मेरठ की कंकरखेड़ा थाना पुलिस और स्वाट टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अन्तरराज्यीय नशा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है. संयुक्त अभियान में पुलिस ने आठ तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से कुल 151 किलो अवैध गांजा तथा तस्करी में इस्तेमाल की गई दो कारें बरामद कीं. बरामद किए गए माल की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है.
एसएसपी मेरठ ने इस उपलब्धि पर पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. यह कार्रवाई अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत की गई, जिसमें पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की.
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पहली छापेमारी में 125 किलो गांजा जब्त
6 दिसंबर को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जंगेठी नाले के पास पहली रेड की, जहां Honda BR-V कार (UP 15 BJ 9093) से 125 किलो गांजा बरामद किया गया. मौके पर पांच आरोपी-अजय उर्फ रोहटा पुत्र राजकुमार, मनोज पुत्र जलेसर, कृष्णकांत भूषण पुत्र शशि भूषण (बोकारो, झारखंड), रोहित उर्फ सोनू पुत्र प्रहलाद सिंह और राहुल पुत्र प्रहलाद सिंह को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने इनके खिलाफ मुकदमा संख्या 878/2025, धारा 8/20 NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. गांजा 10 किलो, 5 किलो और 1 किलो के 21 पैकेटों में मिला, जिन्हें कार के अंदर छिपाया गया था.
दूसरी कार्रवाई में Swift कार से 26 किलो गांजा बरामद
पहली कार्रवाई में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने दूसरी टीम भेजकर बट जेवरा नाले की पट्टी पर छापेमारी की. यहां Swift कार (DL 5 CE 8774) से 26 किलो गांजा बरामद किया गया. पुलिस ने तीन अभियुक्त- अजय उर्फ कालिया पुत्र गजानन (32), चोटिया पुत्र परमाल (50) और मोहित गोस्वामी पुत्र बेलीराम (40) को गिरफ्तार किया.
इनके खिलाफ मुकदमा संख्या 879/2025, धारा 8/20 NDPS एक्ट दर्ज किया गया. इस कार्रवाई में 6 और 1 किलो के कुल 16 पैकेट बरामद हुए.
तीन स्तर पर चल रहा था अवैध कारोबार
एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि यह गैंग काफी समय से मेरठ और आसपास के जिलों में सक्रिय था. मुख्य आरोपी अजय के खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं और उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली हुई है. पुलिस लंबे समय से उसके नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी.
जांच में सामने आया कि तस्करी का यह नेटवर्क तीन स्तरों पर काम करता था- पहला, बाहर से खेप लाने वाले; दूसरा, मेरठ में सप्लाई संभालने वाले और तीसरा, फुटकर में गांजा बेचने वाले. कारों के जरिए झारखंड और अन्य राज्यों से गांजा लाया जाता था और यहां विभिन्न इलाकों में छोटे-छोटे पैकेटों में बेच दिया जाता था.
सोशल मीडिया और दुकानों के जरिए सप्लाई चैन सक्रिय
पुलिस के अनुसार तस्कर सोशल मीडिया और फोन कॉल के जरिए डील तय करते थे. कॉलेज के छात्रों से लेकर छोटे-व्यापारियों तक, कई लोग इनके संपर्क में रहते थे. पान की दुकानें, चाय स्टॉल, ढाबे और टी-स्टॉल इनका मुख्य नेटवर्क पॉइंट थे, जहां से फुटकर सप्लाई की जाती थी.
एसएसपी ने बताया कि पहले दौराला और पल्लवपुरम में भी इसी प्रकार के तस्कर पकड़े गए थे. लगातार मिल रही सूचनाओं को जोड़कर आखिरकार पुलिस इस बड़े गिरोह तक पहुंचने में सफल रही.
पुलिस का दावा: और भी गिरफ्तारियां होंगी
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में पुलिस को नेटवर्क से जुड़े और नाम मिले हैं, जिनकी तलाश जारी है. पुलिस का दावा है कि जल्द अन्य सप्लायरों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. बरामद 151 किलो गांजा तस्करों के हाथों में पहुंचने से पहले ही पकड़ा गया, जिसे आरोपी अलग-अलग दरों पर मेरठ और आसपास के जनपदों में बेचने की तैयारी में थे. पुलिस अब पूरे नेटवर्क का डाटा खंगालकर बड़े लिंक तलाश रही है.