दिल्ली ब्लास्ट के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ गई है और संदिग्ध लोगों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में कानपुर पुलिस ने भी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. पुलिस ने इसके लिए ग्राम चौकीदारों का सहारा लिया है, जिन्हें गांवों में होने वाली हर छोटी-बड़ी गतिविधि की जानकारी रहती है.
कानपुर पुलिस लाइन में एक बड़ा ग्राम चौकीदार सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 750 से अधिक चौकीदार शामिल हुए. पुलिस कमिश्नर ने मौके पर चौकीदारों से मुलाकात की और उनसे सीधे बातचीत कर उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को समझाया. इस सम्मेलन में चौकीदारों को आईडी कार्ड दिए गए, नई जैकेट और लाठी प्रदान की गई. साथ ही सभी का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद एजेंसियां की सतर्क
पुलिस ने इन चौकीदारों को ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय रहकर संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है. अगर गांव में कोई बाहरी व्यक्ति, घुसपैठिए की तरह दिखाई दे, संदिग्ध गतिविधि करे या बिना पहचान के लंबे समय तक ठहरे, तो उसकी जानकारी तुरंत पुलिस से साझा की जाएगी. इस तरह चौकीदार कानपुर पुलिस के समानांतर एक मजबूत इंटेलिजेंस नेटवर्क की तरह काम करेंगे.
चौकीदारों की मासिक रुपये की राशि बढ़ाई
सम्मेलन में चौकीदारों को मासिक ढाई हजार रुपये की राशि भी दी गई है, ताकि वे अपने काम को आसानी से कर सकें. पुलिस का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में चौकीदार ही सबसे पहले किसी अनजान व्यक्ति को पहचानते हैं और उसी पर त्वरित सूचना मिलने से संभावित खतरे को रोका जा सकता है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस पहल से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी और दिल्ली ब्लास्ट जैसी घटनाओं के बाद किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते पकड़ा जा सकेगा.