहला बैच लॉन्च किया
चीन ने स्पेस कंप्यूटिंग सैटेलाइट्स का पहला बैच लॉन्च किया

चीन ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. बुधवार को बीजिंग समय अनुसार दोपहर 12:12 बजे चीन के उत्तर-पश्चिम स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च-2D रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. इस रॉकेट के जरिए 12 स्पेस कंप्यूटिंग सैटेलाइट्स को कक्षा में भेजा गया है.

ये सभी सैटेलाइट्स थ्री-बॉडी कंप्यूटिंग कंस्टेलेशन का पहला बैच हैं. इस परियोजना को हांगझोउ स्थित झेजियांग लैब और उसके वैश्विक सहयोगियों ने मिलकर तैयार किया है. झेजियांग लैब के निदेशक और चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिक सदस्य वांग जियान के अनुसार, यह एक बड़े पैमाने की अंतरिक्ष कंप्यूटिंग संरचना है.

लॉन्ग मार्च-2D रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया

इसका उद्देश्य हजारों सैटेलाइट्स के माध्यम से कुल 1000 पेटा ऑपरेशंस प्रति सेकंड (POPS) की कंप्यूटिंग क्षमता हासिल करना है. इस नई तकनीक के जरिए पारंपरिक सैटेलाइट डेटा प्रोसेसिंग की सीमाओं को दूर किया जा सकेगा. यह मिशन लांग मार्च श्रृंखला के वाहक रॉकेटों की 576वीं उड़ान है.

अंतरिक्ष में AI के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा

साथ ही, अंतरिक्ष में ही रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा. यह प्रोजेक्ट चीन की अंतरिक्ष तकनीक को नई दिशा देने के साथ-साथ दुनियाभर में स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को भी तेज करेगा.
 

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