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गोरखपुर के श्रीकृष्ण पांडेय को प्रा. यशवंत राव केलकर पुरस्कार, देहरादून में सीएम धामी ने किया सम्मानित

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन में गोरखपुर के समाजसेवी श्रीकृष्ण पांडेय 'आजाद' को बाल भिक्षावृत्ति रोकने, नशामुक्ति और सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया गया.

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गोरखपुर के श्रीकृष्ण पांडेय को उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यशवंत राव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया
गोरखपुर के श्रीकृष्ण पांडेय को उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यशवंत राव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के समाजसेवी श्रीकृष्ण पांडेय ‘आजाद’ को सम्मानित किया गया. श्रीकृष्ण पांडेय स्माइल रोटी बैंक फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं और बीते कई वर्षों से बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और बाल नशामुक्ति के लिए कार्य कर रहे हैं. 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से शिक्षा, समाज, पर्यावरण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले युवाओं प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2025 प्रदान किया जाता है. जो इस वर्ष श्रीकृष्ण पांडेय को दिया गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड मैदान में आयोजित ABVP के कार्यक्रम में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया. 

Shri Krishna Pandey

बाल भिक्षावृत्ति-नशाखोरी रोकने और मनोरोगियों के पुनर्वास के लिए कर रहे काम
गोरखपुर समेत पूर्वांचल में 'आजाद' के नाम से पहचाने जाने वाले श्रीकृष्ण बाल भिक्षावृत्ति रोकने, मनोरोगियों के पुनर्वास, विभिन्न कारागारों में बंदियों के मनोविकास के लिए परामर्श, नशाखोरी रोकने और युवाओं को सामाजिक कार्यों में जोड़ने जैसी गतिविधियों से जुड़े हैं. पुरस्कार स्वरूप उन्हें एक लाख रुपये की राशि, प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न दिया गया.

वर्ष 1991 में स्थापित यह पुरस्कार प्रोफेसर यशवंतराव केलकर की स्मृति में प्रदान किया जाता है, जिन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के निर्माता के रूप में जाना जाता है और एबीवीपी के संगठनात्मक विस्तार और मजबूती में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है. यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विद्यार्थी निधि ट्रस्ट की एक संयुक्त पहल है. इस पुरस्कार का उद्देश्य युवा सामाजिक उद्यमियों के योगदान को उजागर करना, उन्हें प्रोत्साहित करना, उनके काम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और युवा व्यक्तियों को सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है. पुरस्कार के तहत एक लाख रुपये नकद, एक प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया जाता है.

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