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जो भी बूढ़ी महिला अस्पताल आती, उसे मार देता था... इतनों को मारा कि नाम पड़ गया डॉक्टर डेथ!

सीरियल किलर इतने खतरनाक होते हैं कि छोटी सी सनक के लिए भी लोगों की हत्या करने से नहीं हिचकते हैं. अभी हरियाणा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने 4 बच्चों की हत्या कर दी थी. ऐसे में जानते एक ऐसे डॉक्टर की कहानी जिसने अपने सैकड़ों महिला मरीजों की हत्या कर दी थी.

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दुनिया का सबसे खतरनाक सीरियल किलर था डॉक्टर डेथ (Representational Photo - Pexels)
दुनिया का सबसे खतरनाक सीरियल किलर था डॉक्टर डेथ (Representational Photo - Pexels)

एक के बाद एक चार बच्चों की बेरहमी से हत्या करने वाली हरियाणा की पूनम चर्चा में है. इस सीरियल किलर ने सिर्फ इस सनक में बच्चों की जान ले ली, क्योंकि सभी इससे दिखने में सुंदर थे. इतिहास में कई ऐसे सनकी साइको किलर हुए हैं, जिनकी अजीबोगरीब मानसिक विकृति लोगों के मौत की वजह बनी है. जानते हैं ऐसे ही खतरनाक सीरियल किलर की कहानी, जिसने 218 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. 

इतिहास के सबसे ख़तरनाक सीरियल किलर में से एक डॉक्टर डेथ के नाम से जाना जाता है. वह एक  शादीशुदा पारिवारिक व्यक्ति था. किसी समय वह एक लोकप्रिय ब्रिटिश चिकित्सक था. उसने अपने पद का इस्तेमाल करके 218 हत्याएं (और लगभग 250) कीं. इस शख्स का नाम  हेरोल्ड शिपमैन था.

1972 से 1999 तक करता रहा हत्या
 हेरोल्ड शिपमैन ने 1972 में अपनी हत्याओं का सिलसिला शुरू किया था. ऐसा माना जाता है कि उसने अपनी पहली क्लिनिक में काम करते हुए कम से कम 71 मरीज़ों की हत्या की थी और दूसरी क्लिनिक में भी करीब 140 हत्याएं की. दूसरी जगह काम करते हुए वह अपने सहकर्मियों से भिड़ गया था, क्योंकि उनके सहकर्मी उसे घमंडी, रूखा और अति-आत्मविश्वासी मानते थे.

एक साथी डॉक्टर का शिपमैन की हरकतों पर गया ध्यान 
1998 में  लिंडा रेनॉल्ड्स नाम की एक अन्य चिकित्सक ने  शिपमैन के रोगियों के बीच उच्च मृत्यु दर के बारे में चिंता व्यक्त की. विशेष रूप से शिपमैन के पास आने वाली बुजुर्ग महिलाओं की ज्यादा मौत हुई थी. क्योंकि शिपमैन ने बड़ी संख्या में बुजुर्ग महिलाओं के अंतिमसंस्कार की अनुमति देने वाले फॉर्म पर साइन किया था. 

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सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं की करता था हत्या
शिपमैन के पास आने वाली अधिकतर बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो जाती थी. उन्होंने जहां-जहां काम किया था, हर जगह यही समानताएं दिखाई दीं. खास बात यह थी कि इनमें से कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं था. अंतिम संस्कार के फॉर्म पर मौत की वजह बुढ़ापा बताया गया था. इन सुरागों के बावजूद, प्रारंभिक जांच में की गई लापरवाही ने शिपमैन को तीन और हत्याएं करने का मौका दिया.

उसी साल बाद में शिपमैन की किस्मत तब पलट गई, जब उसकी आखिरी शिकार, वकील कैथलीन ग्रंडी की बेटी ने दावा किया कि उसने न सिर्फ उसकी मां की हत्या की थी, बल्कि एक नई, फर्ज़ी वसीयत भी बनवाने की कोशिश की थी. उस वसीयत में शिपमैन ने खुद को एकमात्र लाभार्थी बताया गया था. 

अंतिम शिकार की बेटी ने पकड़ा
शिपमैन के पिछले शिकारों के उलट, ग्रंडी का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था. जब शव का पोस्टमार्टम किया गया तो डायमॉर्फिन (वह दवा जिसका इस्तेमाल शिपमैन अपनी ज़्यादातर हत्याओं के लिए करता था) की घातक मात्रा पाई गई थी. शिपमैन पर औपचारिक रूप से 15 हत्याओं का आरोप लगाया गया.

जेल में कर ली थी आत्महत्या
 2000 में शिपमैन को दोषी ठहराकर बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई. चार साल बाद, शिपमैन ने अपनी कोठरी में आत्महत्या कर ली. उसने कभी किसी हत्या की बात स्वीकार नहीं की.

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