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गूगल-मेटा पर ऐड चलाकर फ्रेंचाइजी के नाम पर साइबर ठगी, वाराणसी पुलिस ने दो ठग दबोचे

वाराणसी पुलिस ने बड़ी कंपनियों की फर्जी फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपी गूगल और मेटा पर फर्जी ऐड चलाकर लोगों से लाखों रुपये ठगते थे. पुलिस ने झारखंड और बिहार से दोनों आरोपियों को पकड़ा और उनके पास से मोबाइल, लैपटॉप, नकदी और फर्जी दस्तावेज बरामद किए.

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झारखंड और बिहार से दोनों आरोपी गिरफ्तार.(Photo: Screengrab)
झारखंड और बिहार से दोनों आरोपी गिरफ्तार.(Photo: Screengrab)

वाराणसी पुलिस ने एक ऐसे साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था. इस गैंग के दो सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गए ठग गूगल और मेटा (फेसबुक) जैसे प्लेटफॉर्म पर फर्जी विज्ञापन चलाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 14 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 3 सिम कार्ड, 4 फर्जी दस्तावेज, 2 वाई-फाई राउटर और ₹54 हजार 500 नकद बरामद किए हैं.

दरअसल, मामला तब सामने आया जब रोहनिया थाना क्षेत्र के रहने वाले आयुष कुमार ने साइबर क्राइम थाना वाराणसी में शिकायत दर्ज कराई कि ZEPTO कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर उनसे ₹20 लाख 16 हजार 500 की ठगी हुई है. इस पर थाना साइबर क्राइम वाराणसी में धारा 318(4) बीएनएस और 66D आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता देखते हुए डीसीपी अपराध सर्वण टी. के निर्देशन में दो टीमों का गठन किया गया.

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इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर पुलिस ने जांच की और गैंग के सरगना समेत दो शातिर ठगों को झारखंड के जमशेदपुर टाटानगर और बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे ZEPTO, BLINKIT, VOLMO, AMUL DAIRY, DHANI FINANCE और ZUDIO की नकली वेबसाइट बनाता था.

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गिरोह इन वेबसाइटों के विज्ञापन गूगल और मेटा पर चलाकर लोगों को आकर्षित करता था. जब कोई व्यक्ति इन कंपनियों से जुड़ा कीवर्ड सर्च करता, तो सबसे पहले इन्हीं की वेबसाइट दिखती थी. लोग झांसे में आकर अपनी जानकारी भर देते, जो सीधे अपराधियों तक पहुंच जाती. इसके बाद गिरोह फर्जी कॉल, इनवॉइस और इंटेंट लेटर भेजकर लोगों से रजिस्ट्रेशन फीस और सिक्योरिटी मनी के नाम पर लाखों रुपये वसूल लेता था. पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि ठगी की रकम का पूरा पता लगाया जा सके.

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