मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब 12वीं कक्षा में भी ग्रेडिंग अप्रणाली को लागू करने की संभावना तलाश रहा है. इससे पहले मंत्रालय ने छात्रों पर परीक्षा और अंकों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से 10वीं कक्षा में ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने का फैसला किया था.
राज्यों के सचिवों के सम्मेलन के अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि 12वीं कक्षा में ग्रेडिंग प्रणाली को पेश करने का विचार आया है और इस संबंध में विचार विमर्श चल रहा है. इस विषय पर पहले विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जाएगी और समिति की मंजूरी के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.
बहरहाल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार स्नातक स्तर पर छात्रों पर दाखिले को लेकर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए स्कालिस्टिक अप्टीट्यूड टेस्ट की तर्ज पर राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर भी विचार चल रहा है.
सूत्रों ने बताया कि इन विषयों पर खाका तैयार करने के लिए कार्यबल का गठन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ विश्वविद्यालयों में अंक के स्थान पर ग्रेड को तरजीह देने के मद्देनजर 12वीं में ग्रेडिंग प्रणाली की संभावना तलाशी जा रही है. इस विषय पर एक खाका तैयार किया जाएगा जिसमें स्नातक स्तर पर इससे पड़ने वाले प्रभावों का भी आकलन किया जाएगा.
मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि स्नातक स्तर पर भौतिकी, रसायन और गणित के मुख्य पाठयक्रम को व्यापक बनाए जाने की जरूरत है और इसमें मानविकी विषयों को शामिल किए जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि अगर इस विषय पर सहमति बनती है तो विज्ञान का छात्र कामर्स या मानविकी और मानविकी का छात्र कामर्स या विज्ञान विषय का चयन कर सकेगा.
राज्यों के सचिवों के सम्मेलन के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें शिक्षा, विशेष तौर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा को रटंत ज्ञान पर आधारित होने की बजाए बच्चों की रचनात्मकता पर आधारित बनाए जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर को कम करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना तथा बेहतर शिक्षकों को व्यवस्था में शामिल करने का दायित्व मुख्य रूप से राज्यों पर है. सिब्बल ने कहा कि सभी राज्य की अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं लेकिन इन चुनौतियों को केंद्र में रखकर राज्य निर्देशित शिक्षा योजना तैयार की जानी चाहिए और इसमें सभी राज्य एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं.
मंत्री ने कहा कि 10 प्रतिशत और उससे अधिक आर्थिक विकास के लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है जब शिक्षा के क्षेत्र को विशेष तवज्जो दी जाए और सकल नामांकन दर को बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाए.